अंजन कुमार ठाकुर अभी के कालखंड में यशवंत सिन्हा के बराबरी के बौद्धिक और अनुभवी राजनेता शायद उंगलियों पर गिने जा सकते हैं। परंतु जब कांग्रेस के एक युवा नेता के पीछे पूरा विपक्ष दुबका पड़ा है, उस कालखंड में शायद अनुभव और समझ की जरूरत भारतीय राजनीति को नहीं है। एक चुटकुला राजनीतिज्ञों के […]
महीना: मार्च 2021
“धमनी वृक्ष” जो कुछ भी प्रकृति में ,वही सब कुछ हमारे शरीर में है| इसीलिए” यथा ब्रह्मांडे तथा पिंडे” कहा गया है | मानव शरीर में रक्त की आपूर्ति ,शुद्ध रक्त हृदय से अंगों तक पहुंचाने के लिए दूषित रक्त को अंगों से हृदय तक वापसी के लिए धमनियों शिराओं का 100000 किलोमीटर लंबा अंतरजाल […]
लिबरल गिरोह उनसे परेशान है। वामपंथी मीडिया उन्हें हिन्दुओं की सबसे ‘कर्कश आवाज़’ कहता है। हाल ही में गाजियाबाद के डासना में एक नाबालिग लड़के आसिफ की पिटाई हुई, जिसके बाद दावा किया गया कि वो मंदिर में पानी पीने गया था। हालाँकि, एक व्यक्ति ने इस पूरे नैरेटिव पर तथ्यों से तगड़ा प्रहार किया। […]
जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगजेब की हिन्दू नीति अकबर के लिए कहा जाता है कि उसकी सेना में अधिकांश लोग हिन्दू हुआ करते थे । जिन पर उसका बहुत अधिक विश्वास होता था । अकबर की सेना में रहने वाले इन हिन्दुओं को अकबर की तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के साथ जोड़कर देखा जाता है। जिससे कि पाठक […]
अजय कुमार यूपी सरकार ने कहा है कि कहीं भी सड़क किनारे धार्मिक प्रकृति की किसी संरचना या निर्माण की अनुमति कतई नहीं दी जाए। आदेश में कहा गया है कि यदि कहीं इस तरह का कोई निर्माण एक जनवरी 2011 अथवा उसके बाद कराया गया है तो उसे तत्काल हटाया जाए। उत्तर प्रदेश में […]
#डॉविवेकआर्य 1947 के दौर की बात है। देश में विभाजन की चर्चा आम हो गई थी। स्पष्ट था कि विभाजन का आधार धर्म बनाम मज़हब था। भारतीय विधान परिषद के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद के पास देश भर से गौवध निषेध आज्ञा का प्रस्ताव पारित करने के लिए पत्र और तार आने लगे। महात्मा गाँधी […]
प्रायः यह कहा जाता है कि यदि हिंदुओं को तलवार या धन के कारण मुस्लिम या ईसाई बनया जाता तो आज एक भी हिन्दू नहीं बचता। हिंदुओं कि रक्षा के लिए धर्म सत्ता ( संत कबीर, रविदास, सुंदरदास, समर्थ गुरु रामदास और महर्षि दयानन्द आदि ) और राजसत्ता ( शिवाजी, राणा प्रताप और दुर्गादास आदि) […]
स्पेन से 1964 में फादर एम डायज गैर्रिस रोमन कैथोलिक चर्च के एक षणयंत्र के तहत भारत आये । वो स्वामी नारायन मंदिर में एक पर्यटक के रूप में छ: महीना और फिर वहीं किराये के कच्चे मकान में 5 साल रुके । उद्देश्य था उत्तरी गुजरात की आदिवासी एवं अन्य जनजातियों का अध्ययन कर […]
ओ३म् ========== वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की संहिताओं में निहित मंत्रों व इनके सभी मन्त्रों में निहित ज्ञान को कहते हंै। वेदों का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी की यह सृष्टि पुरानी है। हमारे प्राचीन काल के मनीषियों से लेकर ऋषि दयानन्द (1825-1883) तक ने वेदों की उत्पत्ति, इसके रचयिता व ज्ञान […]
उपकरणों से शिल्पकर्म रत #शूद्रों से कर न लिया जाय। ——— —————— टैक्स लेना राज्य का कर्तव्य और अधिकार दोनों है, लेकिन कैसी सरकार टैक्स ले सकती है और किससे कितना ले सकती है, इसके भी सिद्धांत गढे गए हैं, पहले भी और हाल में भी। ब्रिटिश जब कॉलोनी सम्राट हुवा करता था तब वहां […]