-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा ने वनस्पति जगत सहित पृथिवी पर अग्नि, जल, वायु, आकाश आदि पदार्थ प्रदान किये थे। जब यह पृथिवी मनुष्यों के निवास के अनुकूल हुई वा बन गई तो इसमें पशु, पक्षी आदि नाना प्रकार के प्राणियों सहित मनुष्यों की रचना व उत्पत्ति की गई। मनुष्य के […]
महीना: दिसम्बर 2020
-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारा यह संसार एक सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, अनादि, नित्य तथा सर्वशक्तिमान सत्ता से बना है। ईश्वर में अनन्त गुण हैं। उन्हीं गुणों में उसका सत्य, चित्त व आनन्द गुण सहित सर्वव्यापक तथा सर्वान्र्यामी होना भी सम्मिलित है। अनादि व नित्य होने से वह काल से परे है। उसका आरम्भ व अन्त नहीं […]
खटिक जाति मूल रूप से वो ब्राह्मण जाति है, जिनका काम आदि काल में याज्ञिक पशु बलि देना होता था | आदि काल में यज्ञ में बकरे की बलि दी जाती थी | संस्कृत में इनके लिए शब्द है, ‘खटिटक’ | मध्यकाल में जब क्रूर इस्लामी अक्रांताओं ने हिंदू मंदिरों पर हमला किया तो […]
_-राजेश बैरागी-_ मैं स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन के इस विचार से सहमत हूं कि संविदा खेती से संबंधित ‘किसान(सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा समझौता विधेयक,2020′, द्वारा प्रस्तावित विवाद समाधान तंत्र किसानों के लिए बहुत जटिल है।वे कहते हैं,-इसके लिए उपभोक्ता अदालतों की तर्ज पर किसान अदालतों की […]
यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत के जिन महान योद्धाओं ने भारत की जिस गौरवपूर्ण सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने के लिए और इसके धर्म को बचाने के लिए अपना प्राणोत्सर्ग किया, उन्हीं महापुरुषों के नाम पर राजनीति करने वाले अवसरवादी और इतिहासबोध व राष्ट्रबोध से सर्वथा शून्य राजनीतिक लोग उनके पौरुष, प्रताप, शौर्य, […]
*राज्य की भूमिका* राज्य की भूमिका का प्रश्न भी महत्वपूर्ण है। सौभाग्य से उससे सम्बन्धित कुछ साहित्य प्रकाश में आ चुका है। विकास के सन्दर्भ मेें, बारम्बार यह दुहराया जाता है कि यूरोपीय राष्ट्र-राज्य शक्तिशाली आर्थिक हस्ती बनकर उभरे तो इसका श्रेय जाता है यूरोपीय राजाओं और रानियों के योगदान को और व्यापार के […]
गोंडा। (विशेष संवाददाता) विगत 17 दिसंबर को आर्य समाज बड़गांव गोंडा के तत्वावधान में क्रांतिकारी राजेंद्रनाथ लाहिड़ी का 94 वां बलिदान दिवस पर जेल फांसी स्थल पर आर्य समाज के पंडित विमल कुमार आर्य हरदोई के ब्रह्मत्व में मनाया गया । इस अवसर पर मुख्य यजमान जनपद न्यायाधीश रहे। साथ ही कई अन्य न्यायाधीश, […]
*🚩संविधान के सभी अनुच्छेद सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू क्यों नहीं हैं?* *🚩कुछ समय से देश में समान नागरिक संहिता की चर्चा बार-बार हो रही है, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसी तरह हिंदू मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने की मांग भी अनुसनी बनी हुई है। छोटे-मोटे संगठन […]
रमेश ठाकुर समय की दरकार है कि अल्पसंख्यक अधिकार देने की संज्ञा की दोबारा से व्याख्या की जाए। 18 दिसंबर को 1992 से अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। अल्पसंख्यक अधिकार दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा हुई। हिंदुस्तान में आज अल्पसंख्यक जैसे अधिकार की हक़दार कई जातियां हैं। अगड़ी […]
ओ३म् ============ मनुष्य चेतन प्राणी है। चेतन होने के कारण इसे सुख व दुख की अनुभूति होती है। सभी मनुष्य सुख चाहते हैं, दुःख प्राप्त करना कोई मनुष्य नहीं चाहता। ऐसा होने पर भी अनेक कारणों से हमें सुख व दुःख दोनों ही प्राप्त होते हैं। मनुष्य को सुख प्राप्त करने के लिये प्रयत्न व […]