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कृषि जगत राजनीति

बिचौलिए और दलाल नए कृषि कानूनों के खिलाफ भड़का रहे हैं किसानों को

  सुरेश हिन्दुस्थानी देश के किसानों को चाहिए कि वह सही और गलत की पहचान करे। क्योंकि हमने देखा है कि जबसे कांग्रेस केंद्र की सत्ता से बाहर हुई है तब से कांग्रेस और वामपंथी दल ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जो देश को अस्थिर कर सकते हैं। वर्तमान में कृषि प्रधान […]

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मुद्दा

धरी रह गई पुलिस की तैयारी

  _-राजेश बैरागी-_ भारत को बंद क्यों करना चाहिए? किसानों के आह्वान पर आज आम जनता ने ज्यादा कान नहीं दिया। इसलिए बंद के बावजूद भारत लगभग खुला रहा। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों में बंद को बेअसर करने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस रखी थी। बंद को समर्थन देने वाले […]

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महत्वपूर्ण लेख

प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता संभालने के बाद बदल गया है राजनीति का तौर तरीका

  अजय कुमार उत्तर प्रदेश में शिक्षक कोटे की जिन छहः सीटों पर चुनाव हुए उसमें से तीन पर भाजपा और एक पर सपा उम्मीदवार जीता। दो निर्दलीय शिक्षक प्रत्याशियों ने भी जीत दर्ज की। कांग्रेस प्रत्याशियों को यहां भी शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी ने सियासत का तौर-तरीका ही बदल […]

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राजनीति

जैसे ही रजनीकांत ने राजनीति में आने की घोषणा की तो उड़ गई कई राजनीतिक दलों की नींद

  ललित गर्ग तमिलनाडु का राजनीतिक इतिहास देखें तो राज्य की राजनीति में सिनेमा से आए नेताओं का ही दबदबा रहा है और राजनीतिक विरासत को देखते हुए रजनीकांत में व्यापक संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। रजनीकांत के राजनीति में आने की खबर से ही स्थापित दलों के नेताओं की नींद उड़ गयी है। सुविख्यात […]

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मुद्दा

अनियोजित शहरीकरण भारत में गंभीर समस्या

  ललित गर्ग पर्यावरण एवं प्रकृति को हो रहे नुकसान का मूल कारण अनियोजित शहरीकरण है। बीते दो दशकों के दौरान यह प्रवृत्ति पूरे देश में बढ़ी है। लोगों ने दिल्ली एवं ऐसे ही महानगरों की सीमा से सटे खेतों पर अवैध कालोनियां काट लीं। कोरोना की उत्तरकालीन व्यवस्थाओं पर चिन्तन करते हुए बढ़ते पर्यावरण […]

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आतंकवाद उगता भारत न्यूज़

‘सनातन को उखाड़ फेंकेंगे, भगवा को मिटा देंगे’ : तमिलनाडु में लगे देश विरोधी नारे

                                        IMK के प्रमुख अर्जुन संपत और VCK कार्यकर्ता (साभार: communemag) तमिलनाडु में डीएमके (DMK) और विदुथालाई चिरुथैगल कच्ची (VCK) के कार्यकर्ताओं ने जबरन इंदु मक्कल काची (IMK) के प्रमुख अर्जुन संपत का घेराव कर उन्हें बाबासाहेब […]

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धर्म-अध्यात्म

वेदज्ञान सृष्टि में विद्यमान ज्ञान के सर्वथा अनुकूल एवं पूरक है

ओ३म् -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारी सृष्टि ईश्वर की रचना है। यह ऐसी रचना है जिसकी उपमा हम अन्य किसी रचना से नहीं दे सकते। ऐसी रचना ईश्वर से अतिरिक्त कोई कर भी नहीं सकता। परमात्मा प्रकाशस्वरूप एवं ज्ञानवान् सत्ता है। ज्ञानवान होने सहित परमात्मा सर्वशक्तिमान भी हैं। वह सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तयामी एवं सर्वज्ञ […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास की एक अविस्मरणीय दुर्घटना

  *१९२० में अचानक भारत की तमाम मस्जिदों से दो पुस्तकें वितरित की जाने लगी! एक पुस्तक का नाम था “कृष्ण तेरी गीता जलानी पड़ेगी”, और दूसरी पुस्तक का नाम था “उन्नीसवीं सदी का लंपट महर्षि”! ये दोनों पुस्तकें “अनाम” थीं! इसमें किसी लेखक या प्रकाशक का नाम नहीं था, और इन दोनों पुस्तकों में […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

प्राचीन भारत में होते थे गांव पूर्ण आत्मनिर्भर और एक स्वाधीन संस्था

राजशेखर व्यास भारतर्वा में ग्राम सभा का विकास बहुत पुराने जमाने में हो गया था। देश के अधिकांश भाग पर यही सभा अपना वर्चस्व रखती थी। इसकी शासन पद्धति बड़ी सुव्यवस्थित थी। वेद, ब्राह्मण और उपनिाद काल में गा्रम-सभा, उसके प्रमुख और अधिठाता का सम्मानपूर्वक उल्लेख है। ग्रामाध्यक्ष को वैदिक काल में ग्रामजी कहा जाता […]

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Uncategorised आओ कुछ जाने

दा झंडा गीत और श्यामलाल गुप्त पार्षद

9 दिसम्बर/जन्म-दिवस झण्डा गीत और श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’ भारत की स्वाधीनता के युद्ध में ‘झण्डा गीत’ का बड़ा महत्व है। यह वह गीत है, जिसे गाते हुए लाखों लोगों ने ब्रिटिश शासन की लाठी गोली खाई; पर तिरंगे झण्डे को नहीं झुकने दिया। आज भी यह गीत सुनने वालों को प्रेरणा देता है। इस गीत […]

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