Categories
विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत “एक अस्वाभाविक राष्ट्र” है या फिर ”एक राष्ट्ररूप’ में एक ‘अस्वाभाविक अवधारणा’ है ?

सुशोभित सक्तावत रामचंद्र गुहा की किताब “इंडिया आफ़्टर गांधी” यूं तो स्‍वतंत्र भारत का राजनीतिक इतिहास है, लेकिन वह एक रूपक भी है। यह रूपक है : “इंडिया : द अननेचरल नेशन।” किताब में कोई भी सवाल हो : बंटवारे का मसला, रियासतों के विलय का मुद्दा, संविधान सभा में कॉमन सिविल कोड या राजभाषा […]

Categories
इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना, अध्याय – 7 (4 ) क्या होते हैं सांप्रदायिक दंगे ?

क्या होते हैं साम्प्रदायिक दंगे ? वास्तव में दंगे किसी सम्प्रदाय विशेष की साम्प्रदायिक सोच के विरुद्ध भड़की हुई हिंसा होती है। जिसे कोई एक वर्ग जब सहन करने से इंकार कर देता है तो क्रोध बेलगाम होकर बाहर आ जाता है ।ऐसा ही हम आज भी देखते हैं। मेरठ जैसे जिन शहरों में रह-रहकर […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

संपूर्ण भारत खंड कैसे और कब खंड खंड हो गया ?

अनिरुद्ध जोशी सन् 1947 में भारत का विभाजन जो हुआ उसे ‘स्वतंत्रता दिवस’ कहना थोड़ा अटपटा ही लगता है। ढूंढना चाहिए कि यह कौन से नंबर का विभाजन था। 24वां या 25वां विभाजन? दरअसल अंग्रेजों, फ्रांसीसियों, पुर्तगालियों और मुगलों द्वारा इससे पहले किए गए ‘भारत विभाजन’ को लोग भूलते गए। 1947 के पहले किए गए […]

Categories
उगता भारत न्यूज़

बहुजन समाज पार्टी के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल की 1097 करोड़ रुपए की संपत्ति हुई कुर्क

BSP के पूर्व MLC मोहम्मद इकबाल कृषि कानूनों को लेकर हो रहे धरनों पर प्रारम्भ से एक बात प्रमुखता से कहीं जा रही है कि जिन मुद्दों को लेकर किसानों को धरना एवं प्रदर्शन करना चाहिए, उनमें से किसी एक भी मुद्दे पर कोई नहीं बोल रहा। किसानों को लूटने वाले कोई और नहीं सियासतखोर […]

Categories
आतंकवाद

सेकुलरिज्म : लोमड़ी और जजिया

लोमड़ी और जज़िया आप सब ने बचपन में एक प्रसिद्ध कहानी सुनी होगी. एक जंगल में पेड़ पर एक कौआ बैठा हुआ था. उसके मुंह में रोटी का टुकड़ा था. कौवे के मुंह में रोटी देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी भर आया. वह कौवे से रोटी छीनने का उपाय सोचने लगी. उसे अचानक एक […]

Categories
आज का चिंतन

कंकर से शंकर

कंकर से शंकर (दार्शनिक विचार) #डॉविवेकआर्य आज महाशिवरात्रि का पर्व है। यह वही रात है जब बालक के रूप में मूल शंकर ने शिवरात्रि का व्रत रखा। निराहार रहकर शिवजी के दर्शन का संकल्प लिया। शिवलिंग पर चूहों की उछल-कूद देखकर बालक के मन में उठी जिज्ञासा ने मूल शंकर को स्वामी दयानन्द बना दिया। […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

चंद्रशेखर आजाद के परम मित्र क्रांतिकारी भगवानदास माहौर

12 मार्च/पुण्य-तिथि देश की स्वतन्त्रता के लिए अपना सर्वस्व दाँव पर लगाने वाले डा. भगवानदास माहौर का जन्म 27 फरवरी, 1909 को ग्राम बडौनी (दतिया, मध्य प्रदेश) में हआ था। प्रारम्भिक शिक्षा गाँव में पूरी कर ये झाँसी आ गये। यहाँ चन्द्रशेखर आजाद के सम्पर्क में आकर 17 वर्ष की अवस्था में ही इन्होंने क्रान्तिपथ […]

Categories
धर्म-अध्यात्म

ऋषि दयानंद ने चार वेदों को ईश्वर प्रदत्त अनादि ज्ञान सिद्ध किया

ओ३म् ============ सूर्य, चन्द्र, पृथिवी तथा नक्षत्रों आदि से युक्त हमारी यह भौतिक सृष्टि मनुष्योत्पत्ति से बहुत पहले बन चुकी थी। अतः इसे मनुष्यों ने नहीं बनाया यह बात तो स्पष्ट है। मनुष्य एक, दो व करोड़ों मिलकर भी इस सृष्टि व इसके एक ग्रह को भी नहीं बना सकते। यदि ऐसा है तो फिर […]

Categories
मुद्दा

मजहब के नाम पर पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद सारा भारत रह गया था सिर्फ हिंदुओं का : श्याम सुंदर पोद्दार

——————————————— आजकल मिम के नेता असद्दुदीन ओबैसी बहुत ज़ोर से यह बात स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं कि भारत में रहने वाले मुसलमान हज़ारों वर्ष से यहाँ रहते आए हैं। इसलिए यह की हर चीज़ पर इनका अधिकार है। मिम के नेता ओवैसी जान बूझ कर एक सफ़ेद झूठ को स्थापित करना चाहते […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

अमर बलिदानी छत्रपति संभाजी

11 मार्च/बलिदान-दिवस भारत में हिन्दू धर्म की रक्षार्थ अनेक वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। छत्रपति शिवाजी के बड़े पुत्र सम्भाजी भी इस मणिमाला के एक गौरवपूर्ण मोती हैं। उनका जन्म 14 मई, 1657 को मां सोयराबाई की कोख से हुआ था। तीन अपै्रल, 1680 को शिवाजी के देहान्त के बाद सम्भाजी ने […]

Exit mobile version