दारुल उलूम हक्कानिया (साभार: द डॉन) पाकिस्तान का नाम आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए विश्व भर में कुख्यात है। पाकिस्तान लगातार ऐसे इस्लामी आतंक को […]
Month: November 2020
“स्वतंत्रता संग्राम का दीवाना। भारत का प्रथम राजघराना।।” भारत भूमि आदिकाल से ही समस्त भूमंडल को अपनी उर्वरा के द्वारा आलोकित करती रही है। इस धर्म प्रसूता वसुंधरा पर अनेक नायक, महानायक, लोकनायक हमारे प्रणेता रहे हैं। इसी ब्रजभूमि के मुरसान गांव में राजा घनश्याम सिंह की धर्मपत्नी माता दानकौर की कुक्षि (कोख) से एक […]
संतोष पाठक छठ महापर्व की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी विशेष देवता या भगवान की पूजा नहीं होती। न ही इस पूजा के लिए किसी मंदिर या पुजारी की जरूरत पड़ती है। इस महापर्व में सिर्फ व्रती होते हैं और प्रकृति होती है। छठ पूजा अपने आप में कोई धार्मिक पर्व […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारतीय लोकतंत्र में पैदा हुए इस खलल का असर किस पार्टी पर नहीं पड़ा है ? क्या भारत की कोई भी पार्टी यह दावा कर सकती है कि उसके अध्यक्ष या नेता का चुनाव उसके सभी सदस्य खुले रूप में करते हैं ? पार्टियों की कार्यसमिति के सदस्य भी नहीं चुने […]
ओ३म् ========= संसार में अनेक मत-मतान्तर हैं। विचार करने पर यह विदित होता है कि ऐसा मनुष्यों व आचार्यों की अल्पज्ञता व अविद्या के कारण हुआ करता है। संसार में तीन अनादि व नित्य पदार्थों वा सत्ताओं का अस्तित्व है। ये सत्तायें हैं ईश्वर, जीव व प्रकृति। ईश्वर व जीव चेतन सत्तायें हैं तथा प्रकृति […]
-ललित गर्ग- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में नैशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस और सीपीआईएम रूपी पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) नामक राजनीतिक मोर्चा पर तीखा हमला बोलते कहा कि गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंक, हिंसा, अशांति और उत्पात के दौर में ले जाना चाहता है। यह गुपकार राजनीतिक […]
इतिहास की एक दुर्घटना
*1920 में अचानक भारत की तमाम मस्जिदों से दो पुस्तकें वितरित की जाने लगी! एक पुस्तक का नाम था “कृष्ण तेरी गीता जलानी पड़ेगी”, और दूसरी पुस्तक का नाम था “उन्नीसवीं सदी का लंपट महर्षि”! ये दोनों पुस्तकें “अनाम” थीं! इसमें किसी लेखक या प्रकाशक का नाम नहीं था, और इन दोनों पुस्तकों में […]
नई दिल्ली। (अजय आर्य ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ओजस्वी नेतृत्व देश के लिए बहुत ही लाभकारी रहा है। विशेष रुप से हिंदू समाज के प्रति कांग्रेसी सरकारों की मानसिकता जिस प्रकार घातक हो चुकी थी, उसको रोकने में मोदी सरकार ने बहुत हद तक सफलता प्राप्त की है। मध्य प्रदेश सरकार ने गायों की […]
गांधीवाद और डॉक्टर अम्बेडकर आजकल ‘सोशल मीडिया’ पर ऐसी पोस्ट अक्सर आपको पढ़ने को मिल जाएंगी जिनको देखकर लगता है जैसे डॉ अम्बेडकर जी मुस्लिम धर्म की मान्यताओं से बहुत अधिक सहमत थे और मुस्लिम व दलित समाज के लोग ही वास्तविक भारतीय हैं , शेष सभी लोग विदेशी हैं। ऐसी पोस्ट डालने वाले […]
एक पुरानी फिल्म “अदालत” का बहुचर्चित गीत “सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या किया…” कांग्रेस पर शत-प्रतिशत चरितार्थ हो रहा है। आज एक के बाद एक कांग्रेसी पार्टी के पतन पर जो चीख-पुकार कर रहे हैं, असली जिम्मेदार ये ही लोग हैं, जो सीताराम केसरी को अध्यक्ष पद से हटाकर सोनिया […]