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आर्थिकी/व्यापार कृषि जगत

यदि कृषि बिल वापस हो जाता है तो क्या यह सरकार की हार होगी ?

  ये किसान बिल किसी के हार जीत का सवाल नहीं है, मै गत कई सालों से इनकमटैक्स दे रहा हूँ, लेकिन न तो इंदिरागांधी, राजीव गांधी, देवेगौड़ा, वाजपेई, मनमोहन सिंह ने कभी मुझसे पूछा : मैं टैक्स के रेट तय कर रहा हूँ, बता तुझे क्या चाहिए ! मैं ही क्यों, करोड़ों लोग टैक्स […]

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धर्म-अध्यात्म

सनातन शुद्ध वैदिक धर्म संसार का सर्वोत्तम मानव धर्म

ओ३म् ========= सभी प्राणी योनियों में मनुष्य सबसे श्रेष्ठ प्राणी है। मनुष्य ज्ञान अर्जित कर सकता है परन्तु अन्य प्राणी, पशु व पक्षी आदि, ज्ञान प्राप्त कर उसके विश्लेषण द्वारा वह लाभ प्राप्त नहीं कर सकते जो कि मनुष्य करता है। इसलिये मनुष्य श्रेष्ठ प्राणी माना जाता है। मनुष्य संसार में आया है तो इसका […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

आर्य समाज और महात्मा गांधी , भाग 2

  लेखक- पं० चमूपति जी, प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, #डॉविवेकआर्य •अनजाने में मिथ्याकथन महात्मा कहते हैं ऋषि ने अनजाने में मिथ्या कथन किया है। ‘अनजाने में मिथ्या कथन’ से महात्मा का तात्पर्य क्या है? क्या ऋषि ने इन मत मतान्तरों का भाव अशुद्ध समझा? यह सम्भव है! अन्ततोगत्वा ऋषि भी मनुष्य थे। दूसरा यह कि समझा […]

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आतंकवाद

तेलंगाना : टीआरएस सरकार रोहिंग्या घुसपैठियों को दे रही है वोटर कार्ड

  2014 से केन्द्र में भाजपा सत्ता में है, जिस कारण समस्त गुप्तचर एजेंसियां भाजपा सरकार के अधीन होने के बावजूद देश से अवैधरूप से रह रहे पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और रोहिंग्यों की पहचान कर देश से निकालने में असमर्थ हो रही है। विपरीत इसके छद्दम धर्म-निरपेक्ष इन लोगों को भारतीयों को मिलने वाली समस्त सुविधाएं […]

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भारतीय संस्कृति

धर्मसंस्थापक योगेश्वर श्रीकृष्ण जी

धर्म संस्थापक योगेश्वर श्री कृष्ण सम्पूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधने वाला कोई ना था। कंस, जरासन्ध, शिशुपाल, दुर्योधन आदि जैसे दुराचारी व विलासियों का वर्चस्व बढ़ रहा था। राज्य के दैवीय सिद्धान्त से भीष्म जैसे योद्धा तक बंधे हुए थे। ऐसी घोर अन्धकार युग में श्री कृष्ण का अविर्भाव हुआ। अपने अद्भुत चातुर्य […]

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देश विदेश महत्वपूर्ण लेख

प्राचीन भारत था चीन के लिए स्वर्ग के समान

    अनिरुद्ध जोशी चीन का इतिहास बहुत ही प्राचीन है लेकिन चीन कभी भी प्राचीन काल में उतना समृद्ध नहीं रहा जितना की भारत रहा है। चीन ने भारत से बहुत कुछ सीखा। चीन ने भारत से ज्ञान, धर्म, और संस्कृति के सूत्रों को ग्रहण किया तो भारत ने भी चीन के वस्त्र, कागज, […]

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Uncategorised

जब हुआ था बांग्लादेश का जन्म

16 दिसंबर 1971 के दिन भारतीय सेनाओं के पराक्रम और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दृढ़ संकल्प की बदौलत 24 वर्षों से दमन और अत्याचार सह रहे तत्कालीन ईस्ट पाकिस्तान के करोड़ों लोगों को मुक्ति मिली थी। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 13 दिन के भयानक युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को एक नए राष्ट्र […]

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आज का चिंतन

प्रीति रीति की नीति और आत्मा का संकेत

  संसार में एक व्यक्ति मुमुक्षु है एक मुमूर्षु है। मुमुक्षु वह है जो मुक्त की इच्छा लेकर चलता है, मोक्षाभिलाषी है और जो संसार के सारे बंधनों को काटकर ईश्वर के प्रति प्रीति पैदा करने का प्रयास करता रहता है। मुमूर्षु वह है जो मृत्यु की इच्छा करता रहता है, मृत्यु का चिंतन करता […]

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इतिहास के पन्नों से

महाभारत का एक सार्थक प्रसंग जो छू जाता है अंतर्मन को

  हिन्दू नसीब सिंह महाभारत युद्ध समाप्त हो चुका था. युद्धभूमि में यत्र-तत्र योद्धाओं के फटे वस्त्र, मुकुट, टूटे शस्त्र, टूटे रथों के चक्के, छज्जे आदि बिखरे हुए थे और वायुमण्डल में पसरी हुई थी घोर उदासी …. ! गिद्ध , कुत्ते , सियारों की उदास और डरावनी आवाजों के बीच उस निर्जन हो चुकी […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

इंकलाब जिंदाबाद के उद्घोषक सरदार भगत सिंह

23 मार्च/बलिदान-दिवस   क्रान्तिवीर भगतसिंह का जन्म 28 सितम्बर, 1907 को ग्राम बंगा, (जिला लायलपुर, पंजाब) में हुआ था। उसके जन्म के कुछ समय पूर्व ही उसके पिता किशनसिंह और चाचा अजीतसिंह जेल से छूटे थे। अतः उसे भागों वाला अर्थात भाग्यवान माना गया। घर में हर समय स्वाधीनता आन्दोलन की चर्चा होती रहती थी। […]

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