रवि शंकर आधुनिक विद्वानों का सबसे प्रमुख शगल है स्त्री विमर्श। विषय कोई-सा भी हो स्त्रियों का मुद्दा उसमें जोड़ ही दिया जाता है। राजनीति से लेकर सेना तक और शिक्षा से लेकर व्यवसाय तक स्त्रियों को प्रमुखता देने, उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की बात की जाती है। ये बातें सकारात्मक और रचनात्मक हैं, इसलिए […]
Month: October 2020
हाथरस मामले में योगी सरकार को भेजी गई खुफिया जाँच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। जाँच एजेंसियों को योगी सरकार के खिलाफ खतरनाक साजिश के अहम सुराग मिले हैं। हाथरस के बहाने योगी सरकार को बदनाम करने के लिए बड़ी साजिश रचने की बात सामने आ रही है। मामले में उत्तर […]
डॉ. पवन सिन्हा (लेखक आध्यात्मिक गुरु तथा दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक हैं।) यदि मैं वर्तमान हूँ तो मैं अपने इतिहास का उत्पाद हूँ। इसका अर्थ है कि मेरा इतिहास ही मुझे बता रहा है कि आज मैं क्या हूँ और उसी इतिहास के आधार पर मैं यह तय करूँगा कि मैं कल क्या […]
५१ . 1858 के बाद कई भारतीयों को पटाकर अंग्रेज शासक वर्ग चलने लगा . ५२ . पहले के राममोहन रे (कहाँ के राजा ,कहाँ के जोगी,कंपनी के नौकर )आदि ने सेवा कर पृष्ठ भूमि बना ही दी थी .सब कुछ्प्रेम और कपट चाल साथ साथ चल रहा था ५३ . देशी राज्य भारतीय परंपरा […]
अजय कुमार समझ में नहीं आता है क्यों हमारे राजनीतिक दल इस ताक में बैठे रहते हैं कि विरोधी दल के राज्य में कोई गंभीर घटना घटे तो वे वहां दौड़ लगाएं? क्या इस तरह की गिद्ध राजनीति से समाज की उस मानसिकता का निदान हो जाएगा। भगवान सब को एक समान धरती पर भेजता […]
ललित गर्ग कोई बड़ी बात नहीं कि यह चिंगारी यूरोप के साथ समूची दुनिया को भी लपेट ले। विश्व के सबसे बड़े युद्ध क्षेत्र में हो रही यह लड़ाई चंद दिनों के अंदर विश्व युद्ध में तब्दील हो जाये तो कोई बड़ी बात नहीं है। इस क्षेत्र में इजराइल बहुत आक्रामक हो ही चुका है। […]
इतिहास पर गांधीवाद की छाया , -अध्याय – 8 ‘बम का दर्शन’ और हमारा इतिहास 26 जनवरी 1930 ई0 का दिन कांग्रेस के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में अंकित है । क्योंकि इसी दिन पंजाब में रावी नदी के किनारे कांग्रेस के अध्यक्ष पंडित नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने झण्डा फहराकर […]
सन 1948 में भारत के चार पेंटर मिलकर एक ग्रुप बनाते हैं…प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप (PAG)। शुजा, रजा, हैदर और फिदा। और इत्तेफाक देखिए…. वैसे कला का कोई धर्म नहीं होता…आमफहम जुमला। देखते-देखते पैग आधुनिक भारतीय कला का परचम बन गया। बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट, महाराष्ट्र स्कूल ऑफ आर्ट, कांगड़ा स्कूल ऑफ आर्ट, ओडिसा की पटुआ […]
काफी पहले की बात है जब गुजरात में प्लेग फैल गया था। सन 1994 का साल था और अख़बारों में वहां से भाग रहे लोगों और मौतों का आंकड़ा दिखने लगा था। कहने को तो इसे कई बार गुजरात प्लेग या सूरत प्लेग कहा जाता है, लेकिन आंकड़े देखें तो नजर आता है कि गुजरात […]
ओ३म् =============== हमारा विश्व अनेक देशों में बंटा हुआ है। सभी देशों के अपने अपने मत, विचारधारायें तथा परम्परायें आदि हैं। कुछ पड़ोसी देशों में मित्रता देखी जाती है तो कहीं कहीं पर सम्बन्धों में तनाव भी दृष्टिगोचर होता है। दो देशों का तनाव कब युद्ध में बदल जाये इसका अनुमान नहीं किया जा सकता। […]