प्रियांशु सेठ वेदों के शिव– हम प्रतिदिन अपनी सन्ध्या उपासना के अन्तर्गत नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च(यजु० १६/४१)के द्वारा परम पिता का स्मरण करते हैं। अर्थ- जो मनुष्य सुख को प्राप्त कराने हारे परमेश्वर और सुखप्राप्ति के हेतु विद्वान् का भी सत्कार कल्याण करने और […]
महीना: मार्च 2021
हमने महापुरुषों को ईश्वर बनाकर उनके साथ जो अन्याय किया है और अपने राष्ट्रीय आदर्शों को खोकर आप ही अपने पैरों जिस प्रकार कुल्हाड़ी मार ली है, इसको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष सर संघचालक डॉ हेडगेवार जी ने अपनी ”विचारधारा” में बड़े खेद के साथ व्यक्त किया है। उस संदर्भ का कुछ अंश हम […]
ओ३म् =========== आर्यसमाज ऋषि दयानन्द द्वारा चैत्र शुक्ल पंचमी विक्रमी 1931 तदनुसार 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में स्थापित एक धार्मिक, सामाजिक, राष्ट्रवादी एवं वैदिक राजधर्म की प्रचारक संस्था वा आन्दोलन है। ऋषि दयानन्द को आर्यसमाज की स्थापना इसलिए करनी पड़ी क्योंकि उनके समय में सृष्टि के आदिकाल में ईश्वर से प्रादुर्भूत सत्य सनातन […]
ललित गर्ग भले ही आरक्षण की नीति सामाजिक उत्पीड़ित व आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों की सहायता करने के तरीकों में एक है, ताकि वे लोग बाकी जनसंख्या के बराबर आ सकें। पर जाति के आधार पर आरक्षण का निर्णय कभी भी सभी के गले नहीं उतरा। सरकारी नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा एक बार […]
सुखी भारती WHO का अनुमान है कि इस सदी के अंत तक यह गिनती बढ़कर एक करोड़ से भी ज्यादा हो जाएगी। तंबाकूनोशी करने वाले में से 70 प्रतिशत लोग फेफडों का कैंसर होने से मृत्यु के गाल में समा जाते हैं। 20−25 प्रतिशत लोग दिल के रोगों से, 30 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यहां सवाल यही उठता है कि आखिर इस्लामी देशों ने भी बुर्के पर प्रतिबंध क्यों लगाया ? इसका तात्कालिक कारण तो यह है कि बुर्का पहनकर कई आदमी जघन्य अपराध करते हैं। वे अपनी पहचान छिपा लेते हैं और अचानक हमला बोल देते हैं। स्विट्जरलैंड ताजातरीन देश है, जिसने बुर्के पर प्रतिबंध […]
ललित गर्ग भौतिक एवं भोगवादी भागदौड़ की दुनिया में शिवरात्रि का पर्व भी दुःखों को दूर करने एवं सुखों का सृजन करने का प्रेरक है। भोलेनाथ भाव के भूखे हैं, कोई भी उन्हें सच्ची श्रद्धा, आस्था और प्रेम के पुष्प अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना कर सकता है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष […]
डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र शिवत्व की प्रतिष्ठा में ही विश्व मानव का कल्याण संभव है शिव मानसिक शांति के प्रतीक हैं। वे अपनी तपस्या में रत अवस्था में उस मनुष्य का प्रतीकार्थ प्रकट करते हैं जिसे किसी और से कुछ लेना-देना नहीं रहता। जो अपने में ही मस्त और व्यस्त है; शांत है। ऐसी सच्ची शांति […]
हिजाब पहनती हूँ, मुसलमानों की हिफाजत करती हूँ अब- BJP के डर से खुद को ब्राह्मण बताने में जुटीं ममता’ गुजरात से बाहर निकल राष्ट्रीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के पदापर्ण करते राजनीति नहीं सियासत के मायने ही बदल गए हैं। पहले चुनावों में हिन्दू अथवा हिन्दुत्व की बात करने को चुनाव संहिता का दोषी […]
दिव्या आर्य (दिल्ली) ये बंटवारे के बीच मोहब्बत की सच्ची कहानी है। अपना प्यार पाने के लिए धर्म बदलने और देश बदलने की जद्दोजहद के बाद भी सरकारों से झगड़ते प्रेमियों की कहानी। साल 1947। रावलपिंडी के पठान ख़ानदान की इस्मत तब सिर्फ़ 15 साल की थी। और अमृतसर के लालाजी के परिवार का जीतू […]