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आतंकवाद

केरल में किस्मत से पहले हलाल मांस बेचने के लिए हिंदुओं को भी किया जाता है मजबूर

  केरल में अब एक नया विवाद छिड़ गया है। दरअसल ईसाईयों के त्योहार क्रिसमस से ठीक पहले ईसाइयों ने हलाल माँस का बहिष्कार करने का फैसला किया है। ईसाई धर्म से उठा यह विरोध वास्तव में सर्वप्रथम हिन्दू समाज की तरफ से नागरिक संशोधक कानून के विरोधियों द्वारा हिन्दुओं को अपमानित करना शुरू किया […]

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इतिहास के पन्नों से

सम्राट बिंदुसार और मांस का मूल्य

  मगध सम्राट बिंन्दुसार ने एक बार अपनी राज्य-सभा में पूछा – देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए सबसे सस्ती वस्तु क्या है…? मंत्री परिषद् तथा अन्य सदस्य सोच में पड़ गये। चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा आदि तो बहुत श्रम के बाद मिलते हैं और वह भी तब, जब प्रकृति का प्रकोप न […]

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इतिहास के पन्नों से संपादकीय

फूट डालो और राज करो की नहीं ‘तोड़ डालो और राज करो’ की नीति थी अंग्रेजों की

अंग्रेजों ने भारत का विभाजन करते हुए कई बफर स्टेट बनाए। जिनमें अफगानिस्तान का नाम सर्वोपरि है। बफर स्टेट के नाम पर वास्तव में भारत के विभाजन की प्रक्रिया को ही अंग्रेजों ने बलवती किया था। रूसी व ब्रिटिश भारत के बीच हुई गंडामक संधि से अफगानिस्तान नाम के एक बफर स्टेट जन्म हुआ था। […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

भारत के वैदिक गणित की यात्रा को शब्दों से भी समझा जा सकता है

  सुद्युम्न आचार्य शब्दों में भी अनेक प्रकार के परिवर्तन होते रहते हैं। ये शब्द समाज की वाणी से मुखरित होकर कालक्रमानुसार अनेक प्रकार के रूप धारण करते रहते हैं। कभी तो इनकी ध्वनियों में बदलाव हो जाता है। यह बदलाव इतना अधिक होता है कि वह समूचा शब्द नया रूप धारण कर लेता है। […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

सृष्टि के सभी रहस्यों से पूर्णतया परिचित थे हमारे भारतीय पूर्वज

  डॉ. ओमप्रकाश पांडे (लेखक अंतरिक्षविज्ञानी हैं।) सृष्टि विज्ञान के दो पहलू हैं। पहला पहलू है कि सृष्टि क्या है? आधुनिक विज्ञान यह मानता है कि आज से 13.7 अरब वर्ष पहले बिग बैंग यानी कि महाविस्फोट हुआ था। उसके बाद जब भौतिकी की रचना हुई, अर्थात्, पदार्थ में लंबाई, चौड़ाई और गोलाई आई, वहाँ […]

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विविधा समाज

जन जागरण में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है सोशल मीडिया का

*🪔जन-जन को जगाता “सोशल मीडिया”* _★~राष्ट्रीय उपलब्धियों,समस्याओं और अन्य समाचारों का प्रसार व प्रचार करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में समाचार पत्रों व टीवी न्यूज चैनलों का वर्षो से विशेष योगदान बना हुआ है। उसी कड़ी में बढ़ते संचार संसाधनों के कारण ट्विटर,फेसबुक व व्हाट्सऐप आदि की जन जन तक पहुँच होने से बढ़ते […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारत की आर्थिक समृद्धि का स्वरूप : भाग -1

  द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की अवधि में तथाकथित तीसरी दुनिया के देशों के विकास का प्रश्न सामने लाया गया, तब तक इन बुनियादी विश्वासों की प्रामाणिकता पर प्रश्न उठाने की सोचना तक किसी के वश में नहीं बचा था। विद्वानों और राजनोताओं की इस दृष्टि का प्रमाण है-तीसरी दुनिया के देशों की विकास योजनाएँ। […]

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राजनीति

खूनी राजनीति में लथपथ बंगाल का सच

अरविंद जयतिलक पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य के अन्य शीर्ष नेताओं के काफिले पर पथराव और सुनियोजित हमला कुलमिलाकर राज्य में ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था और बदतर हो चुकी सत्ता मशीनरी की दारुण स्थिति को ही रेखांकित करता है। उपर से दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि ममता बनर्जी […]

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प्रमुख समाचार/संपादकीय

प्रणव मुखर्जी के अंतिम संस्मरण हो सकते हैं कांग्रेस के लिए अभिशाप सिद्ध

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद अब उनके संस्मरण का अंतिम हिस्सा प्रकाशित होने वाला है, जिससे कांग्रेस आलाकमान को झटका लग सकता है। जिसका असर प्रकाशन पूर्व ही परिवार में लगभग विवाद-सा खड़ा हो गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार हुई और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग […]

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कहानी

एक सत्य रोचक कथा

प्रेषक : आचार्य जीवन सिंह स्वामी सर्वदानन्द जी कट्टर शिव भक्त थे ,वे स्वयं फूल आदि चुनकर लाते और शिवलिंग पर चढ़ा घंटो उनकी पूजा मे लीन रहते थे । एक दिन की बात है जब वे बाग से फूल लेकर शिव मंदिर पहुंचे तो देखा कि जिस शिवलिंग को कल फूलों से सजा कर […]

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