‘उगता भारत’ विशेष संवाददाता ग्रेटर नोएडा। समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी निभाने के साथ – साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी बहुत खूबी से निभाते हैं। ऐसे ही दुजाना निवासी डॉक्टर देवेंद्र कुमार नागर जो की पेशे से शिक्षक है। जब लोग साप्ताहिक अवकाश को मौज मस्ती में खत्म कर देते […]
महीना: मार्च 2021
ललित गर्ग होली का त्योहार समस्त गिले-शिकवों एवं द्वंद्वों को भूलकर मानवीय रिश्तों में नयी ऊर्जा का संचार करने का अवसर है, यह क्षमा देने एवं क्षमा लेने का भी अवसर है, जिन रिश्तों में कड़वाहट आ गयी है, उसे क्षमा के जल से अभिस्नात कराने का मौका है। वस्तुतः होली आनंदोल्लास का पर्व […]
-पण्डित गंगाप्रसाद उपाध्याय कुर्वन्नेवेह कर्माणि जिजीविषेच्छतँ समा:। एवं त्वयि नान्यथेतोऽस्ति न कर्म लिप्यते नरे।। (यजुर्वेद अध्याय ४०, मन्त्र २) अन्वय :- इह कर्माणि कुर्वन् एव शतं समा: जिजीविषेत्। एवं त्वयिनरे न कर्म लिप्यते। इत: अन्यथा न अस्ति। अर्थ- (इह) इस संसार में (कर्माणि) कर्मो को (कुर्वन् एव) करते हुए ही मनुष्य (शतं समा:) सौ वर्ष […]
ओ३म् महर्षि दयानन्द ने अपने वैदिक, योग एवं उपासना ज्ञान सहित तदनुरूप कार्यों से विश्व के धार्मिक व सामाजिक जगत में अपना सर्वोपरि स्थान बनाया है। उन्होंने सप्रमाण सिद्ध किया है कि ज्ञान-विज्ञान का स्रोत ईश्वर व वेद हैं। आर्यसमाज के दस नियमों में उन्होंने पहला ही नियम बनाया है कि सब सत्य विद्या और […]
कहते हैं, विभीषण अपने अग्रज रावण व देश के स्थान पर राम का साथ दिया | यदि इसमें धर्म-अधर्म, न्याय-अन्याय, सत्य-असत्य की दृष्टि मिला दिया जाये तभी विभीषण की दृष्टि व मानसिकता को समझा जा सकता है | क्या राम से मिलने से पूर्व विभीषण ने अग्रज भाई को समझाने का पुरजोर प्रयास नहीं किया […]
स्वप्नलोक पुस्तक के लेखक प्रदीप भारद्वाज दीप हैं । यह पुस्तक विभिन्न विषयों को लेकर लिखी गई कविताओं का संग्रह है । जिसमें कवि ने अपने साहित्य के चितेरेपन को बड़ी कुशलता से प्रकट किया है। वास्तव में कविता के माध्यम से कवि को अपनी जिस व्यापक सोच और विशाल हृदयता के साथ-साथ कल्पना […]
अजय कुमार किसानों के हितों के नाम पर नये कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान नेता जब देशद्रोह के आरोप में बंद शरजील इमाम और उमर खालिद सहित कई लोगों की रिहाई की मांग करने लगे तो आंदोलन की हकीकत समझी जा सकती है। क्या किसान नेता कोरोना की आड़ में लगातार […]
ललित गर्ग आजादी के 75वें वर्ष में वसुधैव कुटुम्बकम यानि दुनिया एक परिवार है, के भारतीय दर्शन को और मजबूत करने की जरूरत है। यह काम राष्ट्रीय स्वयं संघ का रहा है। राष्ट्र प्रेम, स्व-धर्म एवं स्व-संस्कृति की अवधारणा भी हिन्दुत्व की ही देन है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए भारतीयता को मजबूती […]
सतीष भारतीय विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से द्वितीय स्थान रखने वाले हमारे इस मुल्क में जिस गति से जनसंख्या वृद्धि में इजाफा हो रहा है वह कुतूहलजनक है क्योंकि जनसंख्या वृद्धि प्रथक-प्रथक समस्याओं को प्रजनित कर रही है जिससे आवाम को उपयुक्त जरूरतों की पूर्ति के साथ जीवन जीना इस कल्प में मुहाल […]
चंद्र प्रकाश कृषि कानून, मुसलमानों का उत्पीड़न और नागरिक स्वतंत्रता जैसे विषयों पर दुनिया में भारत की छवि बिगाड़ने के प्रयास हो रहे हैं। देश में असहमति और सरकार की नीतियों के विरोध के बहाने देश विरोधी ताकतों के इशारे पर कुछ कठपुतलियां उनके मंसूबों को अंजाम तक पहुंचाने में जुटी हैं। हर बार […]