दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा अकारण नहीं है, उन्होंने साफ कहा है कि मुझसे अब पश्चिम बंगाल की स्थितियां देखी नहीं जा रही है। मुझे घुटन महसूस हो रही है। वाकई जब इस तरह की स्थितियां बन जाती हैं, तब शासन-व्यवस्था की काबिलीयत पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है। आज पूरे राष्ट्र की दृष्टि पश्चिम बंगाल पर […]
Month: February 2021
ओ३म् ============ मनुष्य जब संसार में आता हैं और उसकी आंखे खुलती हैं तो वह अपने सामने सूर्य के प्रकाश, सृष्टि तथा अपने माता, पिता आदि संबंधियों को देखता है। बालक अबोध होता है अतः वह इस सृष्टि के रहस्यों को समझ नहीं पाता। धीरे धीरे उसके शरीर, बुद्धि व ज्ञान का विकास होता है […]
मोदी भक्त अथवा मोदी विरोधी होना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन उसका आधार होना चाहिए आधारहीन नहीं। परन्तु मोदी विरोधी मोदी नाम से ही इतना भवभीत होने के कारण विरोध में मुख्य मुद्दे भूल गए हैं। विरोधी केवल उन्हीं मुद्दों को लेकर मोदी विरोध कर रहे हैं, जिनका इन विरोधियों ने अपने घोषणा-पत्रों में उल्लेख […]
बसन्त की मनभावन अनुभूतियां
बसंत की बकधुन: वसंत की भटकन वसंत पंचमी, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पाँचवी तिथि। भारत की छ: ऋतुओं वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर और हेमंत में वसंत ऋतु सिरमौर मानी गई है। वसंत माने पुराने पत्तों का अंत। यह नवोन्मेष की ऋतु है। ऋतुचक्र और पंचांग के फेर से अंतर पड़ता है लेकिन […]
–मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। पं. चमूपति जी का जन्म आजादी से पूर्व भारत के एक पिछड़े मुस्लिम राज्य बहावलपुर, जो अब पाकिस्तान में है, वहां 15 फरवरी, सन् 1893 को हुआ था। श्री वसन्दाराम आपके पिता थे और माता थी श्रीमती लक्ष्मी दवी। माता पिता से आपको चम्पतराय नाम मिला। कालान्तर में जब आपकी प्रसिद्धि […]
अमर बलिदानी वीर हकीकत राय
#डॉ_विवेक_आर्य (बंसत पंचमी 16 फरवरी को वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस पर विशेष रूप से प्रकाशित) पंजाब के सियालकोट मे सन् 1719 में जन्में वीर हकीकत राय जन्म से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। आप बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। बड़े होने पर आपको उस समय कि परम्परा के अनुसार […]
एक दिन हकीकत राय का अपने मुसलमान सहपाठियों के साथ झगड़ा हो गया । उन के मुस्लिम सहपाठियों ने माता दुर्गा के प्रति अप् शब्द कहे, जिसका हकीकत राय ने विरोध करते हुए कहा, ”क्या यह आप को अच्छा लगेगा यदि यही शब्द मैं आपकी बीबी फातिमा (मोहम्द की पुत्री) के सम्बन्ध में कहुँ ? […]
कबीर और अंबेडकरवादियों की साजिश
-अरुण लवानिया बामसेफियों और 22 प्रतिज्ञाओं वाले अंबेडकरवादियों की छटपटाहट मोदी के सत्तासीन होने के बाद और ही बढ़ गयी है।जितने भी ईश्वरवादी संत हैं उन्हें एक-एक कर नास्तिक, हिंदू द्रोही, डा. अंबेडकर के विचारों और बुध्द के समीप या बौध्द साबित करने का कुचक्र भी जोर-शोर से चल रहा है। बामसेफियों की प्रचार सामग्रियों, […]
हमने मैदानों का परिवेश तो बिगाड़ा ही, अब पहाड़ों पर भी विनाश करने को तत्पर है। पहाड़ों पर न केवल बसने को लालायिक है बल्कि वहां उद्योग लगा रहे हैं, होटल व्यवसाय पनपा रहे हैं। इसका असर पहाड़ों पर साफ तौर पर दिखने लगा है। मनुष्य इस दुनिया का एक हिस्सा है या उसका स्वामी […]
वसन्त वसत है मन में मेरे….
वसन्त वसत है मन में मेरे बनके प्यारा राजा। वर्षा ऋतुओं की रानी है करती मन को ताजा।। राजा अपनी मुस्कुराहट से सबका मन हर लेता। रानी का द्रवित हृदय भी सबको वश में कर लेता।। दोनों की राह अलग सी है पर लक्ष्य नहीं है न्यारा। प्राणीमात्र के हितचिंतन में जीवन समर्पित सारा।। राजा […]