ललित गर्ग यूपी बोर्ड में एनसीईआरटी की किताबें चलती हैं। पर उत्तर प्रदेश में फुटकर प्रकाशकों को कमीशन न मिलने के कारण कुछ प्रकाशक अवैध तरीके से ये किताबें छापने के धंधे में कूद पड़े हैं। ये लोग हल्के एवं सस्ते कागज पर एनसीईआरटी की किताबें छापते हैं। हमारा चरित्र देश के समक्ष गम्भीर समस्या […]
महीना: अगस्त 2020
सजी रही बलिदानी परम्परा प्रभाकर माचवे अपनी पुस्तक ‘छत्रपति शिवाजी’ की भूमिका में लिखते हैं :- “शिवाजी के साथ समकालीन फारसी शाही इतिहासकारों ने और बाद में अंग्रेज इतिहासकारों ने भी बड़ा अन्याय किया है । कुछ लोगों ने उन्हें सिर्फ एक साहसी, लड़ाकू , लुटेरा तो औरों ने ‘पहाड़ी चूहा’ और दूसरे लोगों ने […]
सुदर्शन न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके ने कुछ दिनों पहले अपने चैनल पर एक सीरीज लाने का ऐलान किया। उन्होंने 25 अगस्त को ट्वीट करते हुए बताया कि उनके चैनल पर 28 अगस्त से एक ऐसी सीरिज शुरू होगी, जिसमें वह कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों (IAS-IPS) पर मुस्लिमों की बढ़ती संख्या पर बात […]
बिहार भारत का एक ऐसा राज्य है जिसने राजनीति के मैदान में प्राचीन काल से अब तक कई उतार-चढ़ाव देखे हैं कभी सम्राट अशोक ने यहीं पर एक शानदार इतिहास लिखा था तो उससे पहले भी रामायण काल में इस प्रांत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान के संकेत मिलते हैं । बात आजादी के बाद […]
भारतवर्ष में बिहार और उत्तर प्रदेश दो बड़े राज्य हैं , दुर्भाग्य की बात है कि यह दोनों ही जातिवादी राजनीति के लिए विख्यात माने जाते हैं । बात यदि बिहार की करें तो यहां तो स्थिति और भी अधिक खराब है । बिहार की राजनीति में जाति हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। […]
बिहार की राजनीति को जातिवाद से पीड़ित करने और उसे पूर्णतया जहरीला बनाने में साम्यवादी उग्रवाद ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । भारत में हिंदू को कमजोर करने में साम्यवादी दल सबसे अधिक सक्रिय रहते हैं । सर्वहारा वर्ग के आधार पर साम्यवाद अर्थात समाज में समानता की बात करने का लोक लुभावना नारा […]
प्रह्लाद सबनानी भारत में कुल आबादी का लगभग 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ग्रामीण इलाक़ों में रहता है एवं अपने रोज़गार के लिए मुख्यतः कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर हैं। इस प्रकार भारत में कृषि का क्षेत्र एक सिल्वर लाइनिंग के तौर पर देखा जाता है। सामान्य तौर पर वित्तीय समावेशन की सफलता का आकलन […]
योगेश कुमार गोयल 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले को लेकर करीब डेढ़ साल बाद एनआईए द्वारा आखिरकार जम्मू की विशेष अदालत में 13500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल करने के बाद साफ हो गया है कि पुलवामा हमले की साजिश कितनी गहरी थी। विस्फोटक से भरी एक गाड़ी से सीआरपीएफ के काफिले पर टक्कर […]
कमलेश पांडेय देश में खिलौना निर्माण के कई कलस्टर हैं, जिनकी अपनी पहचान है और वहां पर सैंकड़ों कारीगर अपने अपने तरीके से स्वदेशी खिलौनों का निर्माण कर रहे हैं। अमूमन, ये घरेलू कारीगर जो खिलौना बनाते हैं, उनमें भारतीयता व हमारी संस्कृति की स्पष्ट छाप होती है। हर बच्चों के हाथ में दिखने वाला […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यदि राज्य का दर्जा कश्मीर को वापस मिल जाता है तो वह भी उतना ही शक्तिशाली और खुशहाल बन सकता है, जितने कि देश के दूसरे राज्य हैं। लद्दाख के अलग हो जाने से प्रशासनिक क्षमता भी बढ़ेगी और कश्मीर को मिलने वाली केंद्रीय सहायता में भी वृद्धि होगी। जम्मू-कश्मीर की छह […]