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समाज

वार्षिकोत्सव का गूगल मीट एवं फेसबुक पर प्रसारण : गुरुकुल पौंधा देहरादून का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव 5 जून 6 जून 2021 को आयोजित

ओ३म् =========== गुरुकुल पौंधा-देहरादून देश में बालकों के प्रमुख गुरुकुलों में से एक है। इसकी स्थापना 21 वर्ष पूर्व जून, 2000 में हुई थी। हम इस स्थापना के अवसर पर उपस्थित थे और उसके बाद से गुरुकुल के सभी उत्सवों एवं अन्य कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे हैं। बीच में भी जब मन करता है […]

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स्वास्थ्य

एलोपैथी के मुकाबले आयुर्वेद की क्यों की जाती रही है उपेक्षा

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 “आयुर्वेद को हर कदम पर अग्नि परीक्षा देने के लिए कहा जाता है। लेकिन एलोपैथी को सौ गलतियाँ माफ।” ये एक तथ्य है या सिर्फ मेरे दिमाग का भ्रम, कहना मुश्किल है। ताज़ा चीनी वायरस के मामले में,पहले हाईड्रॉक्सिक्लोरोक्विन को अचूक माना, दुनिया में भगदड़ मची उसको लेने की।फिर उसका नाम हटा लिया, शकहा […]

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राजनीति

योगी के जन्मदिन पर हिंदुओं की पीड़ा : योगी आदित्यनाथ बब्बर शेर नहीं गीदड़ है, हिंदुओं के लिए योगी भी मायावती अखिलेश साबित हुए

आचार्य श्री विष्णुगुप्त योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन है, योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर चमचे ,बेलचे, दलाल और फर्जी हिंदू उन्हें बब्बर शेर, हिंदुओं का मसीहा, एक आइडियल मुख्यमंत्री के तौर पर प्रचारित प्रसारित कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार में हिंदुओं की जितनी प्रताड़ना हुई उतनी प्रताड़ना अखिलेश और मायावती के राज में […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत के मूल निवासी कौन ?

मूल निवासी कौन ? कई दिनों से देख रहा हूँ कुछ अम्बेडकरवादी लोग आर्यों को विदेशी कह रहे है। ये कहते हैं कि कुछ साल पहले ( 1500 BC लगभग ) आर्य बाहर से ( इरान/ यूरेशिया या मध्य एशिया के किसी स्थान से) आए और यहाँ के मूल निवासियों को हरा कर गुलाम बना […]

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आओ कुछ जाने पर्यावरण

दास्तान ए दरख़्त और गांव

बिसोन्दू का यह सघन हरा भरा वृक्ष ग्रेटर नोएडा के बूढ़े मकोड़ा गांव की निशानी स्थल पर खड़ा हुआ है। बिशोन्दू का यह वृक्ष दिल्ली एनसीआर का कल्पवृक्ष है इसकी पत्तियां छोटी नुकीली होती हैं। भयंकर गरम सूखे वातावरण में भी हरा-भरा रहता है जैसे ही सावन लगता है इसके जामुन के आकार के फल […]

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पर्यावरण

भारतीय धरा हमारी मां है अतः पर्यावरण संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया के अनुसार, पर्यावरण शब्द ‘परि+आवरण’ के संयोग से बना है। ‘परि’ का आश्य चारों ओर तथा ‘आवरण’ का आश्य परिवेश है। पर्यावरण के दायरे में इसलिए वनस्पतियों, प्राणियों और मानव जाति सहित सभी सजीवों और उनके साथ संबंधित भौतिक परिसर को शामिल किया जाता है। वास्तव में पर्यावरण में जल, अग्नि, वायु, […]

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आतंकवाद देश विदेश संपादकीय

चीन को अपने किए की माफी विश्व समुदाय से मांगनी ही होगी

चीन अब विश्व स्तर पर अपनी होती बेइज्जती को समझने लगा है । उसे पता चल गया है कि दुनिया को खत्म कर दुनिया पर हुकूमत करने की जो उसने योजना बनाई थी, वह कितनी गलत हो सकती है ? और उसकी इस योजना के चलते उसे विश्व स्तर पर कितना अपमान झेलना पड़ रहा […]

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मुद्दा

जहरीली शराब के लिए प्रदेश की मशीनरी जिम्मेदार

अशोक मधुप दस रुपये की शराब पर लाइसैंस शुल्क और टैक्स लगभग 58−60 के आसपास पड़ता है। दस रुपये की शराब 80 रुपये में खरीदने वाला ग्राहक समझता है कि उसे सही शराब मिल रही है। ऐसे में ठेके से जहरीली शराब मिल रही है तो प्रदेश की मशीनरी जिम्मेदार ,है। अलीगढ़ में जहरीली शराब […]

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विविधा

आयुर्वेद व योग भारत की अपनी चिकित्सा पद्धति

राकेश सैन यह बात ठीक है कि शताब्दी-डेढ़ शताब्दी पूर्व एलोपैथी के आने से पहले भी देश में युगों से रुग्णों का इलाज होता रहा है परन्तु आधुनिक समय में एलोपैथी के बिना चिकित्सा व्यवस्था के बारे में सोचा भी तो नहीं जा सकता। योग गुरु बाबा रामदेव जी द्वारा एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर […]

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पर्यावरण

संतुलित विकास के लिए पर्यावरण संरक्षण समय की सबसे बड़ी आवश्यकता

कलराज मिश्र जैसे-जैसे हम भौतिकता की अंधी दौड़ में आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे आपदाओं को निमंत्रण देने लगे हैं। अभी कोविड के जिस भयावह दौर को हम सभी झेल रहे हैं उसके मूल में भी विकास की उपभोक्तावादी सोच ही प्रमुख है। याद रखें, प्रकृति और जीवन की उपेक्षा कर विकास को गति देने […]

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