ओ३म् =========== मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसके पास विचार करने तथा सत्य व असत्य का निर्णय करने के लिए परमात्मा से बुद्धि प्राप्त है। जैसी मनुष्यों के पास मनन करने योग्य बुद्धि होती है वैसी मनुष्येतर प्राणियों के पास नहीं होती। इस कारण मनुष्य संसार में अन्य प्राणियों की तुलना में एक भाग्यशाली प्राणी […]
महीना: अक्टूबर 2020
डॉ. वेदप्रताप वैदिक मोहन भागवत का तर्क है कि भारतीय मुसलमान भारत में अल्पसंख्यक हैं। जरा उन देशों के मुसलमानों से इनकी तुलना करो, जहां ये अल्पसंख्यक हैं। मुसलमान तो ईसाई, बौद्ध, यहूदी और कम्युनिस्ट देशों में भी रहे हैं। सुन्नी देशों में शिया और शिया देशों में सुन्नी भी रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कानूनी प्रावधानों, तत्काल कार्यवाही, सख्त सजा के बावजूद अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में जो सबसे जरूरी बात है वह समाज की मानसिकता में बदलाव की है। दूसरा यह कि हम नई पीढ़ी को जो परोस रहे हैं उसमें बदलाव की आवश्यकता है। राष्ट्रीय अपराध […]
”अपनी नीति तो अपनाओ, लेकिन शत्रु की युद्ध नीति को समझना भी उतना ही आवश्यक है। युद्ध में अपने शत्रु की भान्ति सोचना भी आवश्यक है। जो भी नीति हो, उसे गुप्त रखो। उसे केवल अपने कुछ विश्वासपात्र सहयोगियों को बताओ। अच्छे के लिए सोचो, पर बुरे से बुरे के लिए भी उद्यत रहो।” […]
अपने सख्त मिजाज और कड़े फैसले लेने के लिए अपनी पहचान बना चुके अमित शाह इस समय भारत के गृह मंत्री हैं। सरदार पटेल के पश्चात यदि कोई मजबूत इच्छाशक्ति वाला गृहमंत्री देश को मिला है तो वह अमित शाह ही हैं । जिन्होंने 5 अगस्त 2019 को जब धारा 370 को हटाए जाने पर […]
अभिषेक सिंह राव भारत विभाजन अपने आप में असंख्य किस्से-कहानियां समेटे हुए है. बंटवारें के लिए जिन्ना की ज़िद हो या सत्ता के लिए नेहरू की जद्दोजहद, सबकी अपनी-अपनी कहानियां हैं और इन कहानियों में कुछ ऐसी भी हैं कि 70 साल बाद भी नए-नए किस्से-किरदार निकल आते हैं।कुछ किस्से ऐसे हैं कि उन्हें जितना […]
प्रस्तुति – श्रीनिवास आर्य मुगल बादशाह का दिल्ली में दरबार लगा था और हिंदुस्तान के दूर दूर के राजा महाराजा दरबार में हाजिर थे। उसी दौरान मुगल बादशाह ने एक दम्भोक्ति की है कोई हमसे बहादुर इस दुनिया में है? सभा में सन्नाटा सा पसर गया, एक बार फिर वही दोहराया गया! तीसरी बार फिर […]
डॉ. देवी दत्त जोशी आधुिनक युग में भारतीय चिकित्सा विज्ञान की ओर विश्व का ज्ञान आकर्षित हो रहा है। आयुर्वेद से लेकर योग, ध्यान,एक्यूप्रथर एक्यूपंचर, सुजोग, रेकी, न्यूरोथेरेपी, रिफलेक्शोलोजी आदि आदि कहीं न कहीं प्राचीन ऋषि मुनियों (जो वैज्ञानिक व चिकित्सक हुआ करते थे) के अनुभव और शोध के परिणाम थे। विदेशी आक्रमणकारियो ने भारत […]
डॉ. पवन सिंह मलिक आम धारणा है कि टीआरपी देश के सभी टीवी वाले घरों का प्रतिनिधित्व करती है पर यह सच नहीं है। टीआरपी की इस ठगी के बारे में बाकी सबको तो छोड़िए, अपने आपको बहुत चतुर मानने वाला मीडिया भी बहुत इज्जत देता है। चौबीस घंटे सबकी खबरें देने वाले टीवी न्यूज़ […]
डॉ अजय खेमरिया जेपी के महान व्यक्तित्व को लोग कैसे स्मरण में रखना चाहेंगे यह निर्धारित करने की जबाबदेही असल मे उनके राजनीतिक चेलों की ही थी। जेपी का मूल्यांकन उनके वारिसों के उत्तरावर्ती योगदान के साथ की जाए तो जेपी की वैचारिकी का हश्र घोर निराशा का अहसास ही कराता है। आजादी के स्वर्णिम […]