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महत्वपूर्ण लेख

आंदोलनजीवी योगेंद्र यादव ने कबूली सच्चाई, कहा- किसान आंदोलन शुद्ध राजनीतिक आंदोलन है, इसका उद्देश्य है प्रधानमंत्री मोदी को हराना

2014 में मोदी सरकार द्वारा लिए जा रहे किसी भी निर्णय को जन-विरोधी बताकर हंगामा करना, धरने एवं प्रदर्शन कर मोदी विरोध की सच्चाई आन्दोलनजीवी योगेंद्र यादव ने कबूल कर ली। संभव है कि अब जनता कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल और आन्दोलनजीवियों द्वारा अपनी रोटियां सेकने के लिए मोदी विरोधी किस तरह जनता […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानंद ने अविद्या दूर करने सहित संसार का उपकार किया

ओ३म् सृष्टि के आरम्भ से संसार में मनुष्य आदि प्राणियों का जन्म होता आ रहा है। मनुष्य बुद्धि से युक्त प्राणी है जो सोच विचार कर सत्य और असत्य का निर्णय कर अपने सभी कार्य करता व कर सकता है। सामान्य मनुष्य दूसरे शिक्षित मनुष्यों को देखकर अपने जीवन को भी अच्छा व सुखी बनाने […]

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इतिहास के पन्नों से

चित्तौड़ का दूसरा जोहर

8 मार्च/इतिहास-स्मृति मेवाड़ के कीर्तिपुरुष महाराणा कुम्भा के वंश में पृथ्वीराज, संग्राम सिंह, भोजराज और रतनसिंह जैसे वीर योद्धा हुए। आम्बेर के युद्ध में राणा रतनसिंह ने वीरगति पाई। इसके बाद उनका छोटा भाई विक्रमादित्य राजा बना। उस समय मेवाड़ पर गुजरात के पठान राजा बहादुरशाह तथा दिल्ली के शासक हुमाऊं की नजर थी। यद्यपि […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

धर्म के नाम पर ठगी का धंधा

सन्दर्भ-स्वामी दयानन्द कृत सत्यार्थ प्रकाश- 11 वां समुल्लास) (हमारे देश में साधुओं के नाम पर मुफ्तखोरों की फौज बढ़ती जाती है। स्वामी दयानन्द इन मुफ्तखोरों के प्रबल विरोधी थे। स्वामी जी चाहते थे की गृहस्थ आदि इन सन्यासी के वस्त्र धारण करने वाले ठगों से बचे। सत्यार्थ प्रकाश के 11 समुल्लास में इनकी ठगी की […]

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इतिहास के पन्नों से

वेदों में नारी की महिमा

(अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष) संसार की किसी भी धर्म पुस्तक में नारी की महिमा का इतना सुंदर गुण गान नहीं मिलता जितना वेदों में मिलता हैं.कुछ उद्हारण देकर हम अपने कथन को सिद्ध करेगे. १. उषा के समान प्रकाशवती- ऋग्वेद ४/१४/३ हे राष्ट्र की पूजा योग्य नारी! तुम परिवार और राष्ट्र में सत्यम, शिवम्, […]

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आओ कुछ जाने

लिंकन को आशीष , नेहरू को श्राप देते अपने लोग

सुशोभित सक्तावत अब्राहम लिंकन की “प्रेसिडेंशियल टाइमलाइन” “अमेरिकन सिविल वॉर” के एकदम समांतर थी। 1861 से 1865 तक! यानी लिंकन का लगभग पूरा कार्यकाल गृहयुद्ध से जूझते बीता। लेकिन यह सिविल वॉर था क्या? यह अमेरिकी मेनलैंड और “साउथ” में बसे अश्‍वेतों के बीच छिड़ी स्वायत्तता की लड़ाई थी, जिसमें साउथ के मिसिसिपी, टेक्‍सस, टेनसी, […]

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इतिहास के पन्नों से

यह नेहरू का भारत है जहां अच्छी अंग्रेजी लिखना गर्व की बात मानी जाती है और अच्छी हिंदी हमें असहज करती है

सुशोभित सक्तावत सन् सैंतालीस में भारत आज़ाद हुआ. “नेहरू बहादुर” प्रधानमंत्री बने. सत्रह साल उन्होंने एकछत्र राज किया. हिंदुस्तान की तमाम अकादमियों में इन सत्रह सालों में “नेहरू बहादुर” ने चुन-चुनकर ऐसे लोगों को बैठा दिया, जिन्हें भारतीय परंपरा से संबद्ध हर ज्ञान से चिढ़ हो. चाहे वो लोक का ज्ञान हो या शास्त्र का […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना, अध्याय – 7 (1)

बाबर व अकबर के शासन काल में हिन्दू दमन भारत के लाखों करोड़ों वर्ष के इतिहास को गहरे गड्ढे में दबाकर भारतद्वेषी इतिहासकारों ने केवल और केवल मुगल काल को प्रमुखता देते हुए उसे कुछ इस प्रकार प्रस्तुत किया है कि जैसे आज का भारत मुगलों के स्वर्णिम शासन काल की ही देन है । […]

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बिखरे मोती

बिखरे मोती : अशेष की जो विभूतियां, जाने सिर्फ अशेष

अशेष की जो विभूतियां, जाने सिर्फ अशेष अक्षत मन से सिमरले, परम – पिता का नाम। आत्मा का भोजन भजन, लिया करो सुबह-शाम॥1448॥ अक्षत मन – पूरा मन, पूर्ण मनोयोग भक्ति में हो प्रेम-रस, साधक होवै लीन। अवगाहन हरि में करे। जैसे जल में मीन ॥1449॥ अवगाहन – विचरण रूहानी – दौलत के छिपे , […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति: द्रविड़ और आर्य की मान्यता

गतांक से आगे… हम इसके पूर्व बदला आए हैं कि, आस्ट्रेलिया से लंका होते हुए विदेशियों का एक दल आकर मद्रासप्रांत में आबाद हो गया था। इस आगत दल का राजा रावण था। वह पंडित बहुत और योधा होते हुए भी दुराचारी था।वह इस देश में राज्यकामना से आया था, पर रामचंद्र के द्वारा युद्ध […]

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