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आतंकवाद देश विदेश

अल्पसंख्यकों का मुस्लिम देश में भविष्य, लेखमाला- भाग – 4

  प्रेषक- #डॉविवेकआर्य 1880 में बसु परिवार में एक बालक का जन्म हुआ। उसका नाम रखा गया सूरज कुमार। ढाका विश्वविद्यालय से बी ए पास करने के पश्चात वह युवक अहमदाबाद पहुंच गया। वहां कपडा मिल के मैनेजर थे केशवलाल मेहता। उन्होंने उसके गुण देखकर उसे अपनी कपड़ा मिल में रख लिया। मिल में कपड़ा […]

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देश विदेश

अल्पसंख्यकों का मुस्लिम देश में भविष्य

  लेखमाला भाग 3 प्रेषक- #डॉविवेकआर्य महात्मा गाँधी एक समय कहते थे कि भारत का विभाजन उनकी लाश पर होगा। कोलकाता और नोआखली के दंगों के समय जब हिन्दू समाज द्वारा प्रतिक्रिया होने लगी तो वो अनशन पर बैठ गए। नोआखली का दौरा किया मगर दंगे के मूल कारण जिन्नाह और उसके जिगरी सुहरावर्दी को […]

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आओ कुछ जाने भाषा

विश्व की सभी भाषाओं में सर्वाधिक पुरानी भाषा होने के कारण संस्कृत है सब भाषाओं की जननी

  डॉ. जीतराम भट्ट कुछ लोगों का कहना है कि संस्कृत केवल पूजा-पाठ की ही भाषा है। किन्तु यह सत्य नहीं है। संस्कृत-साहित्य के केवल पॉच प्रतिशत में धर्म की चर्चा है। बाकी में तो दर्शन, न्याय, विज्ञान, व्याकरण, साहित्य आदि विषयों का प्रतिपादन हुआ है। संस्कृत पूर्ण रूप से समृद्ध भाषा है। ग्रीक और […]

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आओ कुछ जाने विश्वगुरू के रूप में भारत

भौगोलिक ज्ञान का स्पष्ट चित्रण है भारत के पुराणों में

  मिश्र की लोकमाता नदी का ‘नील’ नाम शुद्ध संस्कृत है, ऐसा पाश्चात्य अन्वेषक कहते हैं। प्राचीन काल के भारतीयों के भौगोलिक ज्ञान के विषय में जिन्होंने गहरा अध्ययन किया है, वह Francis Wilford (1761–1822) कहते हैं कि “भारतीय पुराणों में वर्णित शंख के आकारवाला द्वीप अफ्रीका ही है।’ नील नदी के उद्गम के विषय […]

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इतिहास के पन्नों से

वैदिक आर्यों की ही संतान थे गुर्जर सम्राट कनिष्क और उनके वंशज

  कई इतिहासकारों ने ऐसा माना है कि गुर्जर शासकों का धर्म मिहिर अर्थात सूर्य था । जिन लोगों ने अपनी ऐसी धारणा व्यक्त की है उन्हें यह ज्ञात होना चाहिए कि मिहिर या सूर्य कोई धर्म नहीं होता , अपितु यह एक देवता है । क्योंकि यह संसार को प्रकाश प्रदान करता है । […]

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महत्वपूर्ण लेख

देश के आंदोलनजीवी चला रहे हैं ‘फाइव स्टार कल्चर’ का आंदोलन

  अजय कुमार पहले सामाजिक नेताओं की हुंकार पर लोग सड़क पर आ जाते थे, लेकिन इनके दामन पर किसी तरह का कोई दाग नहीं लगा। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आंदोंलन का स्वरूप ही बदल गया है। अब आंदोलन के आसपास का नजारा ‘पिकनिक स्पॉट’ और फाइव स्टार होटलों जैसा नजर आता है। देश […]

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इतिहास के पन्नों से देश विदेश

क्या इराक के 5 लाख यजीदी लोग प्राचीन भारत के यजुर्वेदी लोग हैं?

यह लोग स्वयं को न तो मुसलमान मानते हैं, न पारसी और न ईसाई। यह अपने को ‘यजीदी’ कहते हैं। इस समुदाय के उपासना-स्थल हिन्दू मंदिरों की तरह होते हैं, ये सूर्य की भी पूजा करते हैं और इनमें मोर की बहुत मान्यता है। उल्लेखनीय है कि मोर केवल दक्षिण एशिया में पाया जाता है। […]

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पर्व – त्यौहार

होली गेहूं की फसल के आगमन की खुशियां मनाने का त्यौहार है

ओ३म् ========= होली का पर्व प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रथम तिथि को मनाया जाता है। एक दिन पूर्व फाल्गुल मास की पूर्णिमा पर होलिका दहन की परम्परा भी लम्बे समय से समाज में चली आ रही है। होली प्राचीन काल में ऋषियों व विद्वानों द्वारा किये जाने वाले महायज्ञ का एक […]

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इतिहास के पन्नों से

1926 की अपनी टंकारा यात्रा और टंकारा शताब्दी समारोह विषयक महात्मा नारायण स्वामी जी के रोचक संस्मरण

छह मास के प्रचार अर्थ लंबे भ्रमण काल में कुछ घटनाएं उल्लेखनीय हैं। उनका यहां उल्लेख किया जाता है – टंकारा शताब्दी : मौरवी राज्य में टंकारा एक बड़ा कस्बा है। मौरवी तक रेल है। मौरवी से टंकारा का ट्रांबे [ट्रेम्बे] जाती है। टंकारा ऋषि दयानंद का जन्म स्थान होने से प्रसिद्ध है। काठियावाड़ी भाइयों […]

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आतंकवाद देश विदेश

अल्पसंख्यकों का मुस्लिम देश में भविष्य

  लेखमाला भाग 2 प्रेषक- #डॉविवेकआर्य पिछले लेख में हमने कमल भूषण चौधरी की गाथा का वर्णन किया था। इस लेख में हम सुनील बसु की आपबीती के माध्यम से बंगलादेश में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार की समीक्षा करेंगे। 1960 के दशक से पश्चिमी पाकिस्तान के हुकुमरानों द्वारा पूर्वी पाकिस्तान यानि वर्तमान बांग्लादेश पर बांग्लाभाषी […]

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