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Month: June 2021
डॉ. कौशल कांत मिश्रा कोरोना की दूसरी वेव में हमने देश के स्वास्थ्य ढांचे को पूरी तरह से चरमराते हुए देखा। बेड, ऑक्सिजन और दवाओं की कमी की वजह से कई लोगों ने अपनों को खोया। कोरोना का कहर जिस तरह बरपा, उससे हमें यह बात तो समझ आ गई है कि जीडीपी के 2 […]
शाहजहां और औरंगजेब के काल में जिस पश्चिम (यूरोपियन देशों के लोग ) से भारत पर नए आक्रमण की तैयारियां प्रारंभ होने लगी थी , भारत अब उनसे जूझने की तैयारियां करने लगा था। मुगल बादशाहों ने इन विदेशी लोगों की हिंदुओं के साथ क्रूरता के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की । समकालीन इतिहास का […]
अवधेश कुमार जो मानकर चल रहे थे कि पश्चिम बंगाल में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद बीजेपी चुनाव पूर्व उत्तर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन करेगी, उन्हें निराशा हाथ लगी है। भारतीय राजनीति में उत्तर प्रदेश का महत्व हमेशा रहा है। कांग्रेस जब से राज्य में सिमट गई, राष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी शक्ति कमजोर […]
प्रणव प्रियदर्शी अमेरिका में पिछले साल नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनावों में प्रचार का दौर वैसा रोमांचक, नाटकीय और यादगार नहीं रहा, जैसा मतों की गिनती का आम तौर पर औपचारिक माना जाने वाला दौर। लेकिन सबसे ज्यादा हैरतअंगेज रहा चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद संसद की बैठक में जीत-हार के फैसले पर मुहर […]
आतंकी गोली से पहले इस्लामीकरण का खेल नेता खेलने लगे थे, अफसोस! तीन दशकों से कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार होता रहा है। हाल ही में तीन आंतकियों द्वारा दक्षिणी कश्मीर के त्राल में नगर पार्षद बीजेपी […]
प्रणय कुमार निःसंदेह योग एवं आयुर्वेद को देश-दुनिया तक पहुँचाने में स्वामी रामदेव का योगदान अतुल्य एवं स्तुत्य है। उन्होंने योग और आयुर्वेद को शास्त्र एवं संस्थाओं से बाहर निकाल जन-जन तक पहुँचाने का अभूतपूर्व कार्य किया। इससे आम जन के धन और स्वास्थ्य की रक्षा हुई। उनके कार्यक्रमों को देख-सुन, उनके शिविरों में […]
ईसाई लोगों की दृढ़ व प्रमुख मान्यता है कि मुक्ति केवल यीशु के माध्यम से ही मिल सकती है और ईसाई धर्मांतरण भी ठीक इसी बात पर आधारित है कि यीशु में विश्वास से सभी पाप धूल जाते है और हमेशा के लिए मुक्ति (salvation) मिल जाती है। इसलिए हिंदुओ व अन्य लोगों, जिसका […]
कोणार्क सूर्यमन्दिर चेतावनी: मन्दिर यात्रा अब उस क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी है जहाँ गम्भीर और पूर्वग्रहमुक्त पाठन की माँग है। कुछ शब्द, सामग्री और चित्रादि सम्वेदनशील जन को लज्जास्पद लग सकते हैं। हालाँकि गणित, स्थापत्य, ज्यामिति, साहित्यादि के कारण इसके रोचक होते जाने की भी आशंका है 😉 स्वविवेक से निर्णय लें कि इस […]
ओ३म् मनुष्य जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति कर सत्य व असत्य को जानना, असत्य को छोड़ना, सत्य को स्वीकार करना व उसे अपने आचरण में लाना है। सबसे पहला कार्य जो मनुष्य को करना है वह स्वयं को व इस संसार को अधिक सूक्ष्मता से न सही, सार रूप में जानना तो है ही। […]