17 अप्रैल/बलिदान-दिवस छत्रपति शिवाजी के उत्तराधिकारी पेशवाओं ने उनकी विरासत को बड़ी सावधानी से सँभाला। अंग्रेजों ने उनका प्रभुत्व समाप्त कर पेशवा बाजीराव द्वितीय को आठ लाख वार्षिक पेंशन देकर कानपुर के पास बिठूर में नजरबन्द कर दिया। इनके दरबारी धर्माध्यक्ष रघुनाथ पाण्डुरंग भी इनके साथ बिठूर आ गये। इन्हीं रघुनाथ जी के आठ पुत्रों […]
महीना: अप्रैल 2021
आनंद प्रधान देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर हर दिन नए रेकॉर्ड बना रही है। यह लहर पहले की तुलना में ज्यादा संक्रामक और घातक मानी जा रही है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों और मुंबई, पुणे, दिल्ली, रायपुर, सूरत, अहमदाबाद और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में स्थिति बहुत गंभीर […]
चंद्रशेखर, पूर्व प्रधानमंत्री 1980 में लोकसभा का चुनाव हुआ। बाबू जगजीवन राम पार्टी के नेता थे। जनता पार्टी के टूटने से लोगों का उससे मोहभंग हुआ और इंदिरा गांधी की वापसी निश्चित थी। बाबू जगजीवन राम को नेता बनाने के मोरारजी भाई खिलाफ थे। मैं भी उनके नाम से सहमत नहीं था। चुनाव के […]
राकेश सैन पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए गठित एस.आइ.टी. की अभी तक की जांच रिपोर्ट को खारिज कर दिया। न्यायालय ने सरकार को इस पूरे मामले की जांच के लिए नए सिरे से एस.आइ.टी. गठित करने के आदेश दिए हैं। गुड़ खाना और गुड़ियानी से परहेज, धर्मनिरपेक्ष […]
पुस्तक समीक्षा ‘विश्व की श्रेष्ठ बाल कथाएं’ :विश्व की श्रेष्ठ बाल कथाएं’ डॉ कृष्णा रावत द्वारा संकलित और संपादित अनूठी पुस्तक है । जिसमें विश्व के स्वनामधन्य लेखकों द्वारा लिखी गई बाल कथाएं हैं। इन कहानियों को वैश्विक स्तर पर बहुत श्रेष्ठ माना गया है निश्चित रूप से ऐसी कहानियों का एक स्थान पर लाकर […]
वेद ज्ञान सबसे पुरातन व श्रेष्ठ -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य गाजियाबाद,शुक्रवार 16 अप्रैल 2021,केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “भारतीय तत्व मीमांसा वैदिक दर्शन के परिप्रेक्ष्य में” विषय पर ऑनलाइन जूम पर आर्य गोष्टी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल में 204 वां वेबिनार था। वैदिक विद्वान डॉ.भारत वेदालंकार(गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय) ने विवेचना […]
नरेंद्र नाथ कभी बंगाल में वामदलों की सरकार ने रवींद्रनाथ टैगोर की पुस्तक ‘सहज पाठ’ को स्कूली पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया था, पर अब उन्हें अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए ‘सहज पाठ’ का ही आसरा दिख रहा है। यह उनके प्रचार अभियान का हिस्सा बन चुका है। उधर केरल के चुनाव में […]
गतांक से आगे… कृष्ण यजुर्वेद के तैत्तिरीय ब्राह्यण में लिखा है कि ‘वाचे पुरुषमालभते’ इस पर सायणाचार्य भाष्य करते हुए लिखते हैं कि, ‘वाग्देवतायै पुरुषं पूरकं स्थूलशरीरमित्यर्थ: अर्थात् वाणी के देवता के लिए पुरुष का वध करें। उसी में फिर लिखा है कि ‘ ब्राह्मणे ब्राह्मणमालभते’ इस पर सायणाचार्य कहते हैं कि ‘ब्राह्मणजात्याभिमानी देवसत्यस्मै कञ्चित् […]
बिखरे मोती भाव से अति सूक्ष्म है , ब्रह्माण्ड का ईशान। चित्त का चिन्तन जानता, परम पिता भगवान॥1465॥ व्याख्या:- पाठकों की जानकारी के लिए यहां यह बता देना प्रासंगिक होगा कि आत्मा चित्त में रहती है जबकि परमात्मा आत्मा में निवास करता है।हमारे चित्त में अति सूक्ष्म सद्भाव और दुर्भावना ते हैं किंतु परमपिता परमात्मा […]
नरेंद्र नाथ देश की राजनीति में धर्म का दखल नया नहीं है और न ही इसके आधार पर ध्रुवीकरण की कोशिश या इसे चुनावी लाभ-हानि से जोड़ने की परंपरा नई है। फिर भी इस बार पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान जिस तरह से धर्म का बेपर्दा इस्तेमाल देखा गया, ऐसा शायद ही […]