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आज का चिंतन

जीव कर्म करने में स्वतंत्र है, लोग करते हैं इसका दुरुपयोग : स्वामी विवेकानंद परिव्राजक

“जीव कर्म करने में स्वतंत्र है। लोग इस सिद्धांत का दुरुपयोग अधिक करते हैं, और इससे लाभ कम उठाते हैं।” वेदों के अनुसार यह सिद्धांत ठीक है कि “आत्मा कर्म करने में स्वतंत्र है।” स्वतंत्र का अर्थ होता है — “कानून या संविधान की सीमा में रहते हुए जितने काम करने की छूट दी गई […]

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आओ कुछ जाने

निश्चित को छोड़कर अनिश्चित का सहारा लेने वाले की क्या होती है गति

चाणक्य नीति यो ध्रुवाणि परित्यज्य ह्यध्रुवं परिसेवते। ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति चाध्रुवं नष्टमेव तत्।। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो निश्चित को छोड़कर अनिश्चित का सहारा लेता है, उसका निश्चित भी नष्ट हो जाता है। अनिश्चित तो स्वयं नष्ट होता ही है। अभिप्राय यह है कि जिस चीज का मिलना पक्का निश्चित है, उसी को पहले […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत में कृष्ण के पास पांचजन्य शंख था, आइए जाने उसके बारे में विशेष

    महाभारत में कृष्ण के पास पाञ्चजन्य, अर्जुन के पास देवदत्त, युधिष्ठिर के पास अनंतविजय, भीष्म के पास पोंड्रिक, नकुल के पास सुघोष, सहदेव के पास मणिपुष्पक था। सभी के शंखों का महत्व और शक्ति अलग-अलग थी। शंखों की शक्ति और चमत्कारों का वर्णन महाभारत और पुराणों में मिलता है। शंख को विजय, समृद्धि, […]

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राजनीति

मायावती का हाथी ऐसे बनेगा प्रदेश के ब्राह्मणों का साथी

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” मीडिया सूत्रों से ख़बर मिली है कि 23 जुलाई को अयोध्या में होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन से पहले पार्टी नेता और पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने एलान किया कि बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई बसपा लड़ेगी। खुशी कुख्यात विकास दुबे […]

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देश विदेश

लियोनार्दो उनके राष्ट्रीय गौरव ,हमारे कौन ?

लेखक:- प्रशांत पोळ इस बार यूरोप प्रवास में इटली में अच्छा खासा घूमना हुआ. इटली तो इसके पहले भी तीन – चार बार गया था. लेकिन तब अपना काम कर के जल्द लौट आना, यही दिनचर्या होती थी. पर्यटक इस नाते इटली देखना रह गया था, जो इस बार संभव हो सका. लेकिन इस बार […]

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आज का चिंतन

वेदों ने विद्या प्राप्त मनुष्यों के लिए ‘द्विज’ शब्द का प्रयोग किया है

ओ३म् ========= संसार में दो प्रकार के लोग हंै जिन्हें हम शिक्षित एवं अशिक्षित तथा चरित्रवान एवं चारीत्रिक दृष्टि से दुर्बल कह सकते हैं। सृष्टि के आरम्भ में वेदोत्पत्ति से पूर्व न तो भाषा थी, न ज्ञान और न ही किसी प्रकार का शब्द भण्डार। यह सब वेदों की देन है। वेदों की रचना वा […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन अध्याय – 2, भाग – 2, राजा पोरस का अवतार

  राजा पोरस का अवतार हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि सिकन्दर के समय राजा पोरस ने अपने पौरुष के प्रताप से विदेशी आक्रमणकारी को मार भगाया था । जिसे इतिहासकारों ने इतिहास में सही स्थान व सम्मान नहीं दिया । अब उसी पोरस के उत्तराधिकारी के रूप में एक नया योद्धा हमारी सीमाओं […]

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उगता भारत न्यूज़

भारत में बैन हो एमनेस्टी इंटरनेशनल, भारतीय लोकतंत्र और यहां की सरकार के खिलाफ साजिश का लंबा इतिहास : हिमन्त बिसवा सरमा असम मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 20 जुलाई 2021 को पेगासस रिपोर्ट पर वामपंथी मीडिया के साथ अंतरराष्ट्रीय समूह को मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ”कुछ मीडिया आउटलेट्स ने कहा है कि कुछ लोगों को चिन्हित करके उनकी जासूसी की जा रही है, लेकिन वह इसकी पुष्टि […]

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आज का चिंतन

जीव क्या लेकर आता है जगत में और क्या लेकर जाता है ?

क्या जीव जग में कुछ भी लेकर नहीं आता ? तथा क्या जग से कुछ भी लेकर नहीं जाता ? क्या जीव बहुत कुछ साथ लाता है जग में , एवम बहुत कुछ ले जाता है जग से ? उक्त शंका, भ्रांति अथवा प्रश्नों को समझने के लिए सर्वप्रथम ईश्वर , जीव और प्रकृति को […]

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गौ और गोवंश पर्व – त्यौहार

बेजुबान जानवर को मारने से कहीं बेहतर है कि …..

🙏बुरा मानो या भला🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” किसी बेज़ुबान, निर्दोष, निष्कलंक और मासूम जानवर की बलि (कुर्बानी) देने से ईश्वर (अल्लाह) प्रसन्न नहीं हो सकता। जीवन और मृत्यु दोनों ही ईश्वर के हाथों में हैं। आप जिसको जीवन नहीं दे सकते उसकी हत्या करने का अधिकार भी आपका नहीं हो सकता। यह नियम किसी मज़हब/धर्म […]

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