डॉ. वेदप्रताप वैदिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर थोड़ी सजगत दिखाई थी और नसबंदी अभियान शुरू किया था लेकिन संजय गांधी के अति उत्साह और कुछ ज्यादतियों के कारण वह हाशिए में चला गया। आपातकाल ने उसे और भी बदनाम कर दिया। यदि भारत में जनसंख्या की रफ्तार जो आजकल […]
महीना: दिसम्बर 2020
डॉ. ओमप्रकाश पांडेय भारतीय परम्परा में वेद को ब्रह्माण्डीय ज्ञान के मूल स्रोत के रूप में स्वीकार करते हुए इसे ईश्वर का नि:श्वास ही माना गया है (यस्य नि:श्वसितं वेदा यो वेदोभ्योऽखिलं जगत्)। यद्यपि वेदों का प्रतिपाद्य विषय सार्वभौमिक उत्कृष्टता के समुच्चय से ही संबंधित है, जिसे देश या काल के आधार पर विभाजित […]
—————————————————- हाल में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव-जिहाद के खतरे से निपटने के लिए एक अध्यादेश जारी किया है। इसके अलावा और दो-तीन राज्यों में इसके खिलाफ कानून बनाने की तैयारी चल रही है। विडंबना देखिए कि इसे कुछ लोग हिंदुत्ववादियों का दुष्प्रचार बता रहे हैैं, जबकि वे यह नहीं देख रहे कि […]
__________________________________________ अयोध्या में #राम_जन्मभूमि के मालिकाना हक़ को लेकर 1990 में पहली बार पूरे देश में बहस ने जोर पकड़ा था। इसके पहले 1976-77 में पुरातात्विक अध्ययन के दौरान अयोध्या में होने वाली खुदाई में हिस्सा लेने के लिए मुझे भी भेजा गया। प्रो बी.बी. लाल की अगुवाई में अयोध्या में खुदाई करने वाली आर्कियोलॉजिस्ट […]
मनमोहन कुमार आर्य हम स्वयं को मनुष्य कहते व मानते हैं। संसार में जहां भी दो पैर वाले मनुष्य की आकृति वाले प्राणी जो बुद्धि से युक्त होते हैं, उन्हें मनुष्य कहा जाता है। प्रश्न यह है कि क्या हम वास्तव में मनुष्य हैं? यदि हैं तो क्यों व कैसे है? इन प्रश्नों का उत्तर […]
शंका- आर्य (हिंदी) भाषा कि वर्ण एवं लिपि का आरम्भ कब हुआ? समाधान- आर्य (हिंदी) भाषा की लिपि देवनागरी हैं। देवनागरी को देवनागरी इसलिए कहा गया हैं क्यूंकि यह देवों की भाषा हैं। भाषाएँ दो प्रकार की होती हैं। कल्पित और अपौरुषेय। कल्पित भाषा का आधार कल्पना के अतिरिक्त और कोई नहीं होता। ऐसी भाषा […]
अमरेन्द्र सुमन दुमका, झारखंड <img class="wp-image-95353 lazy" src="data:;base64,” alt=”” width=”380″ height=”257″ data-src=”https://i2.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2016/10/diya.jpg?resize=380%2C257&ssl=1″ data-srcset=”https://i2.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2016/10/diya.jpg?w=380&ssl=1 380w, https://i2.wp.com/www.pravakta.com/wp-content/uploads/2016/10/diya.jpg?resize=120%2C81&ssl=1 120w” data-sizes=”(max-width: 380px) 100vw, 380px” data-recalc-dims=”1″ /> बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल (प्लास्टिक, फाइबर व अन्य मिश्रित धातुओं से निर्मित) वस्तुओं का उत्पादन और घर घर तक इनकी पहुँच से जहाँ एक ओर कुम्हार (प्रजापति) समुदाय के पुश्तैनी कारोबार को पिछले […]
आतंक का नया दौर अगस्त 1983 के अंत में चीनियों ने दमन की नयी पारी शुरू की। शिगात्से (27/9/83) और ल्हासा (30/9/83 और 1/10/83) में मृत्युदंड देने की घटनायें हुईं। इसके पश्चात कांज़े में मृत्युदंड दिये गये साथ ही चाम्डो और ग्यात्से में और लोग बन्दी बनाये गये। चीनी बन्दी बनाये गये और मृत्युदंड […]
सत्य को झुठलाने में गांधीवाद की भूमिका मुस्लिम नवाबों , सुल्तानों , नेताओं और तथाकथित विद्वानों का बचाव करना गांधीवाद, गांधीवादियों और कांग्रेस का मौलिक संस्कार है । यही कारण है कि इन लोगों ने भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार सर सैयद अहमद खान और उन जैसे अन्य मुस्लिम नेताओं को उत्तरदायी न मानकर […]
एक समय था जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को 1984 में सिख विरोधी दंगा के दौरान सामूहिक हत्या मामले में सजा होने की बात सोचना भी अकल्पनीय था। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसका संज्ञान स्वयं हाईकोर्ट ने लिया था कि किस प्रकार सज्जन कुमार को कांग्रेस की ओर […]