डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारतीयों टीकों का इस्तेमाल अपने पड़ोसी देशों में भी जमकर होगा। पाकिस्तान के अलावा दक्षेस के सभी राष्ट्र आस लगाए बैठे हैं कि भारतीय टीका उनका उद्धार करेगा। वह सस्ता भी है और उसे सहेजना भी आसान है। भारत इन पड़ोसी देशों को लगभग एक करोड़ टीके शीघ्र देने वाला है। […]
Month: January 2021
डॉ. दीप नारायण पाण्डेय आधुनिक वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार इम्यूनिटी मूलत: दो प्रकार से समझी जा सकती है। इनेट यानी जन्मजात और एडाप्टिव अनुकूलनीय। इनेट-इम्यूनिटी प्रतिरक्षा की पहली पंक्ति है जो पैथोजेन को मारने वाली कोशिकाओं जैसे न्यूट्रोफिल और मैक्रोफेज द्वारा संपादित की जाती है। किसी विषाणु का संक्रमण होने पर ये किलर-सेल्स तेज […]
आशीष कुमार ट्रंप अपने कार्यकाल के आखिर तक मास्क का मजाक ही उड़ाते रहे थे। बाइडन ने बतौर राष्ट्रपति अपने पहले भाषण में भी लोगों का आह्वान किया कि वे राजनीति को दरकिनार करके एक राष्ट्र के रूप में इस महामारी का मुकाबला करें। अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन […]
जीवन के संगीत में ,मिश्री सी तू घोल। मनवा सुख की खोज में ,ओ३म् – ओ३म् ही बोल॥1॥ जगत की चिन्ता छोड़ दे ,चिंतन कर सुबह शाम । भजले मनवा ईश को, पूरण करता काम ॥2॥ द्वन्द्वभाव को त्यागकर ,पकड़ डगरिया मीत। मालिक तेरा है जहाँ ,वह सुखद नगरिया मीत॥3॥ वेद की बंशी बज […]
तेरी शान हरजां समाई हूई है, ये दुनिया तुम्हारी बनाई हूई है। शशि में रवि और रवि में भी तुम हो, ये सब चमक तेरी फैलाई हूई है। यहां तू वहां तू इधर तू उधर तू, हर घट पट में ज्योति जगाई हूई है। निकट तू अलग तू तेरा मैं मेरा तू,मगर फिर भी […]
राष्ट्रीय पराक्रम दिवस* 23 जनवरी – नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को “राष्ट्रीय पराक्रम दिवस” के रूप में मनाये जाने की घोषणा करके हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को का बार-बार अभिनंदन। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी सुभाष जी के पराक्रम को स्मरण करने के साथ ही उन हज़ारों भूले-बिसरे क्रान्तिकारियों के […]
_-राजेश बैरागी-_ इस बार गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में दो परेड होने की आंशका है। एक राजपथ पर सरकारी परेड और दूसरी किसान परेड। यह दिल्ली के बाहरी संकुल मार्ग पर हो सकती है। दरअसल सौ दिनों में अढ़ाई कोस बढ़ने की कहावत अपनी बेनूरी पर बैठी रो रही है। अब अट्ठावन दिनों में […]
प्रियंका सौरभ (भारत में घरेलू श्रम के सवाल पर एक महत्वपूर्ण अभियान चल रहा है। ये मुख्य रूप से महिलाएं हैं जो ‘महिलाओं के काम’ करती हैं, लेकिन अन्य लोगों के घरों में। वो मांग करते हैं कि उनकी शर्तों को परिभाषित किया जाए, न्यूनतम मजदूरी की गारंटी दी जाए, और श्रमिकों की स्थिति […]
पंजाब में यह पहला बवाल नही है।देश आजाद होने केतुरन्त बाद भी यह हुआ था।सरदार पटेल जैसे दूरदर्शी ने इसे दबा दिया।तब यें अलग खालिस्तान का सपना पूरा नही टर सके।धीरे धीरे लक्ष्य की ओर बढे।हिन्दी समाप्त की।आर्यसममाज ने स्वामी आत्मानन्द जी और ओमानन्द जी के नेतृत्व में संघर्ष किया।लोगों ने बलिदान दिया। आन्दोलन कुछ […]
प्रिय आत्मन। सादर समुचित अभिवादन। सन 1874 में महर्षि दयानंद काशी में पधारे थे। उस समय मुरादाबाद निवासी श्री राजा जयकृष्ण दास सी.एस.आई. वहां के डिप्टी कलेक्टर थे ।उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती से निवेदन किया कि आप के उपदेशों से जो लोग वंचित रह जाते हैं उन तक अपने विचार पहुंचाने के लिए आपको […]