हम सभी के लिए यह बहुत ही दुखद समाचार है कि वर्तमान विश्व के 5 देश ऐसे हैं जो संसार के किसी भी कोने में स्थित शहर को अपनी मिसाइलों से नष्ट कर सकते हैं। इन देशों में अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस का नाम सम्मिलित है। आज के इस लेख को हम मनुष्य […]
महीना: मार्च 2021
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कोरोना की वापसी के संकेत डरावने हो गए हैं। बड़ी मुश्किल से पटरी पर लौटती दिनचर्या पर कोरोना की मार भारी पड़ने वाली है। कोरोना के कारण प्रभावित आर्थिक गतिविधियों को लॉकडाउन के माध्यम से बंद करना अब सरकारों के लिए किसी दुश्वारी से कम नहीं है। पूरे एक साल बाद […]
मां के चरणों में झुके जितना नर का माथ। उतना ही ऊंचा उठे ईश्वर पकड़े हाथ।। जन्नत मां की गोद में जीते जी मिल जाय। मां का नहीं मुकाबला सब बौने पड़ जाय।। मां का दिल ममता भरा वात्सल्य का कोष। कोमल है नवनीत सा स्वर्ग सी है आगोश।। मां होती है प्यार की बदली […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक जब विदेश मंत्रियों का सम्मेलन हुआ था, तब भी चाहे अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन के विरुद्ध जब-तब कुछ बयान दिए थे लेकिन चारों विदेश मंत्रियों का कोई संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं हो सका, क्योंकि भारत नहीं चाहता था कि यह चौगुटा चीन-विरोधी मोर्चा बन जाए। भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया, इन […]
रमेश सर्राफ धमोरा 2019 के चुनाव में ममता की तृणमूल कांग्रेस को जहां 44.91 प्रतिशत वोट मिले वहीं भाजपा को 40.70 प्रतिशत मत मिले थे। 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस व वाम दलों ने अलग-अलग लड़ा था, जिसमें कांग्रेस को 5.67 प्रतिशत व वामदलों को 6.30 प्रतिशत मत मिले थे। देश के पांच राज्यों में […]
भारत में ७ लाख ३२ हज़ार गुरुकुल एवं विज्ञान की २० से अधिक शाखाएं थीं!!! अब बात आती है की भारत में विज्ञान पर इतना शोध किस प्रकार होता था, तो इसके मूल में है भारतीयों की जिज्ञासा एवं तार्किक क्षमता, जो अतिप्राचीन उत्कृष्ट शिक्षा तंत्र एवं अध्यात्मिक मूल्यों की देन है। “गुरुकुल” के बारे […]
स्वयं और अन्य बहुत से मानवतावादी खिन्न हैं कि हमारे मुस्लिम भाई खुश नहीं हैं. मैं इनके लिए मनुष्यता में प्रबल विश्वास रखने के नाते दुखी हूँ और आंसुओं में डूबा हुआ हूँ। वो तो नगर के सौभाग्य से मेरी आँखों के ग्लैंड्स ख़राब हैं इसलिये आंसू अंदर-अंदर बह रहे हैं अन्यथा शहर में बाढ़ […]
ओ३म् ========== हम मनुष्य कहलाते हैं। वस्तुतः सदाचार को धारण कर ही हम मनुष्य बन सकते हैं परन्तु सदाचारी व धर्मात्मा मनुष्य बनने के लिये सद्ज्ञान प्राप्त करने सहित पुरुषार्थ वा आचरण भी करना होता है। क्या हम सब ज्ञानी वा विद्यावान हैं? इसका उत्तर ‘न’ अक्षर व शब्द में मिलता है। जब हम विद्यावान […]
मूर्तिपूजा अर्वाचीन है, वेदादि शास्त्रों के विरुद्ध और अवैदिक है | फिर हम अपने ईश्वर को कैसे प्राप्त करें? हमारी उपासना-विधि क्या हो ? उपासना का अर्थ है समीपस्थ होना अथवा आत्मा का परमात्मा से मेल होना। महर्षि पतञ्जलि द्वारा वर्णित अष्टाङ्गयोग के आठ अङ्ग निम्न हैं | — यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, […]
स्वामी श्रद्धानन्द का प्रकाशमय जीवन एक काल में घोर अन्धकार में था। आप लिखते हैं जब मैं छोटा था मेरे पिताजी पक्के ईश्वरविश्वासी थे। प्रतिदिन धार्मिक ग्रंथों का स्वाध्याय किया करते थे। मुझे जब वे ऐसा करने को कहते तो मैं उनसे स्पष्ट कह देता कि मुझे ईश्वर की सत्ता पर जरा भी विश्वास नहीं […]