किसी भी संस्था या संस्थान को गरिमामय बनाने के लिए उसका दिव्य और भव्य होना बहुत आवश्यक माना गया है। जब तक कोई संस्था ,संस्थान या व्यक्तित्व दिव्य और भव्य नहीं होगा तब तक उसकी गरिमा में चार चांद नहीं लग सकते । यही कारण है कि मनु महाराज सहित हमारे जितने भी राजनीति […]
महीना: दिसम्बर 2020
12 दिसम्बर/बलिदान-दिवस लद्दाख जिस वीर सेनानी के कारण आज भारत में है, उनका नाम है जनरल जोरावर सिंह। 13 अपै्रल, 1786 को इनका जन्म ग्राम अनसरा (जिला हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश) में ठाकुर हरजे सिंह के घर में हुआ था। हरजे सिंह बिलासपुर की कहलूर रियासत में काम करते थे। अतः गाँव की खेती उनके भाई […]
रवि शंकर लगभग सभी बच्चे स्कूल जाने से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाते हैं। हमने आपने भी बनाया ही होगा। परंतु क्या हमें यह पता है कि देश में 30 प्रतिशत बच्चे वास्तव में बीमारी के कारण ही वर्ष में पाँच से अधिक दिन अपनी कक्षा से अनुपस्थित रहते हैं? वर्ष 2016 […]
पूनम नेगी वर्तमान समय में जिस तरह से समूची दुनिया प्रदूषण की चौतरफा मार बेतरह कराह रही है; हवा-जल-मिट्टी सब विषैले हो रहे हैं; मांसाहार, फास्ट फूड, शराब, धूम्रपान के बढ़ते उपयोग के साथ अनियमित और आलस्यपूर्ण तथा तनाव-अवसाद ग्रस्त जीवनशैली के कारण समाज का बड़ा वर्ग गंभीर बीमारियों के चंगुल में फंसता जा […]
*राष्ट्र-चिंतन* *विष्णुगुप्त* आश्चर्यजनक ढंग से नेपाल में बन्दूक गोली की कम्युनिस्ट तानाशाही के बीच हिन्दू राजशाही की बात क्यों जोर पकड रही है? इसके लिए आधुनिक युग में माक्र्स की विचारधारा जम्मेदार है?माक्र्सवाद एक अस्पष्ट विचारधारा है जिसमे पूंजी के अतिरंजित विरोध का आग्रह है। पूरा ध्यान मजदूरों के हितों पर केन्द्रित है, मजदूर को […]
लेखक :- रवि शंकर, कार्यकारी संपादक, भारतीय धरोहर इतिहास बताता है कि भारत ने ही दुनिया को खेती सिखाई। हजारों लाखों वर्षों से हम खेती करते आ रहे हैं। कहा तो यहाँ तक जाता है कि भारतीय जीवन-पद्धति ही खेती आधारित है। स्वाभाविक ही है कि भारत की खेती की परंपरा काफी उन्नत और श्रेष्ठ […]
भारतीय इतिहास के साथ की गई भारी छेड़छाड़ का सिलसिला परत दर परत उघड़ने लगा है । श्री राम जन्मभूमि के विवाद में जहां यह स्पष्ट हुआ कि वहां पर मूल रूप में कभी श्री राम जी का मंदिर था, वहीं उससे यह भी स्पष्ट हो गया कि भारत के इतिहास के तथ्यों के […]
डॉ. जितेंद्र बजाज यह प्रश्न करना कि अपनी प्राचीन ज्ञान परंपरा पर हमें क्यों चर्चा करनी चाहिए, स्वयं में एक विलक्षण प्रश्न है। दुनिया में किसी भी देश में इस प्रकार का प्रश्न नहीं पूछा जाता। यूरोप में यदि आप किसी से पूछें कि ग्रीक और लैटिन पढऩा क्यों आवश्यक है, तो वह आप […]
भारत की सीमा तिब्बत से लगती है न की चीन से। तिब्बत प्राचीन भारतीय संस्कृति, धर्म और सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र रहा है। चीन ने सन्न 1951 में इस पर कब्जा कर अपने नियंत्रण में ले लिया था तभी से तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने भारत में शरण ले रखी है। तिब्बत के […]
*वेद वाणी* आचार्या विमलेश बंसल आर्या ओ३म् अश्मन्वती रीयते संरभध्वं। उत्तिष्ठत प्र तरता सखायः। अत्रा जहीमो अशिवा। ये असन् शिवां वयं उत्तरेम अभि वाजान्।।-यजुर्वेद-३५-१०, भजन🎤 बही जा रही बड़े वेग से, नदी भरी जो पत्थर से। आओ मिलकर पार करें सब, पकड़ के हाथ परस्पर से।। १- मन में हिम्मत प्रथम उठाएं, लक्ष्य साधने लें […]