मेरठ की अमर क्रांति सन 1857 और कोतवाल धनसिंह चपराना गुर्जर का इतिहास 10 मई 1857 की प्रातःकालीन बेला। स्थान _मेरठ । क्रांति का प्रथम नायक _ धन सिंह चपराणा गुर्जर कोतवाल। नारा _ मारो फिरंगियों को। मेरठ में ईस्ट इंडिया कंपनी की थर्ड केवल्री की 11 और 12 वी इन्फेंट्री पोस्टेड थी ।10 मई […]
Month: January 2021
ओ३म् ========== मनुष्य मननशील प्राणी है। वह अपनी रक्षा एवं हित के कार्यों में संलग्न रहता है। अपनी रक्षा के लिए वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देता है तथा सज्जन पुरुषों से मित्रता करता है जिससे असुरक्षा एवं विपरीत परिस्थितियों में वह उसके सहायक हो सकें। मनुष्य अपनी सुख सुविधाओं का भी ध्यान रखता है। […]
अब्दुल मन्नान सहित आधा दर्जन से ज्यादा संदिग्ध गिरफ्तार उत्तर प्रदेश में एटीएस की छापेमारी, कई गिरफ्तार उत्तर प्रदेश में टेरर फंडिंग और रोहिंग्या निवासियों की तलाश में जनवरी […]
पश्चिम एसिया और भारत-भारतीय इतिहास में अंग्रेजों द्वारा इतनी भयानक जालसाजी हुयी है कि कोई भी वर्णन पश्चिम या मध्य एसिया के इतिहास से नहीं मिलता है और पूर्व भाग के बारे में बिलकुल ही भूल गये। राजतरंगिणी के अनुसार गोनन्द वंश का ६२वां राजा हिरण्यकुल था जिसने लौकिकाब्द २२५२-२३१२ अर्थात् ८२४-७६४ ई.पू. तक शासन […]
सम्राट विक्रमादित्य के ५९ वर्ष बाद शालिवाहन परमार की राज्याभिषेक ७७ (इ.) हुआ था तो मुर्ख वामपंथीयों का यह तथ्य बिलकुल गलत हैं की सम्राट विक्रमादित्य की हत्या उनके परपोत्र शालिवाहन ने किया हैं । मित्रों मैकॉले ने तो इतिहास को बर्बाद किया हैं पर मैकॉले के मानसपुत्र काले अंग्रेज़ो ने इस परंपरा को […]
( हरियाणा जैसे छोटे राज्य द्वारा पशु क्रेडिट कार्ड योजना इस क्षेत्र को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाते है. फिर भी कुछ अन्य कदम इस क्षेत्र में किसानों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते है. यह लाखों लोगों को विशेष रूप से ग्रामीण लोगों को स्वरोजगार प्रदान करता है. इसने महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण […]
6 जनवरी/पुण्य-तिथि यदि किसी व्यक्ति का कोई अंग जन्म से न हो, या किसी दुर्घटना में वह अपंग हो जाए, तो उसकी पीड़ा समझना बहुत कठिन है। अपने आसपास हँसते-खेलते, दौड़ते-भागते लोगों को देखकर उसका मन में भी यह सब करने की उमंग उठती है; पर शारीरिक विकलांगता के कारण वह यह कर नहीं सकता। […]
बजरंग मुनि तानाशाही और लोकतंत्र बिल्कुल विपरीत प्रणालियां हैं। तानाशाही में शासन का संविधान होता है और लोकतंत्र में संविधान का शासन। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसलिये हम कह सकते है कि यहां संविधान का शासन है भी और होना भी चाहिये। दुनिया के अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में संविधान का शासन माना […]
रामेश्वर प्रसाद सुशासन पर विचार करने से पूर्व इसके आधार और स्वरूप के विषय में भारतीय ज्ञानपरंपरा, राजनीति की परंपरा को तथा इतिहास के तथ्यों को जान लेना चाहिए। इसमें यह भी स्मरण रखना चाहिए कि विश्व में केवल भारत ही एकमात्र ऐसा राष्ट्र है, जहां प्राचीन काल से ही राजनीतिशास्त्र के अनेक […]
पुस्तक समीक्षा : हिंदुत्व रक्षार्थ
‘हिंदुत्व रक्षार्थ’ पुस्तक सचमुच रोमांच पैदा करने वाली है। हिंदू इतिहास की परंपराओं और उसके गौरवशाली पक्ष को विद्वान लेखक श्री रतन सनातन ने बहुत ही विद्वतापूर्ण और शोधपरक ढंग से हमारे समक्ष प्रस्तुत करने का सराहनीय और राष्ट्रप्रेम से भरा हुआ कार्य किया है। पुस्तक के अध्ययन से विद्वान लेखक की भारतीयता और […]