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कविता

मांसाहार त्यागो ,…. शाकाहारी बनो

  कंद-मूल खाने वालों से मांसाहारी डरते थे। पोरस जैसे शूर-वीर को नमन सिकंदर करते थे॥ चौदह वर्षों तक खूंखारी वन में जिसका धाम था। राक्षसों का वध करने वाला शाकाहारी राम था॥ चक्र सुदर्शन धारी थे हर दुर्जन पर भारी थे। वैदिक धर्म पालन करने वाले कृष्ण शाकाहारी थे॥ शाकाहार के मन्त्र को महाराणा […]

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इतिहास के पन्नों से

कोणार्क सूर्य मंदिर की गौरवमयी कहानी

कोणार्क सूर्यमन्दिर – : अपरा इतिहास परा इतिहास से अब हम अपरा इतिहास की ओर चलते हैं। नरसिंह से मिलते जुलते रूप में सूर्य का उकेरण मेक्सिको की एज़्टेक सभ्यता में भी मिलता है। अपनी तीखी ताप के कारण वहाँ भी सूर्य उग्र रूप में चित्रित है और उसका एक प्रकार सिंह जाति का प्राणी […]

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महत्वपूर्ण लेख

किसान वर्ग ही अर्थव्यवस्था को दे सकता है सहारा : सरकार को दिखानी होगी किसान के प्रति पूरी हमदर्दी

  गाजियाबाद। ( ब्यूरो डेस्क ) अब जबकि गाँव गांव, गली गली और खेतोखेत खरीफ फसल बुआई की तैयारी हो रही है और देश में लाकडाऊन का दौर ढलान पर है तब सभी को खरीफ कृषि के संदर्भ यह कहावत स्मरण कर लेना चाहिए – असाड़ साउन करी गमतरी, कातिक खाये, मालपुआ। मांय बहिनियां पूछन […]

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स्वर्णिम इतिहास

भारत के किलों की कहानी, भाग – 1, अजेय रहा है कुंभलगढ़ का किला

अजेय रहा है कुंभलगढ़ का किला कुम्भलगढ़ का दुर्ग भारत के गौरवशाली इतिहास को अपने अंक में समाहित करने वाले महान किलों में से एक है । इसका गौरवशाली इतिहास भारत के स्वर्णिम इतिहास एक उज्ज्वल पृष्ठ है। विदेशी तुर्क आक्रमणकारियों से भारत की स्वाधीनता के लिए संघर्ष करने की कहानी की साक्षी देता यह […]

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देश विदेश

क्या चाइना की 3 बच्चों की नीति परवाने चढ़पाएगी

चंद्रभूषण चीन में एक दंपति के लिए एक बच्चे की नीति 1980 से 2015 तक चली। फिर इसे दूरगामी रूप से समाज के लिए नुकसानदेह मानकर बदला गया और 2016 से प्रति दंपति दो बच्चों की नीति लागू की गई। इस बदलाव को लेकर उत्साह वहां सिर्फ एक साल देखा गया। सन 2017 में चीन […]

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पर्यावरण

पर्यावरण :… अन्यथा विनाश निश्चित है

अन्यथा विनाश निश्चित है (विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष) ◼️ जिन्होंने भूमि, जल, वायु को प्रदूषित किया व कर रहे हैं। ◼️ जो स्थूल प्रदूषण को हटाने का ढोंग करके सूक्ष्म व अधिक घातक प्रदूषण को फैला रहे हैं। ◼️ जो नाना प्रकार के प्राणियों व वनस्पतियों की प्रजातियों को नष्ट कर चुके हैं व […]

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कहानी

बुजुर्गों से हम हैं, हम से बुजुर्ग नहीं

रवींद्र श्रीवास्तव मेरी उंगली पकड़ के चलते थे अब मुझे रास्ता दिखाते हैं मुझे किस तरह से जीना है मेरे बच्चे मुझे सिखाते हैं… दिल्ली हाईकोर्ट ने जब ब्लैक फंगस की दवा की किल्लत के संदर्भ में कहा कि बुजुर्गों ने अपना जीवन जी लिया। युवा देश के भविष्य हैं, उन्हें प्राथमिकता से बचाया जाना […]

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पर्यावरण

तो क्या ‘हीरों’ के लिए इतने बड़े हरे जंगल को नष्ट कर देंगे ?

सौरभ जैन मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला स्थित बकस्वाहा के जंगल में पिछले दिनों देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार होने की खबर सामने आई। हीरे के इस भंडार को पाने के लिए अब वहां के 382.131 हेक्टेयर जंगल को खत्म करने की योजना है। बकस्वाहा के इस जंगल को बचाने के लिए सोशल मीडिया […]

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आओ कुछ जाने पर्यावरण

कोरोना काल में मृत्यु और ईश्वर अनुस्मरण का महत्व

योगाभ्यास विधि : आत्म – उत्थान   महाभारत में यक्ष-युद्धिष्ठिर सम्वाद बहुत प्रसिद्ध है। यक्ष युद्धिष्ठिर से प्रश्न करते हैं : संसार में सब से अधिक चकित करने वाली चीज़ क्या है ? युधिष्ठिर ने उत्तर दिया : मृत्यु। सभी लोग दूसरों को मरता देखते हैं, परन्तु वर्ताव ऐसे करते हैं कि वे कभी मरेंगे […]

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धर्म-अध्यात्म

जीवात्मा के भीतर और बाहर व्यापक परमात्मा को जानना हमारा मुख्य कर्तव्य

ओ३म् ========== संसार में अनेक आश्चर्य हैं। कोई ताजमहल को आश्चर्य कहता है तो कोई लोगों को मरते हुए देख कर भी विचलित न होने और यह समझने कि वह कभी नहीं मरेगा, इस प्रकार के विचारों को आश्चर्य मानते हैं। हमें इनसे भी बड़ा आश्चर्य यह प्रतीत होता है कि मनुष्य स्वयं को यथार्थ […]

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