ओ३म् ========= मनुष्य को पता नहीं कि उसका इस संसार में जन्म क्यों हुआ है? उसको कोई इस बात का ज्ञान कराता भी नहीं है। मनुष्य जीवनभर संसार के कार्यों में उलझा रहता है, अतः अधिकांश मनुष्यों को तो कभी इस विषय में विचार करने का अवसर तक नही मिलता। यदि कोई इन विषयों पर […]
महीना: अक्टूबर 2020
जम्मू कश्मीर की परिस्थितियां विस्फोटक होती जा रही हैं। हाल ही में जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जिस प्रकार अपनी दुश्मनी भूलकर एक हुए हैं और भारत के विरुद्ध जहर उगल रहे हैं उसको कम करके आंकना बहुत बड़ी गलती होगी। राजनीति के लिए सीधा सा […]
30 अक्तूबर/जन्म-दिवस विश्व में परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों में भारत का भी नाम है। इसका श्रेय प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. होमी जहाँगीर भाभा को जाता है। वे सामरिक और शान्तिपूर्ण कार्यों में इसकी उपयोगिता को समझते थे। उनका जन्म 30 अक्तूबर, 1909 को मुम्बई के एक प्रतिष्ठित पारसी परिवार में हुआ था। बचपन से इनकी बुद्धि […]
31 अक्तूबर/जन्म-दिवस 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन तो कर दिया; पर जाते हुए वे गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था के बीज भी बो गये। उन्होंने भारत के 600 से भी अधिक रजवाड़ों को भारत में मिलने या न मिलने की स्वतन्त्रता दे दी। अधिकांश रजवाड़े तो भारत में स्वेच्छा से मिल गये; […]
लेखिका :- प्रो. कुसुमलता केडिया प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 ईस्वी के अक्टूबर तक तिब्बत को लगातार एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखा और पत्राचार किया। स्तालिन के संकेत पर जब उन्होंने एशियाई मैत्री सम्मेलन बुलाया तो उसमें स्वतंत्र तिब्बत राष्ट्र का प्रतिनिधि मंडल भी आमंत्रित हुआ। प्रतिनिधि मंडल को भारत के प्रधानमंत्री ने […]
लेखिका :- प्रो. कुसुमलता केडिया जैसा मैंने पूर्व के अपने उद्बोधनों मंे बताया है, हुआंगहुआ, जिसे विगत 100 वर्षों से यूरोप के लोगों ने पहली बार भारत के द्वारा प्राचीन काल से प्रयुक्त चीन शब्द को ग्रहण कर ‘चाईना’ कहना शुरू किया है और जिसे वे पहले ‘कैथे’ और ‘सेरे’ कहते रहे हैं, प्रशांत महासागर […]
सोनिया गांधी ने पिछले दिनों एक राष्ट्रीय समाचार पत्र मे एक लेख लिखा है। इस लेख मे वैसे तो कई कई विडंबनापूर्ण बाते हैं किंतु मैं मुख्यतः दो विषयों पर केंद्रित कर पाया हूं। एक देश मे लोकतंत्र की हत्या व दूजा विषय है देश की समूची मातृशक्ति की अस्मिता, कार्यक्षमता व आगे बढ़ने को […]
सरदार पटेल है भारत के स्वातन्त्र्य समर के हीरो : संतोष गंगवार नई दिल्ली ( विशेष संवाददाता ) भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 144 वी जयंती 31 अक्टूबर की पूर्व संध्या पर”1857 के क्रान्तिनायक अमर शहीद धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा “लौह पुरुष, भारत-रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल का व्यक्तित्व , कृतित्व […]
रमेश सर्राफ धमोरा स्वतंत्र भारत के पहले तीन वर्ष सरदार पटेल देश के प्रथम उप-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री रहे। पटेल ने भारतीय संघ में उन रियासतों का विलय किया जो स्वयं में सम्प्रभुता प्राप्त थीं। उनका अलग झंडा और अलग शासक था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ वर्ष पूर्व गुजरात के नर्मदा जिले […]
डॉ. उदित राज बिहार के चुनाव में दस लाख नौकरी देना मुद्दा बना जो शायद कभी-कभार होता है, इसका परिणाम केवल बिहार में ही नहीं दिखेगा बल्कि पूरे देश में दिखेगा। अगर, बिहार के लोगों ने इस मुद्दे पर मतदान किया तब ऐसा देखने को मिल सकता है। अमेरिका एवं यूरोप की सम्पन्नता और सुविधाएं […]