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उगता भारत न्यूज़ व्यक्तित्व

शून्य से शिखर के धनी भामाशाह : महाशय धर्मपाल आर्य

-विनोद बंसल राष्ट्रीय प्रवक्ता-विहिप         कुछ लोग कर्म शील होते हैं तो कुछ धर्मशील। कोई विद्यावान होता है तो कोई गुणवान। कोई धनवान होता है तो कोई बलवान। कोई ज्ञानी होता है तो कोई दानी। किन्तु ये सभी गुण यदि कहीं एक साथ देखने को मिले तो वे थे महाशय धर्म पाल गुलाटी ‘आर्य’। माघ कृष्ण […]

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आज का चिंतन

क्या हमें अपने पूर्वजन्म एवं पुनर्जन्म होने के सिद्धांत का ज्ञान है?

-मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य हो या इतर प्राणी, सभी जन्म व मरण के चक्र में फंसे हुए हैं। संसार में हम देखते हैं कि जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु अवश्य होती है। जन्म से पूर्व और मृत्यु के बाद का ज्ञान कुछ आध्यात्मिक व वैदिक विद्वानों को ही होता है। कुछ ऐसे मनुष्य हैं […]

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आतंकवाद महत्वपूर्ण लेख

घुसपैठ करने वाले और जिहादी हैं देश के दुश्मन

विनोद कुमार सर्वोदय     पिछले दिनों समाचार पत्रों से पुनः यह ज्ञात हुआ है कि रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों को जम्मू में बसा कर वहां के जनसंख्या संतुलन (डेमोग्राफी) को बिगाड़ कर देश को निरंतर आहत किया जा रहा है। वर्षों से बंग्लादेशी व अब म्यांमार के घुसपैठियों ने हमारे देश में अपराध व आतंक […]

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देश विदेश

तिब्बत : चीखते अक्षर, भाग – 10

(5) चीनी सैनिकों और घुसपैठियों का अंत:प्रवाह बाकी तिब्बत से काट दिये गये मध्य तिब्बत में जो कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र नाम से जाना जाता है, लगभग 5 लाख चीनी सैनिक तैनात हैं और जैसा कि बताया गया है, चीनियों के अनुसार इस क्षेत्र की तिब्बती जनसंख्या 11.9 लाख है। इसका अर्थ यह हुआ कि […]

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देश विदेश

तिब्बत : चीखते अक्षर, भाग- 9

दलाई लामा ने बताया है कि 1950 के पहले तिब्बत में लगभग 600000 बौद्ध भिक्षु थे। अधिकांश को जेल में डाल दिया गया, यातनायें दी गईं या वे सामूहिक नरसंहार का शिकार हुये। बौद्ध मठों जैसे द्रेपुंग, सेरा, गादेन, लिथांग, दर्जे, बाथांग, चाम्डो, ताशि क्यिल, कुबुम आदि से भारी संख्या में भिक्षु ग़ायब हो गये […]

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व्यक्तित्व

नव दधीचि नाना भागवत

4 दिसम्बर/जन्म-दिवस नव दधीचि नाना भागवत बिहार में पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और फिर विश्व हिन्दू परिषद के कार्य विस्तार में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले दत्तात्रेय बालकृष्ण (नाना) भागवत का जन्म वर्धा (महाराष्ट्र) में चार दिसम्बर, 1923 को हुआ था। छात्र जीवन में ही ये संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार के सम्पर्क में आ […]

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व्यक्तित्व

राष्ट्रधर्म के संपादक आनंद मिश्रा अभय

4 दिसम्बर/जन्म-दिवस लखनऊ से प्रकाशित हो रही राष्ट्रधर्म पत्रिका की स्थापना रक्षाबन्धन 31 अगस्त, 1947 को उ.प्र. के तत्कालीन प्रांत प्रचारक श्री भाऊराव देवरस तथा सह प्रान्त प्रचारक श्री दीनदयाल उपाध्याय ने की थी। इसके प्रथम सम्पादक थे श्री अटल बिहारी वाजपेयी, जो आगे चलकर देश के प्रधानमन्त्री बने। इसे श्री रामशंकर अग्निहोत्री, श्री भानुप्रताप […]

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संपादकीय

देश की राजनीति, किसान और मोदी सरकार

  देश के अन्नदाता किसान का गुस्सा एक बार फिर उबाल पर है । इस बार किसान मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानून 2020 में किए गए प्रावधानों को लेकर गुस्से में हैं। यद्यपि यहाँ पर यह बात भी देखने वाली है कि यह गुस्सा केवल पंजाब के किसानों तक सीमित है।जिन्हें थोड़ा सा समर्थन हरियाणा के […]

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इतिहास के पन्नों से

हिन्दू धर्म के प्रति निष्ठावान होने के कारण डॉ राजेंद्र प्रसाद होते रहे थे मुस्लिमपरस्त नेहरू से सदा अपमानित

देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्रप्रसाद की मृत्यु हिंदुत्व का साथ देने की वजह से हुई !!! सोमनाथ मंदिर के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद व सरदार पटेल को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी ये जगजाहिर है कि जवाहर लाल नेहरू सोमनाथ मंदिर के पक्ष में नहीं थे। ऐसा माना जा रहा है की महात्मा गांधी की […]

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Uncategorised आर्थिकी/व्यापार

विकास की मरीचिका में फंसा हुआ देश

प्रो. कुसुमलता केडिया लेख का शीर्षक शायद अटपटा लगे, क्योंकि हम सभी – सामान्य जन हों या अर्थशास्त्री, पत्रकार हों, राजनेता या प्रशासक, इतिहासकार हों या समाजशास्त्री या वैज्ञानिक – हम सभी इस बहस में उलझे हैं कि देश का विकास कैसे हो? इसे सबके लिए उपलब्ध कराने हेतु कौन सा मार्ग अपनाया जाय? पूंजीवादी, […]

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