जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में महिषासुर शहादत दिवस पर अनेक बार कार्यक्रम आयोजित होता रहा है । आयोजकों का कहना है कि बंग देश के राजा महिषासुर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नायक थे, लेकिन इतिहास लिखने वालो ने उन्हें खलनायक के रूप में पेश किया है । महिषासुर दस्यु थे और उनका दमन करने वाली […]
महीना: मई 2021
Random_Musings_On_Bhagwat_Gita: Going On.. थोड़े साल पहले जब भारत में टेलीवीजन आया तो मोहल्ले के एक टीवी के आगे इलाके के सब लोग जुटते। उस से पहले तक ऐसा ट्रांजिस्टर के लिए होता हा। भारत के लिए ये अनोखी चीज़ें थी। गावों में तो आज भी चुक्की-माली बैठ कर, एक ट्रांजिस्टर पर समाचार सुनता पूरा चौपाल […]
आर. के. जैन, जयपुर : जब एक बांग्लादेशी मुस्लिम भारत पहुँचता है और अंबाला जिले में कहीं भटक जाता है, तो उसके पास न पैसे होते हैं और ना ही वो किसी को जानता है। वो किसी प्रकार सबसे नज़दीकी मस्जिद में पहुँचता है और वहाँ उसे 100% शरण मिल जाती है, मुसलमान होने के […]
सौरभ द्विवेदी गोपाल कृष्ण गोखले, जिन्होंने सबसे पहले एक सरकारी बिल के विरोध में लेजिस्लेटिव काउंसिल से वॉक आउट किया।एक ऐसा नेता, जिसके सादगी से भरे और आंकड़ों से दुरुस्त बजट भाषणों के बारे में पढ़ने के लिए लोग अखबार का इंतजार करते थे। ऐसा नेता, जिसे गांधी और जिन्ना, दोनों ही अपना राजनीतिक गुरु […]
“तिल्ली से सीखे दिल्ली” कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भारत में अपने चरम पर है। संक्रमण का वक्र इस बार कितना ऊपर उठेगा इसके केवल अनुमान ही लगाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जरूरी दवाइयों ऑक्सीजन की भारी किल्लत है ऐसे में संक्रमित व उनके तीमारदारों की चिंता रोष वाजिब है दिल्ली के […]
पश्चिम बंगाल में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद ममता बनर्जी की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जो हिंसा का नंगा नाच करना शुरू किया उससे लोगों को खेला होबे का असली अर्थ समझ में आ गया। भाजपा समर्थकों के खिलाफ शुरू हिंसा, लूटपाट व बलात्कार की दर्जनों घटनाएं लोकतंत्र को शर्मसार करती रही और पुलिस […]
” सच्ची स्वतंत्रता का अभाव ” संसार के सब देशों में वहां की जनता ‘स्वतंत्रता दिवस ‘ , ‘जनतन्त्र दिवश’ बङे उल्लास व हर्ष से मनाती है । यह दिवस उनके लिए त्यौहार है, पर्व है । हमारे देश में कूछ लोग तमाशा देखने के लिए लालकिला जाते हैं या सरकारी गाजे-बाजे सुनने के लिए […]
महाभारत के संबंध में ऐसी अनेकों भ्रांतियां हैं जो मूल महाभारत में किसी और प्रकार से वर्णित की गई हैं और समाज में किसी और प्रकार से उनके बारे में भ्रांतियां पैदा कर ली गई हैं। अभिमन्यु के बारे में भी कई प्रकार की भ्रांतियां हैं :- जैसे चक्रव्यूह तोड़ने के लिए उसने स्वयं […]
मनोज चतुर्वेदी हर खेल में कुछ खिलाड़ी दूसरों से हटकर होते हैं। वे खेल का माहौल बदलने का दम रखते हैं। निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और मुक्केबाज विजेंदर ऐसे ही खिलाड़ी हैं। दोनों ने ओलिंपिक में क्रमश: गोल्ड और ब्रॉन्ज पदक जीता। पहलवान सुशील कुमार को भी इसी वर्ग के खिलाड़ियों में रखा जा सकता है। […]
डॉ. रमेश ठाकुर बीते सोमवार को ओली का विश्वास मत में पिछड़ने के बाद अचानक से मुल्क में सियासी संग्राम शुरू हो गया था। लेकिन इतना तय है मौजूदा सरकार को राष्ट्रपति ने जीवनदान तो बेशक दे दिया है। पर, आसानी से सरकार चलाना मुश्किल होगा। नेपाल के सिंहासन का ताज एक बार फिर केपी […]