जहाँ दुनिया एक तरफ कोरोना महामारी का सामना करने के लिए वैक्सीन का इंतज़ार कर रही है वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय के लोग इस बात से चिंतित हैं कि वैक्सीन ‘हलाल’ के मानदंडों पर खरी उतरती है या नहीं। यानी उनके अनुसार वैक्सीन में सूअर का माँस (pork) और जिलेटिन (gelatin) नहीं होना […]
महीना: दिसम्बर 2020
जन्नत में मर्दों को तो हूरें मिल जाती हैं, औरतों को क्या मिलता है? परमादरणीय जनाब-ए-आला स्कॉलर श्री जाकिर नाइक साहब, इस्लाम और दुनिया के तमाम धर्मों के बारे में आपके ज्ञान को देखकर चकित हूँ, लेकिन […]
ललित गर्ग ब्रिटेन में भले लॉकडाउन है, लेकिन दुनिया का कोई देश अब लॉकडाउन नहीं चाहेगा स्ट्रेन के खतरनाक स्वरूप में उभरने की आशंका के सामने आने के बाद सबसे पहले तो यूरोप ने खुद को ब्रिटेन से अलग कर लिया है। भारत सहित फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, इटली, तुर्की, कनाडा और इजराइल […]
जम्मू कश्मीर में कमल नहीं खिला है ,बल्कि राष्ट्रवाद मुखरित हुआ है । डीडीसी चुनावों ने यह स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि जम्मू कश्मीर की जनता लोकतंत्र और भारत के साथ है । डीडीसी चुनाव परिणामों से उन देश विरोधी शक्तियों को जवाब मिला है जो कुछ समय पूर्व ही यह कह रही […]
………………………………………………… अजय आर्य / नई दिल्ली ………………………………………………….बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी , प्रसिद्ध लेखिका, कवयित्री गांव वजीरपुर टीटाणा ,पानीपत निवासी डॉ संजीव कुमारी एवं जर्मनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत उनकी बहन शिखा बटार ( मूलतः गॉंव ढांणी पाल, हिसार ) द्वारा रचित पुस्तक ‘आशाओं की शिखा’ का विमोचन आज दुष्यंत चौटाला, उपमुख्यमंत्री हरियाणा […]
डॉ. ओमप्रकाश पांडेय लेखक अन्तरिक्ष विज्ञानी हैं। भारतीय परम्परा में वेद को ब्रह्माण्डीय ज्ञान के मूल स्रोत के रूप में स्वीकार करते हुए इसे ईश्वर का नि:श्वास ही माना गया है (यस्य नि:श्वसितं वेदा यो वेदोभ्योऽखिलं जगत्)। यद्यपि वेदों का प्रतिपाद्य विषय सार्वभौमिक उत्कृष्टता के समुच्चय से ही संबंधित है, जिसे देश या काल […]
प्रणय कुमार शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो बंगाल की प्रतिभा एवं बौद्धिकता को देखकर अचंभित न रह जाता हो! पर कैसी विचित्र विडंबना है कि जो बंगाल कला, सिनेमा, संगीत, साहित्य, संस्कृति की समृद्ध विरासत और बौद्धिक श्रेष्ठता के लिए देश ही नहीं पूरी दुनिया में विख्यात रहा है, वह आज हिंसा, रक्तपात, […]
ओ३म् ========== हितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डोन सिटी-राजस्थान आर्यजगत के प्रमुख प्रकाशक हैं। इस संस्थान का संचालन प्रसिद्ध ऋषिभक्त श्री प्रभाकरदेव आर्य जी करते हैं। इस संस्था का इतिहास लगभग तीन दशकों का है। इस अवधि में श्री प्रभाकर जी ने लगभग 350 छोटे-बड़े ग्रन्थों का प्रकाशन किया है। वर्तमान में लगभग 200 से कुछ अधिक […]
ओ३म् ============== मनुष्य की अपनी अपनी आवश्यकतायें एवं इच्छायें हुआ करती हैं। वह उनकी पूर्ति के लिये प्रयत्न भी करते हैं। मनुष्य जिस सामाजिक वातावरण में रहता है वहां उसे अपने बड़ों से जो शिक्षा मिलती है उसमें उसकी स्वाभाविक प्रवृत्ति हो जाती है। वह बिना छानबीन व विवेक से उन्हें स्वीकार कर लेता है। […]
यथार्थ गीता के संबंध में श्रीमद्भगवद्गीता को यथार्थ मानव शास्त्र प्रतिपादित करते हुए स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का कथन है-“श्री कृष्ण जिस स्तर की बात करते हैं, क्रमशः चल कर उसी स्तर पर खड़ा होने वाला कोई महापुरुष अक्षरशः बता सकेगा कि श्री कृष्ण ने जिस समय गीता का उपदेश दिया था, उस समय उनके […]