विनोद कुमार यादव 10 मई 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की वीरगाथा दिल्ली-एनसीआर के ग्रामीण इलाकों से ताल्लुक रखने वाले नायकों की शहादत के जिक्र के बगैर पूरी नहीं होती। उस स्वतंत्रता संग्राम में उत्तर भारत के कई छोटे शहरों और गांवों ने अपने-अपने तरीके से अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिलाने में योगदान किया था। […]
Month: May 2021
राकेश सैन याद रहे कि ममता ने 1984 में जादवपुर से ही वामपन्थी नेता सोमनाथ चटर्जी को पराजित कर देश की राजनीति में सनसनी पैदा कर दी थी और उसके बाद 1989 को छोड़ कर कोई चुनाव नहीं हारीं। उन्हें देश की पहली महिला रेल मन्त्री होने का भी गौरव मिला। कोमोडो ड्रैगन इण्डोनेशिया की […]
प्रस्तुति – आर्य सागर खारी आज के समय में मेडिकल की दुनिया सिर्फ दवाई और डायग्नोसिस तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि आहार-सेहत इसके महत्वपूर्ण फैक्टर हो गए हैं। हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में पोषण और आहार के क्षेत्र में बतौर डाइटिशियन कॅरियर बनाना अब लोगों को काफी फायदेमंद लगने लगा है। आज के समय […]
अजय कुमार 12 सदस्यीय टीम में दिल्ली के अस्पतालों से तीन डॉक्टरों, महाराष्टु और तमिलनाडु से दो-दो, गुरुग्राम और पश्चिम बंगाल से एक-एक के अलावा केन्द्र सरकार के सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण एवं केन्द्रीय कैबिनेट सचिव को भी शामिल किया गया है। देश की सर्वोच्च अदालत का कोरोना महामारी के चलते होने वाली मौतों […]
नई दिल्ली । 18 57 की क्रांति के अमर शहीदों को एक वेबीनार के माध्यम से राष्ट्र निर्माण पार्टी की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई । वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए ‘उगता भारत’ के संपादक और सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि सरकार को क्रांतिकारियों की […]
10 मई 1857 के स्वतंत्रता सेनानियों को किया नमन गाजियाबाद,सोमवार 10 मई 2021,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में 10 मई 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों को स्मरण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।यह कोरोना काल मे परिषद का 216 वां वेबिनार था। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने […]
(सीताराम येचुरी के रामायण, महाभारत के संदर्भ से हिंदुओं को हिंसक बताये जाने पर वामपंथियों को दर्पण दिखाती तीन वर्ष पुरानी मेरी पोस्ट पुन: प्रस्तुत है।) रहस्यमयी बात है कि Oulanem उलटा नाम है Emmanuel का जो जीसस का एक बाइबिल नाम ही है।इसका हिब्रू में अर्थ है ‘ईश्वर हमारे साथ है’। नामों को […]
-प्रियांशु सेठ सूर्यवंशी और चन्द्रवंशी राजाओं की सन्तान ही राजपूत लोग हैं। मेवाड़ के शासनकर्त्ता सूर्यवंशी राजपूत हैं। ये लोग सिसोंदिया कहलाते हैं; जो श्रीरामचन्द्र जी के पुत्र लव की सन्तान हैं। वाल्मीकि रामायण में आया है कि श्रीराम जी ने अपने अन्तिम समय लव को दक्षिण कौशल और कुश को उत्तरीय कौशल का […]
वीर सावरकर रचित ‘१८५७ का स्वातंत्र्य समर’ विश्व की पहली इतिहास पुस्तक है, जिसे प्रकाशन के पूर्व ही प्रतिबंधित होने का गौरव प्राप्त हुआ। इस पुस्तक को ही यह गौरव प्राप्त है कि सन् १९०९ में इसके प्रथम गुप्त संस्करण के प्रकाशन से १९४७ में इसके प्रथम खुले प्रकाशन तक के अड़तीस वर्ष लंबे कालखंड […]
इतिहास गवाह है – भारत में दूध की नदियां बहती थीं, भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, भारत का आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पूरे विश्व में बोलबाला था, भारतीय सनातन धर्म का पालन करने वाले लोग सुदूर इंडोनेशिया तक फैले हुए थे। भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग […]