डॉ0 राकेश राणा (असिस्टेंट प्रोफेसर : समाजशास्त्र ) राम का अतीत इतना व्यापक और विस्तारित है कि उस पर समझ और संज्ञान की सीमाएं है। उन्हें चिन्हित करना भी बहुत दुरुह कार्य है। भारतीय समाज में राम उस वटवृक्ष की तरह है जिसकी छत्रछाया में भक्त, आलोचक, आम, खास, आरोधक, विरोधक सबके सब साथ-साथ न […]
