संतोष पाठक इस बार छोटे भाई की भूमिका में बिहार के मुख्यमंत्री के तेवर शुरुआत से ही बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। भाषण देते हुए शांति से अपनी बात रखने वाले नीतीश कुमार की सबसे बड़ी राजनीतिक खासियत यही मानी जाती थी कि वो कम बोलते हैं, नपा-तुला बोलते हैं। बिहार में मिलकर […]
Month: January 2021
वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड का सबसे पुराना और सबसे दूर स्थित महाविशाल ब्लैक होल मिल गया है। इसके साथ ही पहले की थिअरी पर सवाल खड़ा हो गया है कि ये ब्लैक होल कैसे बनते हैं। वैज्ञानिकों ने धरती से सबसे दूर स्थित ब्लैक होल की खोज कर ली है। यह 13 अरब प्रकाशवर्ष दूर […]
भारत की एक महान रानी सारंधा
* वीरांगना रानी सारन्धा* भारत के इतिहास में ऐसी बहुत-सी महिलाओं का नाम आता है जिन्होंने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यदि हम अपने देश के इतिहास पर नज़र डालेंगे तो हमें इसमें स्त्री शक्ति का वर्चस्व भी भली-भांति देखने को मिल जाता है। ऐसे कई घटनाओं का उल्लेख मिलता है, जब हमारे देश की […]
ओ३म् ============ संसार में स्थूल व सूक्ष्म दो प्रकार के पदार्थ होते हैं। स्थूल पदार्थों को सरलता से देखा जा सकता है। इसी से उनका प्रत्यक्ष भी हो जाता है। किसी पदार्थ का ज्ञान उसके गुणों को समग्रता से जानने पर होता है। सूक्ष्म पदार्थों नेत्रों से तो दिखाई नहीं देते परन्तु वह अपने लक्षणों […]
संकलनकर्ता- डॉ० भवानीलाल भारतीय प्रस्तुति- प्रियांशु सेठ •आचार्य पं० रामचन्द्र शुक्ल (१८८४-१९४०) (आचार्य रामचन्द्र शुक्ल- हिन्दी समीक्षा को नवीन रूप देने वाले आचार्य शुक्ल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक थे। वे अपने मनोवैज्ञानिक निबंधों तथा सूर, तुलसी एवं जायसी पर लिखी समीक्षाओं के कारण विशेष ख्याति अर्जित कर सके। रसवादी समीक्षा शैली […]
25 मार्च 2018। पाकिस्तान का सिंध प्रांत। शामियाना सजा, अतिथियों का जमावड़ा हुआ, फूलों की सजावट और इत्र की बौछारें हुई भी हुई. शामियाने के प्रवेश द्वार पर लिखे गये शब्द दावते-ए-इस्लाम की भावना का सम्मान पता नहीं लोगों के मन में कितना था पर जमीन पर दरियाँ बिछी उसके ऊपर कुर्सियां लगी ठीक सामने […]
डॉ. अजय खेमरिया विवेकानंद एक संन्यासी समाजसुधारक तो थे ही वह सच्चे समाज सुधारक और सामाजिक न्याय के अद्वितीय अधिष्ठाता भी थे। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि भारत का भविष्य कमजोर जातियों के हाथों में होगा वे अक्सर कहते थे कि मैं पुरातनपंथी और परम्परानिष्ठ हिन्दू नहीं हूँ। स्वामी विवेकानंद को लेकर वामपंथी बुद्धिजीवी […]
ललित गर्ग जवाहरलाल नेहरू के देहावसान के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधानमन्त्री का पद भार ग्रहण किया तब से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे। भारतीय राजनैतिक जीवन […]
बर्ड फ्लू का वायरस 70 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा की गर्मी मिलते ही खत्म हो जाता है। इसलिए चिकन या अंडों के इस्तेमाल के बावजूद भारतीय उपभोक्ता इसके शिकार नहीं होते क्योंकि यहां भोजन को अच्छी तरह पकाकर खाने का चलन है। देश के अलग-अलग हिस्सों से अचानक पक्षियों की मौत की खबरों ने […]
डॉ विवेक आर्य अकबर घोर विलासी, अय्याश बादशाह था। वह एक ओर हिन्दुओं को मायाजाल में फंसाने के लिए “दीने इलाही” के नाम पर माथे पर तिलक लगाकर अपने को सहिष्णु दिखाता था, दूसरी ओर सुन्दर हिन्दू युवतियों को अपनी यौनेच्छा का शिकार बनाने की जुगत में रहता था। दिल्ली में वह “मीना बाजार” […]