ओ३म् ========= रविवार दिनांक 28-3-2021 को वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून में दिनांक 7 मार्च, 2021 से चल रहे तीन सप्ताह के चतुर्वेद पारायण एवं गायत्री यज्ञ का समापन हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य सन्दीप जी थे। यज्ञ में मन्त्रोच्चार गुरुकुल पौंधा-देहरादून के चार ब्रह्मचारियों ने किया। स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में […]
Month: March 2021
ओ३म् ====== महात्मा बुद्ध को उनके अनुयायी ईश्वर में विश्वास न रखने वाला नास्तिक मानते हैं। इस सम्बन्ध में आर्यजगत के एक महान विद्वान पं. धर्मदेव विद्यामार्तण्ड अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘‘बौद्धमत एवं वैदिक धर्म” में लिखते हैं कि आजकल जो लोग अपने को बौद्धमत का अनुयायी कहते हैं उनमें बहुसंख्या ऐसे लोगों की है जो […]
रामायण कालीन वैदिक संस्कृति
सन्ध्या और अग्निहोत्र: बाल्मीकि रामायण से विदित होता है कि उस काल में आर्यों की उपासना सन्ध्या के रुप में होती थी।जप, प्राणायाम तथा, अग्निहोत्र के भी विपुल उल्लेख मिलते हैं। पौराणिक मूर्तिपूजा, व्रत, तीर्थ, नामस्मरण या कीर्तन रुप में धार्मिक कृत्य का वर्णन मूलतः नहीं है। क्षणिक उल्लेख जो इस सम्बन्ध में मिलते […]
मुस्लिम भीड़ ने मच्छिंद्रनाथ मंदिर में आरती को किया बाधित (साभार: YouTube) लगभग 50 से 60 मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मलंग गढ़ किले के ऊपर बने मच्छिंद्रनाथ के प्राचीन मंदिर में घुसकर हिंदू श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही आरती को बाधित करने के लिए ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के […]
कम्युनिस्ट और भारत का विभाजन
कम्युनिष्ट और भारत का विभाजन 1947 से पहले मुस्लिम लीग तो सांप्रदायिक थी ही, मगर सांप्रदायिकता के विरोध की रहनुमाई करने वाली घोर सेक्युलर कम्युनिस्ट पार्टी ने भी पाकिस्तान की मांग का समर्थन किया था।उसने मुस्लिम लीग की पाकिस्तान की सांप्रदायिक और अलगाववादी मांग को जायज ठहराने की कोशिश की। कम्युनिस्ट पार्टी ने मुस्लिम लीग […]
आज के लोकतांत्रिक और वैज्ञानिक जमाने में भी जब किसी देश से सेना द्वारा तख्तापलट के समाचार आते हैं तो बड़ा कष्ट होता है । यह कष्ट उस समय और अधिक बढ़ जाता है जब हम देखते हैं कि तख्तापलट से पीड़ित हुए ऐसे देश के पड़ोसी देश या विश्व के बड़े देश और […]
कोविड महामारी के बाद यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला विदेश दौरा है। बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में उनका भव्य स्वागत अनेक सकारात्मक संदेशों को अपने भीतर समाहित किए हुए है। उनका यह दौरा भारत-बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के कारण ऐतिहासिक महत्त्व रखता है। यह […]
29 मार्च/पुण्य-तिथि सिख पन्थ के दूसरे गुरु अंगददेव का असली नाम ‘लहणा’ था। उनकी वाणी में जीवों पर दया, अहंकार का त्याग, मनुष्य मात्र से प्रेम, रोटी की चिन्ता छोड़कर परमात्मा की सुध लेने की बात कही गयी है। वे उन सब परीक्षाओं में सफल रहे, जिनमें गुरु नानक के पुत्र और अन्य दावेदार […]
ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून यदि वेद न होते तो संसार के मनुष्यों को यह कदापि ज्ञान न होता कि मनुष्य कौन है व क्या है? यह संसार क्यों, कब व किससे बना, मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या है और उस उद्देश्य की प्राप्ति के साधन क्या-क्या हैं? वेद एक प्रकार से कर्तव्य शास्त्र के […]
यहां पर हम यह स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे कि राष्ट्र का निर्माण किस प्रकार हुआ ? राष्ट्र जैसी संस्था के खड़े करने में वेद का क्या योगदान रहा ? सरस्वती जी महाराज कहते हैं कि”जब स्वयंभूव मनु महाराज ने देखा कि सृष्टि में कुछ सूक्ष्मता आ गई है और लोगों के विचारों में […]