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विश्वगुरू के रूप में भारत स्वर्णिम इतिहास

यूरोप की केल्टिक सभ्यता थी कभी वैदिक सभ्यता

रोमन शासक कांस्टेंटाईन के ३१२ ईस्वी में ईसाई धर्म अपनाने और यूरोप में उसके द्वारा ईसायत के प्रसार से पूर्व यूरोप में वैदिक संस्कृति होने के प्रमाण मिलते हैं. इस बात के पर्याप्त प्रमाण मिलते हैं कि यूरोप के ड्रुइडस भारतीय ब्राह्मण थे और उनके मार्गदर्शन में विकसित केल्टिक या सेल्टिक संस्कृति स्थानीय परिवर्तनों के […]

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राजनीति

शुक्र नीति के अनुसार चलकर ही पाकिस्तान को सिखाया जा सकता है सही सबक

प्रस्तुति – अमन आर्य पाकिस्तान विगत कई दशक से, काश्मीर घाटी में विभिन्न आतंकी संगठनों को पाल-पोसकर भारत को परेशान करनी की कोशिशें कर रहा है। ऐसे में भारत का युद्धधर्म क्या होना चाहिए? वैसे तो अनेक ग्रंथों में मनुस्मृति, महाभारत, कामन्दकीयनीतिसार, कौटलीय अर्थशास्त्र, याज्ञवल्क्यस्मृति, आदि अनेक ग्रंथों में युद्धधर्म पर विस्तारपूर्वक विचार किया गया […]

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भाषा

अपौरुषेय भाषा है – संस्कृत

अनिरुद्ध जोशी रूसी, जर्मन, जापानी, अमेरिकी सक्रिय रूप से हमारी पवित्र पुस्तकों से नई चीजों पर शोध कर रहे हैं और उन्हें वापस दुनिया के सामने अपने नाम से रख रहे हैं। दुनिया के कई देशों में एक या अधिक संस्कृत विश्वविद्यालय संस्कृत और वेद के बारे में अध्ययन और नई प्रौद्योगिकी प्राप्त करने के […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक व्यवस्था और भारतीय राजनीति

माता भूमि: पुत्रोऽहं पृथिव्या: और भारत की राजनीति भारत की धर्मनिरपेक्ष राजनीति ने वेद और वैदिक संस्कृति को अछूत बनाकर रख दिया है । संविधान भी वेद की छाया से दूर रखने का हरसंभव प्रयास किया गया है। जिससे पता चलता है कि भारत की संविधान सभा में भी ऐसे लोग नहीं थे जो वेद […]

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पर्यावरण

भारत में वन वासियों से ही जैव विविधता सुरक्षित है

आज अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस है | जो वर्ष 2013 से प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को मनाया जा रहा है| पृथ्वी पर इंसानों की आबादी 760 करोड़ है जो पृथ्वी पर पाए जाने वाले पूरे जीवो का महज 0.01 प्रतिशत है लेकिन दुखद आश्चर्य यह है इंसानों ने पूरी पृथ्वी के 83 फ़ीसदी जंगली जानवरों […]

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राजनीति

विपक्ष में केवल कांग्रेस ही दिशाहीन नहीं है, सभी विपक्षी पार्टियों की स्थिति एक जैसी है

प्रदीप सिंह भारतीय राजनीति एक विचित्र दौर से गुजर रही है। सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच सार्थक संवाद की गुंजाइश ही नहीं रह गई है। असल में संवाद के लिए जरूरी है कि बात तर्कों और तथ्यों के आधार पर हो। तर्क और तथ्य के बिना बनाई गई धारणा के आधार पर अव्वल तो […]

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भारतीय संस्कृति

गौ हमारी माता है ऐसे संस्कार बच्चों को बचपन से ही देने आरंभ करने चाहिए

प्रस्तुति – वेद प्रकाश वैदिक गोरक्षा की बात सबलोग कर रहे हैं, लेकिन जबतक गोमाता के प्रति दृष्टि पशुतावाली ही रहेगी, तब तक गोमाता की रक्षा कैसे हो सकेगी? आज भी स्कूल में बच्चे को सिखाया जाता है : “काऊ मीन्स गाय”। गाय क्या है? “The cow is a useful domestic animal.” (“गाय एक उपयोगी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

आवश्यक है अल्पसंख्यक को परिभाषित करने की

आवश्यक है अल्पसंख्यक को परिभाषित करना [इस समय देश में चर्चा छिड़ी हुई है कि क्या अनेक राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक क्यों न सिद्ध किया जाये। कश्मीर,पंजाब, उत्तर पूर्वी राज्यों में हिन्दुओं की संख्या कम हैं। फिर भी उसे अल्पसंख्यक के नाम पर मिलने वाले किसी भी सुविधा से वंचित रखा जाता हैं। इस […]

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आज का चिंतन

वैदिक धर्मियों के लिए राष्ट्र वंदनीय है तथा सत्यार्थ प्रकाश का पोषक है

ओ३म् ========= संसार में मत-मतान्तर तो अनेक हैं परन्तु धर्म एक ही है। वेद ही एकमात्र सर्वाधिक व पूर्ण मानवतावादी धर्म है। वेद में निर्दोष प्राणियों, मनुष्य व पशु-पक्षी आदि किसी के प्रति भी, हिंसा करने का कहीं उल्लेख नहीं है। वेद की विचारधारा मांसाहार को सबसे बुरा मानती है। वेद मनुष्य को सभी प्राणियों […]

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इतिहास के पन्नों से

जब जवाहरलाल नेहरू की फेवरेट सिगरेट लाने के लिए भोपाल से इंदौर गया था सरकारी विमान

भारत के पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू को लेकर अकसर यह कहा जाता रहा है कि वह आलीशान जीवन जीना पसंद करते थे। अब मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सांरग ने राजभवन के दस्तावेजों का हवाला देते हुए यह किस्सा सुनाया है कि प. जवाहरलाल नेहरू के लिए सिर्फ एक सिगरेट का पैकेट लेने को भोपाल […]

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