Categories
विविधा

ड्रैगन , लातों के भूत ,बातों से नहीं मानते अब भारत को दिखानी होगी शेर वाली दहाड़

योगेश कुमार गोयल चीन को लेकर सबसे बड़ी परेशानी यही है कि दोनों देशों के बीच कॉर्प कमांडर स्तर की वार्ताओं के कई दौर हो चुके हैं और उनसे हासिल कुछ नहीं हुआ है। वह हर बार तनाव घटाने के लिए तय किए जाने वाले कई मुद्दों पर सहमति तो प्रकट करता रहा है लेकिन […]

Categories
व्यक्तित्व

सदी के महानायक का मौन मुखर व्यक्तित्व

बोलने को तो सभी बोलते हैं। नदी, नाले, समंदर, झरने भी बोलते हैं। पशु-पक्षी भी बोलते हैं। महसूस करें तो विनाश के पूर्व और बाद का सन्नाटा भी बोलता है। किन्तु ये सब सिर्फ बोलते हैं या सिर्फ चुप रहते हैं। इंसान ही ऐसा है जो बोलकर भी चुप रह सकता है और चुप रहकर […]

Categories
विविधा

आत्मनिर्भरता व अध्यात्म भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता की पहचान

प्रोफेसर विजय कुमार कौल (लेखक दिल्ली यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस और बिजनेस इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर है।) प्रकृति ने इस देश को प्रचूर, सभ्यता, वनस्पति, जीव जंतु, जल आदि प्रदान कर इसे पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने में सहायता दी। हमारे मनीषियों तथा ऋषियों ने इसके आधार पर निश्चिंत होकर समाज का भौतिक तथा आध्यात्मिक […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

हिंदू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज

ज्ञानेंद्र बरतरिया (लेखक प्रसार भारती में सलाहकार हैं।) छत्रपति शिवाजी महाराज आज अपने वक्त से ज्यादा प्रासंगिक हैं। छत्रपति शिवाजी ने युद्ध, राजनीति-कूटनीति और सौहार्द की जो नीतियां गढ़ीं, जो परंपराएं स्थापित कीं- उन्हें सोलहवीं सत्रहवीं सदी के भारत में भले जितना समझा गया हो लेकिन उनके विचारों, नीतियों को बीसवीं-इक्कीसवीं सदी तक दुनिया में […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

जम्मू कश्मीर में 35 ए , शेख अब्दुल्ला और पंडित नेहरू की कहानी

डाँ. मनमोहन वैद्य भारत सरकार का अनुच्छेद 370 में संशोधन, 35 ए समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर राज्य को सभी संवैधानिक प्रावधानों का लाभ देने का फैसला भारत के नागरिकों से किए वादे को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम है अनुच्छेद 370 में संशोधन, 35ए को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

इतिहास पर गांधीवाद की छाया : अध्याय -1 , महात्मा गांधी का आदर्श औरंगजेब था शिवाजी नहीं

गांधीजी का आदर्श औरंगजेब है 06 दिसम्बर 2017 को ‘बीबीसी’ ने एक लेख ‘औरंगजेब और मुगलों की तारीफ क्यों करते थे- महात्मा गांधी’ – शीर्षक से प्रकाशित किया। इस लेख में ‘बीबीसी’ ने बताया कि गांधीजी के औरंगजेब और मुगल शासकों के प्रति बहुत ही नेक विचार थे। वह उनके धर्मनिरपेक्ष विचारों के प्रशंसक थे […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

पुण्यतिथि पर विशेष : मुगल वंश के शासक शाहजहां की बेटी जहाँआरा की सबसे चालाक और खर्चीली मुगल बेगम

मुगल सल्तनत में सबसे चतुर, सबसे सुंदर, सबसे विवादास्पद और सबसे धनी कोई शहजादी थी तो वो जहांआरा थीं. शाहजहां की बेटी और औरंगजेब की बहन . उनको लेकर तमाम किस्से हैं. चांदनी चौक का नक्शा उन्हीं की देखरेख में बना. वो विदेशों से व्यापार करती थीं. आज से ठीक 339 साल पहले मुगल सल्तनत […]

Categories
स्वास्थ्य

कोरोनावायरस से चल रही जंग में सबसे उत्तम सिद्ध हो रहा है योग

– ललित गर्ग – कोरोना महामारी से मुक्ति में योग की विशेष भूमिका है। कोरोना महाव्याधि से पीड़ित विश्व में योग इसलिये वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है, क्योंकि नियमित योग करने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जहां कोरोना श्वसन तंत्र पर हमला करता है, वहीं योग उसी श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने का काम […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

18 सितंबर जन्म दिवस पर विशेष : सतनामी संप्रदाय के संस्थापक गुरु घासीदास

छत्तीसगढ़ वन, पर्वत व नदियों से घिरा प्रदेश है। यहाँ प्राचीनकाल से ही ऋषि मुनि आश्रम बनाकर तप करते रहे हैं। ऐसी पवित्र भूमि पर 18 सितम्बर, 1756 (माघ पूर्णिमा) को ग्राम गिरोदपुरी में एक सम्पन्न कृषक परिवार में विलक्षण प्रतिभा के धनी एक बालक ने जन्म लिया। माँ अमरौतिन बाई तथा पिता महँगूदास ने […]

Categories
गौ और गोवंश

18 सितंबर बलिदान दिवस पर विशेष : गौ भक्तों का अनुपम बलिदान

स्वतन्त्रता से पूर्व देश में अनेक स्थानों पर मुसलमान खुलेआम गोहत्या करते थे। इससे हिन्दू भड़क जाते थे और दोनों समुदाय आपस में लड़ने लगते थे। अंग्रेज तो यही चाहते थे। इसलिए वे गोहत्या को प्रश्रय देते थे। 1918 में ग्राम कटारपुर (हरिद्वार) के मुसलमानों ने बकरीद पर सार्वजनिक रूप से गोहत्या की घोषणा की। […]

Exit mobile version