(जन्म जयन्ती पर विशेष 28 सितम्बर 1907 ई.) सरदार भगत सिंह के बंगा गांव में उनकी स्मृति में बने संग्रहालय को देखने का अवसर मिला। दीवारों पर लगे अखबारों में महाशय राजपाल की हत्या की खबरे पढी… उनके अंतिम संस्कार की खबरे पढ़ी। वह भक्तिदर्पण पुस्तक देखी, जिसे महाशय राजपाल जी ने छापा था और […]
महीना: सितम्बर 2020
किसी भी संस्थान की सफलता में उसके मज़दूरों एवं कर्मचारियों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहता है। बिना मज़दूरों एवं कर्मचारियों के सहयोग के कोई भी संस्थान सफलता पूर्वक आगे नहीं बढ़ सकता। इसीलिए संस्थानों में कार्य कर रहे मज़दूरों एवं कर्मचारियों को “मज़दूर/कर्मचारी शक्ति” की संज्ञा दी गई है। हमारे देश में दुर्भाग्य से […]
ओ३म् =========== ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनादि, अनन्त, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय एवं सृष्टिकर्ता है। वह जीवात्माओं के जन्म-जन्मान्तर के कर्मों के अनुसार न्याय करते हुए उन्हें भिन्न-भिन्न योनियों में जन्म देकर उनको सुख व दुःख रूपी भोग व फल प्रदान करता है। संसार में असंख्य प्राणी […]
ओ३म् =========== हम मनुष्य कहलाते हैं। हमारा जन्म हमारे माता-पिता की देन होता है। माता-पिता को हमें जन्म देने व पालन करने में अनेक कष्ट उठाने पड़ते हैं। यदि हमारे माता-पिता यह सब न करते तो हमारा न जन्म होता और यदि जन्म होता भी तो हम स्वस्थ, बुद्धिमान व ज्ञानवान न बनते। हमारे माता-पिता […]
ओ३म् =========== मनुष्य संसार में जन्म लेता है, कर्म करता है, शैशव, बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ तथा वृद्धावस्थाओं को प्राप्त होता है और इसके बाद किसी रोग व अन्य किसी साधारण कारण से ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। हमारी स्मरण शक्ति हमारे इसी जन्म की कुछ प्रमुख घटनाओं को स्मरण करने में समर्थ […]
फाइल फोटो साभार: दैनिक जागरण आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार अपने आपको धर्म-निरपेक्ष कहने वाली कांग्रेस का दोहरा चरित्र एक बार पुनः उजागर हो गया है। यह वही कांग्रेस जिसने तुष्टिकरण की माला पहन अयोध्या में रामजन्मभूमि मन्दिर को कितने वर्षों तक विवादित बना ना जाने कितने हिन्दुओं की जान ले ली। खुदाई में मिले मंदिर प्रमाणों […]
आदर्श जीवन राम का एक सन्देशा दे रहा आदर्श जीवन राम का । तन हमारा भी बने बस लोक के ही काम का।। विपदा खड़ी जो सामने वह सनातन है नहीं ; बुलबुले पानी में बनते शिकार होते नाश का।। जीवन के संग्राम में सेना सजाओ धर्म की । जीत निश्चित पाओगे है बात यही […]
प्रवीण कुमार द्विवेदी सुरक्षा एक ऐसी अवस्था का नाम है जिसके रहने पर ही कोई भी कार्य सम्पादित हो सकता है। इसका तात्पर्य अच्छी प्रकार से रक्षा है। भौतिक और मानसिक दोनों अवस्थाओं की सम्यक् रक्षा ही वास्तव में सुरक्षा पद को चरितार्थ करती है। यह कार्य कठिन है; क्योंकि जो रक्षक होता है, (उसके […]
सुबोध कुमार पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा, आज दुनिया की चिंता के दो प्रमुख विषय हैं। यह आज ही नहीं अत्यंत प्राचीन काल से ही मनुष्यों के लिए चिंतनीय विषय रहे हैं। कालखंड कोई सा भी हो, समाज का प्रबुद्ध वर्ग पर्यावरण और खाद्य सुरक्षा की चिंता करता ही रहा है। अपने देश का वैदिक वांग्मय […]
२५.सिंधिया की सेना में हनोवर का अन्थोनी पोहिमन्न एक सैन्य अधिकारी था जिसके अधीन फिरंगी रेजिमेंट थी .वे सिंधिया की सेवा में थे. आदिलशाह की सेवा में पुर्तगाल का फर्नाओ लोप्स था . भोपाल का नवाब वस्तुतः गोंड राजा का अफगान सेवक था और इनाम में भोपाल जागीर पाया था . उसकी सेवा में ज्यां […]