ओ३म् =========== मनुष्य जीवन में सबसे अधिक महत्व ज्ञान का बताया जाता है और यह बात है भी सत्य। हम चेतन आत्मा हैं। हमारा शरीर जड़ है। जड़ वस्तु में ज्ञान प्राप्ति व उसकी वृद्धि की सम्भावना नहीं होती। जड़ वा निर्जीव वस्तुयें सभी ज्ञानशून्य होती हैं। इनको किसी भी प्रकार की सुख व दुःख […]
Month: January 2021
बुजुर्ग हमारे वजूद हैं न कि बोझ
(बदलते परिवेश में एकल परिवार बुजुर्गों को घर की दहलीज से दूर कर रहें है. बच्चों को दादी- नानी की कहानी की बजाय पबजी अच्छा लगने लगा है, बुजुर्ग अपने बच्चों से बातों को तरस गए है. वो घर के किसी कोने में अकेलेपन का शिकार हो रहें है. ऐसे में इनकी मानसिक-आर्थिक-सामाजिक समस्याएं बढ़ती जा रही […]
एएनआई,नई दिल्ली। (एलएस तिवारी)पाकिस्तान के लिए शर्मिंदा करने वाला सच कबूल करते हुए पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमैट आगा हिलाली ने एक टीवी शो में कहा है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक में 300 आतंकवादी मारे गए थे। 26 फरवरी 2019 को भारतीय एयर फोर्स ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने पर बमबारी की थी। टीवी डिबेट्स में पाकिस्तानी […]
बीपी गौतम बदायूँ काँड में कार्रवाई से जब पीड़िता के परिजन संतुष्ट हैं तो नेता राजनीति क्यों कर रहे हैं इस घटनाक्रम में एक अहम सवाल और उठ रहा है कि देर शाम मंदिर में चल चढ़ाने की परंपरा नहीं है। शाम को दीपक जलाया जाता है, श्रृंगार किया जाता है पर, एफआईआर में […]
अंकित सिंह अपनी बहुमुखी प्रतिभा से हिन्दी भाषा की अकल्पनीय सेवा कर गये भारतेंदु हरिश्चंद भारतेंदु हरिश्चंद्र ने उस दौर में हिंदी साहित्य के आयाम को नयी दिशा दी जब अंग्रेजों का शासन था और अपनी बात कह पाना कठिन था। उन्होंने एक ओर खड़ी बोली के विकास में मदद की वहीं अपनी भावना […]
ललित गर्ग हिंदी की विश्वभर में बढ़ रही है ताकत, पर अपने ही देश में हो रही है उपेक्षा राजभाषा बनने के बाद हिन्दी ने विभिन्न राज्यों के कामकाज में आपसी लोगों से सम्पर्क स्थापित करने का अभिनव कार्य किया है। लेकिन अंग्रेजी के वर्चस्व के कारण आज भी हिन्दी भाषा को वह स्थान […]
डॉ. वंदना सेन निज भाषा उन्नति, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को शूल। प्रसिद्ध साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र की यह पंक्तियां निश्चित रूप से यह बोध कराने के लिए पर्याप्त हैं कि अपनी भाषा के माध्यम से हम किसी भी समस्या का समाधान खोज सकते हैं। यह सर्वकालिक […]
सुरेश हिन्दुस्थानी ट्रंप और उनके समर्थकों ने दुनियाभर के लोकतंत्र समर्थकों को किया निराश आज अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके समर्थकों की हरकतों से लोकतंत्र शर्मसार है। क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप लोकतंत्र को अपने हिसाब से चलाना चाहते है, जो लोकतांत्रिक पद्धति में प्रथम दृष्टया स्वीकार करने योग्य नहीं कहा जा सकता है। […]
गतांक से आगे… हिंदुस्तान में आ जाने पर द्रविड़ों के साथ मेलजोल होने से उनकी गणना पच द्रविड़ो में हो गई । जहां नई बस्ती होती है, वहीं पर सब जातियों की वर्गाकार बस्ती बन सकती है ।इस तरह की पद्धतिवार बस्ती वाले गांव कोकण में ही है।इससे सिद्ध हो जाता है कि कोकणस्थ […]
भक्ति रस में डूब जा, जो चाहे कल्याण भक्ति रस में डूब जा, जो चाहे कल्याण। रसना पै हरि -ओ३म् हो, जब निकले तेरे प्राण॥ 1395॥ एक हरि का आसरा, बाकी जग में भीड़। सर सूखे हंसा उड़े , खाली होगा नीड़॥1396॥ न्याय करे संसार में, ईश्वर का कानून । बिजली की तरह टूटता, […]