डॉ. प्रभात कुमार सिंघल मदनोत्सव काम कुंठाओं से मुक्त होने का प्राचीन उत्सव है, जिसमें प्रेम को शारीरिक सुख से ज्यादा मन की भावना से जोड़ा गया है। मदनोत्सव पर पत्नी अपने पति को अति सुंदर मदन यानी कामदेव का प्रतिरूप मानकर उसकी पूजा करती है। बसंत ऋतु में प्रकृति नया श्रृंगार करती है। खेतों […]
Month: February 2021
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का बचपन प्रयागराज में बीता था। एक समय था जब पूर्वांचल में कांग्रेस की तूती बोलती थी। प्रदेश को कई कांग्रेसी मुख्यमंत्री यहीं से मिले। इसमें कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, विश्वनाथ प्रताप सिंह, वीर बहादुर सिंह, रामनरेश यादव जैसे नाम शामिल थे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की उत्तर प्रदेश […]
ओ३म् ========= हम जानते हैं कि सभी मनुष्यों एवं चेतन प्राणियों के शरीरों मेंएक चेतन आत्मा की सत्ता भी निवास करती है। मनुष्य के जन्म व गर्भकाल में आत्मा निर्माणाधीन शरीर में प्रविष्ट होती है। मनुष्य शरीर में आत्मा का प्रवेश अनादि, नित्य, अविनाशी सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, सर्वज्ञ, सच्चिदानन्दस्वरूप ईश्वर कराते हैं। समस्त संसार, सभी […]
आतंकी राजधानी दिल्ली को दहलाने की साजिश में जुटे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने रविवार (फरवरी 14, 2021) को खुलासा किया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद किसी बड़े हमले की फ़िराक में है। कश्मीर में सक्रिय आतंकियों ने अब पाकिस्तान के साथ-साथ बिहार से भी हथियारों की खरीद शुरू कर दी […]
प्राचीन काल में जबकि अलग- अलग इलाकों में अलग-अलग सिक्कों का व्यवहार था, तब सिक्कों के मानक रूप, उनके ऊपर अंकित चिह्नों के अभिप्राय, उनके प्रचलन इलाकों और उन इलाकों की भौगोलिक स्थिति की जानकारी देने वाला एक ग्रंथ था : रूपसूत्र। आज यह ग्रंथ हम खो चुके हैं और इसकी जानकारी तक हमें नहीं […]
हड़प्पा का नाम सुनते ही क्या याद आता है ? पुरानी सभ्यता, भारतीय इतिहास और इन सब का बंटवारे में पकिस्तान चले जाना ? 1947 के बाद से इनपर काफी सर्वे हुआ है | पाकिस्तान में करीब 800 और इसी कालखंड के अवशेषों वाली जगहें मिली थी और भारत में ASI ने करीब 2000 इलाकों […]
भारत में अभ्यास हो गया है कि हम अपनी भाषा और क्षेत्र बिलकुल नहीं देखते हैं। केवल यही देखते और समझते हैं कि अंग्रेजों ने क्या लिखा है। अपनी तरह भारतीयों को भी विदेशी सिद्ध करने के लिये सिन्ध में खुदाई कर उसके मनमाने अर्थ निकाले। आज तक नयी नयी कल्पनायें हो रही हैं। केवल […]
ईश्वर और प्रकृति
#डॉ_विवेक_आर्य एक मित्र ने पूछा कि ईश्वर सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापक है तो वह अपनी शक्ति से प्रकृति को क्यों नहीं बना सकता? ईश्वर को सृष्टि की रचना के लिए प्रकृति की क्या आवश्यकता है? इस विचार का पोषण मूल रूप से सेमेटिक मत जैसे इस्लाम और ईसाइयत करते है। उनकी मान्यता है कि पूर्व […]
पुलवामा एक आक्रमण नहीं एक सबक था
पुलवामा आक्रमण केवल एक घटना नहीं थी, पुलवामा आक्रमण एक सबक था कि जबतक आपके पड़ोस में पाकिस्तान जैसा क्रूर आतंकी देश है, तबतक शांति, सद्भाव और भाईचारे की बात सिवाय बौद्धिक छिनरपन के और कुछ नहीं। पाकिस्तान किसी देश का नाम नहीं है, एक आतंकी विचार का नाम है। एक ऐसा विचार, जो जन्म […]
ओ३म् =========== मनुष्य प्रायः अपने माता, पिता, आचार्यों तथा सगे सम्बन्धियों को ही अपना मानते हैं। ईश्वर के विषय में मनुष्यों के भिन्न-भिन्न विचार होते हैं। अधिकांश को ईश्वर के सत्यस्वरूप व गुण, कर्म व स्वभाव का ज्ञान नहीं होता। वह ईश्वर की परम्परागत विद्या व कुछ अविद्या से युक्त गुणोपासना आदि कर लेते हैं […]