यह आतंकवाद है या युद्ध? एक बार प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने पूछा था, ”जिस मजहबी विश्वास में मुसलमानों की इतनी श्रद्धा है, उसमें ऐसा क्या है जो सब जगह इतनी बड़ी संख्या में हिंसक प्रवृत्तियों को पैदा कर रही है?” दुर्भाग्य से अभी तक इस पर विचार नहीं हुआ। जबकि पिछले दशकों में अल्जीरिया […]
महीना: अप्रैल 2021
20 अप्रैल/इतिहास-स्मृति विजयनगर साम्राज्य के प्रेरक देवलरानी और खुशरोखान मध्यकालीन इतिहास में हिन्दू गौरव के अनेक पृष्ठों को वामपंथी इतिहासकारों ने छिपाने का राष्ट्रीय अपराध किया है। ऐसा ही एक प्रसंग गुजरात की राजनकुमारी देवलरानी और खुशरो खान का है। अलाउद्दीन खिलजी ने दक्षिण भारत में नरसंहार कर अपार धनराशि लूटी तथा वहां हिन्दू कला […]
जो लोग कला जगत में बहुत ऊंचाई पर पहुंच जाते हैं, उनमें से अधिकांश को आचार-व्यवहार की अनेक दुर्बलताएं घेर लेती हैं; पर भजन गायन की दुनिया में अपार प्रसिद्धि प्राप्त जुथिका राॅय का जीवन इसका अपवाद था। इसका एक बहुत बड़ा कारण यह था कि उनका परिवार रामकृष्ण मिशन से जुड़ा हुआ था। […]
जालौन जिला सफेद और मुलायम कपास उत्पादन करने के लिए विशेष रूप से जाना जाता था। इसका श्रेय जिले की मिट्टी को जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार 1830 के पहले कपास का 40 लाख रुपये का सरकारी तरीके से तथा 18 लाख रुपए का व्यक्तिगत तरीके से व्यापार हुआ था। एक और चीज की […]
राजनीतिः सेवा नहीं, मेवा है डॉ. वेदप्रताप वैदिक देश के सिर्फ पांच राज्यों में आजकल चुनाव हो रहे हैं। ये पांच राज्य न तो सबसे बड़े हैं और न ही सबसे अधिक संपन्न लेकिन इनमें इतना भयंकर भ्रष्टाचार चल रहा है, जितना कि हमारे अखिल भारतीय चुनावों में भी नहीं देखा जाता। अभी तक लगभग […]
जनतन्त्र जनतामय होता है। जनता के बीच से जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि जननायक, जननेता, जनसेवक या ऐसे ही बहुतेरे विशेषणों से सुशोभित होता है। ग्राम पंचायत से संसद तक निर्वाचन की प्रक्रिया ही आधारभूत है। संविधान द्वारा निर्धारित मौलिक अर्हताओं को पूरा करके किसी भी एक पद के लिए दर्जनों उम्मीदवार मतदाताओं के […]
#डॉविवेकआर्य यति स्वामी नरसिंहानंद जी के विरुद्ध मौलवी-मौलाना फतवे जारी कर रहे हैं। कोई उनका सर कलम करने की मांग करता है। कोई सर कलम करने वाले को लाखों देने की इच्छा प्रकट करता है। आज से ठीक 100 वर्ष पहले भी ऐसे ही फतवे स्वामी श्रद्धानन्द के विरुद्ध दिल्ली से लेकर लाहौर की […]
अहिल्या के पत्थर बनना शंका – क्या वह सत्य है? समाधान स्वामी दयानन्द ने इस शंका का समाधान किया है। “इन्द्रा गच्छेति । गौरावस्कन्दिन्नहल्यायै जारेति । तधान्येवास्य चरणानि तैरेवैनमेंत्प्रमोदयिषति ।।” शत. का. ३ अ. ३ । ब्रा. ४ । कं. १८ “रेतः सोम ।।” शत. का. ३ । अ. ३ । ब्रा. २ । कं. […]
डॉ. मनमोहन वैद्य समय और परिस्थिति ने भारत को विभाजित जरूर कर दिया, पर आज भी पड़ोसी देशों से उसके सांस्कृतिक संबंध हैं। इन संबंधों को बनाए रखने के लिए ही आज भी लोग अपने बच्चों और प्रतिष्ठानों के नाम अपने मूल स्थान पर रखते हैं। इस भावना को और धार देने की आवश्यकता […]
डॉ. मनमोहन वैद्य 2019 के लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद वामपंथी खेमे के कहे जाने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने मुझसे पूछा कि कांग्रेस की स्थिति ऐसी क्यों हुई? यह आकस्मिक प्रश्न था। मैंने प्रतिप्रश्न किया-कांग्रेस का पूरा नाम क्या है? वे इस प्रश्न के लिए तैयार नहीं थे। थोड़ा सोचकर उन्होंने कहा-भारतीय राष्ट्रीय […]