आर्य समाज एक क्रन्तिकारी आन्दोलन है जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैले विभिन्न-प्रकार के पाखंड, मत-मतान्तर,जाति-पाती, अनेक-प्रकार के सम्प्रदायो ,मूर्ति-पूजा,आदि अन्धविश्वास को दूर करने वाला एक विश्वव्यापी आन्दोलन है इसके प्रवर्तक भगवतपात महर्षि देव दयानन्द सरस्वती है ! आर्यसमाज के बारे में भ्रान्तिया: 1 .आर्यसमाजी ईश्वर को नहीं मानते? उत्तर:- गलत। आर्य समाजी ही ईश्वरवादी […]
महीना: सितम्बर 2020
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव दुनिया का कोई भी काम छोटा नहीं होता है, किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके कर्मों से निर्धारित होता है जो उसके अस्तित्व को एक नयी पहचान देता है। हम बात कर रहे हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की। जो कभी अपने पिता का चाय बेचने में सहयोग किया […]
जवाहरलाल कौल भारत और विशेषकर जम्मू कश्मीर के इतिहास में ललितादित्य का नाम उनकी शानदार विजय-यात्राओं के कारण प्रसिद्ध रहा है। कुछ लोग मार्तंड मंदिर के कारण भी उन्हें स्मरण करते हैं। लेकिन विकासमान भारत के संदर्भ में अगर वे किसी बात के लिए प्रासंगिक हैं तो उनकी विदेश नीति और अपनी समरनैतिक सूझबूझ के […]
————————– आदरणीया जया बच्चन जी, बॉलीवुड के “ख़ानदानी” लोगों को मैं बॉलीवुड की अनेक समस्याओं की जड़ मानता हूं और आज आपने इसे साबित भी कर दिया। ऐसा लगता है कि आप जिस बड़ी थाली (देश) में खाती हैं, उसी में छेद करना चाहती हैं, छोटी थाली (बॉलीवुड के गंदे लोगों) को बचाने के लिए। […]
शंकर शरण (लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं।) सरकार के एक सब से महत्वपूर्ण मंत्रालय द्वारा अपना बिगड़ा नाम कोरोना काल में सुधारने में एक तुक है। कोरोना ने पूरी दुनिया को याद दिलाया कि अर्थव्यवस्था से बड़ी चीज जीवन और प्रकृति के नियम है। यह बुनियादी सत्या खो गया है। मानव अर्थव्यवस्था का संसाधन बना डाला […]
*संसद भवन के भीतर ही हो राज भवन, जिसमें संसदीय सत्र के चलने के समय राष्ट्रपति के रुकने का हो प्रबंध । * धर्म सभा या न्याय सभा का भी किया जाए प्रावधान। ………………………………… देश की नई संसद के निर्माण के लिए इस समय प्रक्रिया बड़े जोरों पर है । वर्तमान संसद भवन आगामी 2 […]
डॉ. कृष्ण गोपाल डॉ. आंबेडकर का चिंतन और उनका कर्म बहुत विशाल है। लगभग सभी लोगों ने डॉ. आंबेडकर को अपने-अपने नजरिए से देखा है, लेकिन उनका समग्र आकलन बहुत कम ही हुआ। उनके प्रति कुछ दृष्टिकोण अधूरे हैं, तो कुछ दृष्टिकोण तथ्यों के विपरीत हैं। डॉ. आंबेडकर का जीवन बड़ा व्यापक, विस्तृत और बहुआयामी था। लेकिन देश […]
पिछले 4 वर्षों के दौरान डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के पर्यावरण संबंधी कई समझौतों से अलग होने के बावजूद अमेरिका इससे होने वाले नुकसान की सफलतापूर्वक भरपाई करने में कामयाब रहा है। ऐसा होने से अमेरिका के लिए वर्ष 2050 तक शून्य शुद्ध उत्सर्जन वाला देश बनने की संभावनाएं जिंदा हैं, बशर्ते वर्ष 2021 में जलवायु […]
🔥हैदराबाद आंदोलन और आर्य समाज🔥 _लाखों वीरों ने जब गर्दन कटवाई थी,_ _सच कहता हूं तब यह आजादी आई थी।_ *आज से लगभग 70 वर्ष पूर्व 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद राज्य (वर्तमान का हैदराबाद शहर और कर्नाटक राज्य) का विलय भारतीय संघ मे हुआ था।* तत्कालीन हैदराबाद राज्य में बहुमत जनता हिन्दू थी पर […]
- (लेखक: स्व. वसंत ब. पोतदार) महर्षि दयानंद सरस्वती ने 1875 में आर्य समाज की स्थापना की. उनकी मातृभाषा गुजराती थी, पर उन्होंने हिंदी भाषा का बहुत अध्ययन किया और आर्य समाज का भारत भर में विस्तार किया. हिंदू समाज की दुर्बलताओं को देखकर महर्षि दयानंद सरस्वती बहुत परेशान रहते थे. हिंदुओं की दीनहीन अवस्था […]