पिछले दिनों वामपंथी मिजाज वाली एक पत्रिका ने भगत सिंह पर लंबा चौड़ा लेख लिखा। अपने लेख में भगत सिंह को कोट करते हुए वो लिखते हैं कि जिस व्यक्ति (भगत सिंह) ने खुद कहा हो कि अभी तो मैंने केवल बाल कटवाए हैं, मैं धर्मनिरपेक्ष होने और दिखने के लिए अपने शरीर से सिखी […]
Month: October 2020
केंद्र में माननीय श्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 के बाद से ही किसानों की आय को दुगनी करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है एवं कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु कई योजनाओं को लागू किया गया है। इसी कड़ी में, अभी हाल ही में भारतीय संसद ने कृषि क्षेत्र से सबंधित […]
वर्तमान परिदृश्य में आर्थिक गतिविधियों का महत्व पूरे विश्व में बढ़ता ही जा रहा है। आचार्य चाणक्य ने भी कहा है “सुखस्य मूलम धर्म:, धर्मस्य मूलम अर्थ:” अर्थात राष्ट्र जीवन में समाज के सर्वांगीण उन्नति का विचार करते समय अर्थ आयाम का चिंतन भी अपरिहार्य रूप से किया जाना चाहिये। भारतीय दर्शन के अनुसार अर्थ […]
३७. १८ वीं शताब्दी ईस्वी में भारत का व्यापार इतना विशालं था कि ईस्ट इंडिया कंपनी के दरिद्र से दीखते फुटकरिया व्यापारी किसी गिनती में नहीं थे . ३८ कहाँ सोना , चांदी,हीरे मोती ,मूंगा, पन्ना रत्नों ,, जवाहरात , सुन्दरतम सूती ,ऊनी, रेशमी वस्त्र , गुड , शकर खांड , सैकड़ों मसालों ,का बड़ी […]
उगता भारत ब्यूरो समाज में पूर्वाग्रह के कारण आमतौर पर यह माना जाता है कि संस्कृत भाषा का अध्ययन करने के बाद रोजगार की बहुत कम संभावनाएं शेष रहती है। यह धारणा तथ्यहीन होने के साथ-साथ समाज की अपरिपकृता का उदाहरण भी है। संस्कृत भाषा एंव विषय के अध्ययन के पश्चात युवाओं के लिए रोजगार […]
राहुल पाराशर शरद ऋतु में पित्त स्वाभाविक रुप से कुपित अवस्था में रहता है। पित्त का पाचकस्वभाव दूर होकर वह हानिप्रद बन जाता है। परिणामस्वरुप भूख और जठराग्नि मंद रहती है। इसलिए इस ऋतु में अधिकमात्रा में आहार लेने से बचना चाहिए और भोजन भी तब ही करना चाहिए जबकि भूख खूब खुलकर लगे। मधुर, […]
अजय कुमार बताया जाता है कि 06 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की खबरें आ रही थीं तब तत्कालीन प्रधानमंत्री राव पूजा कर रहे थे। दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर बाबरी मस्जिद का पहला गुंबद गिराया जा चुका था। सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में बिल्कुल सही […]
गांधी जी के ‘सच’ को क्योंकि इतिहास ने छुपाने का ‘पाप’ किया है , इसलिए बहुत से लोग हैं जो गांधीजी के ‘सच’ पर लिखे गए किसी लेख पर बड़ी कठोर टिप्पणी किया करते हैं । इस विषय में उन्हें कुछ और अधिक जानकारी गांधीजी के विषय में लेनी चाहिए । गांधी जी अपने लिए […]
चीन का आधिपत्य स्वीकारने के फारुख अब्दुल्ला के वक्तव्य पर ‘ऑनलाइन विशेष परिसंवाद’ !*_ अजय आर्य जम्मू-कश्मीर के भूतपूर्व मुख्यमंत्री तथा नेशनल कॉन्फरेन्स के सांसद डॉ. फारुख अब्दुल्ला के काल में सहस्रों हिन्दुआें का वंशविच्छेद हुआ, मुठभेड में मारे गए आतंकवादियों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की योजना बनी, कश्मीर की जनता भारत में […]
लाल लाल लट्टू नचाने वाला…..
डॉ अवधेश कुमार अवध वक्त के साथ जमाना बदला और बदल गए बच्चों के सारे खेल भी। गुल्ली डंडा, आँख मिचौली, लट्टू नचाने से होते हुए विडियो गेम को पार कर जानलेवा मोबाइल गेम तक आ गए हैं हम। न केवल खेलों का स्वरूप बदला है बल्कि समाज के स्वरूप में भी आमूल चूल परिवर्तन […]