सुशोभित सक्तावत रामचंद्र गुहा की किताब “इंडिया आफ़्टर गांधी” यूं तो स्वतंत्र भारत का राजनीतिक इतिहास है, लेकिन वह एक रूपक भी है। यह रूपक है : “इंडिया : द अननेचरल नेशन।” किताब में कोई भी सवाल हो : बंटवारे का मसला, रियासतों के विलय का मुद्दा, संविधान सभा में कॉमन सिविल कोड या राजभाषा […]
महीना: मार्च 2021
क्या होते हैं साम्प्रदायिक दंगे ? वास्तव में दंगे किसी सम्प्रदाय विशेष की साम्प्रदायिक सोच के विरुद्ध भड़की हुई हिंसा होती है। जिसे कोई एक वर्ग जब सहन करने से इंकार कर देता है तो क्रोध बेलगाम होकर बाहर आ जाता है ।ऐसा ही हम आज भी देखते हैं। मेरठ जैसे जिन शहरों में रह-रहकर […]
अनिरुद्ध जोशी सन् 1947 में भारत का विभाजन जो हुआ उसे ‘स्वतंत्रता दिवस’ कहना थोड़ा अटपटा ही लगता है। ढूंढना चाहिए कि यह कौन से नंबर का विभाजन था। 24वां या 25वां विभाजन? दरअसल अंग्रेजों, फ्रांसीसियों, पुर्तगालियों और मुगलों द्वारा इससे पहले किए गए ‘भारत विभाजन’ को लोग भूलते गए। 1947 के पहले किए गए […]
BSP के पूर्व MLC मोहम्मद इकबाल कृषि कानूनों को लेकर हो रहे धरनों पर प्रारम्भ से एक बात प्रमुखता से कहीं जा रही है कि जिन मुद्दों को लेकर किसानों को धरना एवं प्रदर्शन करना चाहिए, उनमें से किसी एक भी मुद्दे पर कोई नहीं बोल रहा। किसानों को लूटने वाले कोई और नहीं सियासतखोर […]
लोमड़ी और जज़िया आप सब ने बचपन में एक प्रसिद्ध कहानी सुनी होगी. एक जंगल में पेड़ पर एक कौआ बैठा हुआ था. उसके मुंह में रोटी का टुकड़ा था. कौवे के मुंह में रोटी देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी भर आया. वह कौवे से रोटी छीनने का उपाय सोचने लगी. उसे अचानक एक […]
कंकर से शंकर (दार्शनिक विचार) #डॉविवेकआर्य आज महाशिवरात्रि का पर्व है। यह वही रात है जब बालक के रूप में मूल शंकर ने शिवरात्रि का व्रत रखा। निराहार रहकर शिवजी के दर्शन का संकल्प लिया। शिवलिंग पर चूहों की उछल-कूद देखकर बालक के मन में उठी जिज्ञासा ने मूल शंकर को स्वामी दयानन्द बना दिया। […]
12 मार्च/पुण्य-तिथि देश की स्वतन्त्रता के लिए अपना सर्वस्व दाँव पर लगाने वाले डा. भगवानदास माहौर का जन्म 27 फरवरी, 1909 को ग्राम बडौनी (दतिया, मध्य प्रदेश) में हआ था। प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में पूरी कर ये झाँसी आ गये। यहाँ चन्द्रशेखर आजाद के सम्पर्क में आकर 17 वर्ष की अवस्था में ही इन्होंने क्रान्तिपथ […]
ओ३म् ============ सूर्य, चन्द्र, पृथिवी तथा नक्षत्रों आदि से युक्त हमारी यह भौतिक सृष्टि मनुष्योत्पत्ति से बहुत पहले बन चुकी थी। अतः इसे मनुष्यों ने नहीं बनाया यह बात तो स्पष्ट है। मनुष्य एक, दो व करोड़ों मिलकर भी इस सृष्टि व इसके एक ग्रह को भी नहीं बना सकते। यदि ऐसा है तो फिर […]
——————————————— आजकल मिम के नेता असद्दुदीन ओबैसी बहुत ज़ोर से यह बात स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं कि भारत में रहने वाले मुसलमान हज़ारों वर्ष से यहाँ रहते आए हैं। इसलिए यह की हर चीज़ पर इनका अधिकार है। मिम के नेता ओवैसी जान बूझ कर एक सफ़ेद झूठ को स्थापित करना चाहते […]
11 मार्च/बलिदान-दिवस भारत में हिन्दू धर्म की रक्षार्थ अनेक वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। छत्रपति शिवाजी के बड़े पुत्र सम्भाजी भी इस मणिमाला के एक गौरवपूर्ण मोती हैं। उनका जन्म 14 मई, 1657 को मां सोयराबाई की कोख से हुआ था। तीन अपै्रल, 1680 को शिवाजी के देहान्त के बाद सम्भाजी ने […]