आपका भविष्य आपके विचारों, गुण कर्म स्वभाव तथा आप के पुरुषार्थ पर निर्भर है। आपके विचारों, गुण कर्म स्वभाव और पुरुषार्थ को आप स्वयं ही जानते हैं। तो आप अपना भविष्य भी स्वयं ही जान सकते हैं। इसके लिए किसी ज्योतिषी आदि के पास जाने की आवश्यकता नहीं है। “मेरा भविष्य कैसा होगा? मेरे जीवन […]
Month: May 2021
क्रंदन दूर होगा एक दिन …..
क्रंदन दूर होगा एक दिन …… निशा निराशा की आये उत्साह बनाए रखना तुम। लोग नकारा कहें भले उत्कर्ष पे नजरें रखना तुम।। भवसिंधु से तरने हेतु निज पूर्वजों से अनुभव लो। उल्टे प्रकृति के चलो नहीं मन में ये ही नियम धरो।। कुछ भी दुष्कर है नहीं […]
उमेश चतुर्वेदी कोरोना महामारी की डराती अनगिनत कहानियों के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने संकेत दिया है कि दसवीं की तरह वह बारहवीं की परीक्षा भी रद्द कर सकता है। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने भी दसवीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है। दिलचस्प यह है कि बारहवीं की परीक्षा को लेकर […]
अजय कुमार ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि नौकरशाहों तथा राजनीतिक दलों को जहाँ पर भी संभव हो वहां एक दूसरे को सहयोग देना चाहिए क्योंकि दोनों ही जनता के प्रति जवाबदेही होती हैं। दोनों का ही ‘धर्म’ जनता की सेवा करना होता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ब्यूरोक्रेसी यानी […]
उगता भारत ब्यूरो नई दिल्ली। चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद से सबसे बड़ा सवाल तो यही था कि चौधरी खानदान की राजनीतिक विरासत को कौन संभालेगा? इन सबके बीच राष्ट्रीय लोक दल अपने एक बयान साझा किया है जिसमें पार्टी के नए अध्यक्ष के तौर पर जयंत चौधरी को चुने जाने की जानकारी […]
*कोरोना अवसाद: स्वयं से संघर्ष*
राजेश बैरागी इतना अवसाद जीवन में कभी न था। घरेलू कष्टों से लेकर कार्यस्थल पर वरिष्ठ अधिकारी के सौतेले व्यवहार तक से होने वाला अवसाद बेहद कम था। जीवन इस प्रकार ठहर जाएगा और जीवन घरों में कैद हो जाएगा,ऐसी कल्पना भी कभी नहीं की थी।कोरोना के बीते चौदह महीनों में अपने ही घर से […]
मुगलों का महिमामंडन मुख्यधारा की मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर उदारवादियों और वामपंथियों द्वारा अक्सर किया जाता है। यहाँ तक भी दावे किए जाते हैं कि औरंगजेब जैसे आक्रांताओं ने भी भारत में रहते हुए मंदिरों की रक्षा की और उनकी देखरेख का जिम्मा उठाया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्कूलों […]
ओ३म् -स्वाध्याय से मनुष्य को अनेक लाभ- ========== स्वाध्याय करना वैदिक धर्मियों के जीवन का अनिवार्य कार्य, आचरण एवं व्यवहार है। स्वाध्याय से प्रत्यक्ष लाभ ज्ञान की वृद्धि के रूप में सामने आता है। मनुष्य को सद्ग्रन्थों का ही स्वाध्याय करना चाहिये। ऐसा करने से ही मनुष्य के सद्ज्ञान में वृद्धि होती है। कुछ साहित्य […]
यदि आप के कारण कोई प्रसन्न होता है, तो इससे आपको पुण्य मिलता है। यदि आप के कारण कोई दुखी होता है, तो इससे आपको पाप लगता है। अतः पुण्य कमाएँ, पाप नहीं। व्यक्ति सुबह से रात्रि तक प्रायः खाली नहीं बैठता, दिनभर कुछ न कुछ कर्म करता रहता है। उन कर्मों में से कुछ […]
जब भारत गुलामी के दौर में था, तो कई ऐसे कानून बने जिनके जरिये यहाँ की मूल जनता को कुचला जा सके। इनके कारण जो चीज़ें हमारी संस्कृति का हिस्सा थी, उनमें से कई लापता होने लगी। जब शास्त्रों और शस्त्रों पर प्रतिबन्ध लगने लगे तो कई कलाओं को उनका रूप बदलकर जीवित रखा […]