स्वामी धर्मबंधु कुछ लोग हिन्दू शब्द को ऋग्वेद में ढूंढ़ने का बौद्धिक विलास जैसा करते हैं, परन्तु वेद और उसके अंग में जैसे ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद,अथर्ववेद, आयुर्वेद, धनुर्वेद, गन्धर्ववेद, अर्थवेद, ऐतरेय ब्राह्मण, शतपथ ब्राह्मण, ताण्ड्य ब्राह्मण, साम ब्राह्मण, विंश ब्राह्मण, गोपथ ब्राह्मण या किसी १०२७ वेद की शाखाओ में हिन्दू शब्द उपलब्ध नही है […]
Month: July 2021
ओ३म् ‘ हमने एक सप्ताह पूर्व श्री दर्शन कुमार अग्निहोत्री जी (कीर्तिशेष दिनांक 16-5-2021) के मामा जी से बात की थी। वह दिल्ली में रहते हैं और लगभग उन्हीं की आयु के आर्य सत्पुरुष हैं। वह भी श्री दर्शन कुमार अग्निहोत्री की तरह आर्यसमाज की विचारधारा और महात्मा प्रभु आश्रित के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने […]
✍🏻 लेखक – डॉ० सुरेन्द्रकुमार ( मनुस्मृति भाष्यकार एवं समीक्षक ) 📚 आर्य मिलन 🌹 ( अ ) डॉ० अम्बेडकर का मनु प्राचीन मनुओं से भिन्न है : डॉ० भीमराव अम्बेडकर ने अपने साहित्य में अनेक स्थलों पर ‘ मनु ‘ का नाम लेकर कटु आलोचना की है । ऐसी स्थिति में प्रश्न उठता है […]
हमारे लिए वायु का क्या महत्व है ?
श्वास हमें किस प्रकार पवित्र करते हैं? मरुतः पिबत ऋतुना पोत्राद् यज्ञं पुनीतन। यूयं हि ष्ठा सुदानवः । ऋग्वेद मन्त्र 1-15-2 (मरुतः) वायु, श्वास (पिबत) पीना (ऋतुना) उचित प्रकार से, ऋतुओं के अनुसार (पोत्रात्) पवित्र करने वाले (यज्ञम्) त्याग (पुनीतन) पवित्र कर दो (यूयम्) आप (हि) निश्चय से (स्था) हो (सुदानवः) बुराईयों के नाशक, प्रत्येक […]
हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम और सीएम का भी ऐलान – पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000 का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है सजा। राज एक्सप्रेस। हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम और सीएम का भी ऐलान आया है कि, पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा […]
कांग्रेस में जबसे सोनिया गाँधी का रंग चढ़ा है, कांग्रेस में हिंदुत्व पर प्रहार तेज हो गए हैं। चुनावों में मंदिरों में जाकर माथा टेकना ठीक उसी तरह है, जैसे आँखों देखी मक्खी खा जाना। आखिर फिरोज जहांगीर का वंश हिन्दू कैसे? दूसरे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने अपनी पुस्तक […]
माँ के पल्लू पर शानदार निबन्ध
बीते समय की बातें हो चुकी हैं. माँ के पल्लू का सिद्धाँत … माँ को गरिमामयी छवि प्रदान करने के लिए था. इसके साथ ही … यह गरम बर्तन को चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को पकड़ने के काम भी आता था. पल्लू की बात ही निराली थी. पल्लू पर तो बहुत कुछ […]
✍🏻 – भाई परमानन्द निवृत्ति-मार्ग का अर्थ अपने लिए मुक्ति या शान्ति प्राप्त करना है। संसार में बहुत-से मनुष्य ऐसे हैं जो प्रवृत्ति-मार्ग की अपेक्षा इसे अच्छा समझते हैं। जिस समय समाज अपनी प्राकृतिक अवस्था में होता है तो इस सिद्धान्त पर न कोई आपत्ति आती है, न कोई विघ्न पड़ता है। निःसंदेह यह ठीक […]
पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद जैसे लोग आज शंकराचार्य जैसे पद पर बैठकर जातिवाद और रूढ़ीवाद फैला रहें हैं, वे जन्मना जातिव्यवस्था का प्रचार करते हैं, शूद्रों को पढ़नें का अधिकार नहीं है, शूद्रों को मंदिर में प्रवेश करनें का अधिकार नहीं है, छुआछूत शास्त्र सम्मत है इस तरह की भ्रांतियां फैला रहें हैं जिसनें […]
“अपने बच्चों को आत्मनिर्भर तथा पुरुषार्थी बनाएं। पराधीन और आलसी नहीं।” हो सकता है, आप धनवान व्यक्ति हों। आपके घर में बहुत संपत्ति हो। कुछ नौकर चाकर भी हों। और वे आपका सब काम कर सकते हों, करते भी होंगे। “परंतु जैसे आप पुरुषार्थी हैं, अपना बहुत सा कार्य स्वयं करते हैं। अपने काम की […]