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स्वास्थ्य

आज की भागमभाग की जिंदगी में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना भी है जरूरी

डॉ. राकेश राणा स्वास्थ्य की समझ और अवधारणा शनैः शनैः विकसित हुई है। शारीरिक से आगे बढ़कर मानसिक, सामाजिक और अब तो आध्यात्मिक तक यह अपने क्षितिज का विस्तार कर चुकी है। अच्छा स्वास्थ्य उस स्थिति को संदर्भित करता है जिसमें व्यक्ति अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा हो, आध्यात्मिक रूप से जागृत जीवन […]

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उगता भारत न्यूज़

हिंद बलोच फोरम ने बलूचिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर बलोच वासियों को दी बधाई

जमशेदपुर ( विशेष संवाददाता ) बलूचिस्तान के लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक महत्व का है , क्योंकि यही वह ऐतिहासिक दिन है जब उन्हें आजादी प्राप्त हुई थी । यह अलग बात है कि मार्च 1948 में पाकिस्तान नाम के गिद्ध ने उनकी आजादी का हनन कर लिया । यह कहना […]

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कहानी

15 अगस्त और दादी माँ की आशाएं

15 अगस्त और दादी माँ की आशाएं नीरज त्यागी पंकज की दादी 15 अगस्त की सुबह जल्दी से ही तैयार हो गयी थी।जैसा कि उसे मालूम था कि 15 अगस्त पर सभी टीवी के समाचार चैनलों पर भारत देश के सैनिकों को दिखाया जाता है।हर बार की तरह वह भी अपने पोते पंकज की एक […]

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विविधा

बिरसा मुंडा का उलगुलान ही मूलनिवासी दिवस का खंडन है

प्रवीण गुगनानी मूलनिवासी दिवस या इंडिजिनस पीपल डे एक भारत मे एक नया षड्यंत्र है। सबसे बड़ी बात यह कि इस षड्यंत्र को जिस जनजातीय समाज के विरुद्ध किया जा रहा है, उसी समाज के काँधों पर रखकर इसकी शोभायमान पालकी भी चतुराई पूर्वक निकाल ली जा रही है। वैश्विक दृष्टि से यदि देखा जाये […]

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कविता

चलो अयोध्या धाम

चलो अयोध्या धाम चलो अयोध्या धाम, विराजेंगे अपने श्रीराम। कभी राम झुठलाये जाते। नकली चरित बताये जाते। आतंकी बाबर के सम्मुख- मनगढ़ंत कहलाये जाते।। कैसी भी हो रात, किन्तु होती है सुबह ललाम। वंशज बहुधा जीते – हारे। अनुयायी के वारे – न्यारे। रक्तपात के छद्म खेल में – रामभक्त तन मन धन वारे।। हुआ […]

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विविधा

योगीराज श्रीकृष्ण जी का असली जन्म

विनय आर्य अगस्त माह में हम योगीराज श्रीकृष्ण जी महाराज का पुनः जन्मदिन मना रहे हैं। वही श्रीकृष्ण जी महाराज जिसे पौराणिकों ने लीलाधर, रसिक, गोपी प्रेमी, कपड़े चोर, माखन चोर और न जाने क्या-क्या लिखा। जिससे उनका मनोरथ तो पूरा हो गया लेकिन कहीं न कहीं योगीराज श्रीकृष्ण जी का वास्तविक चरित्र नष्ट हो […]

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भारतीय संस्कृति

“आंधे की माक्खी राम उड़ावै” हमारी बोलचाल, प्यार, उलाहनों और कहावतों में रचे बसे है श्रीराम

डॉo सत्यवान सौरभ राम-राम जी। हरियाणा में किसी राह चलते अनजान को भी ये ‘देसी नमस्ते’ करने का चलन है। यह दिखाता है कि गीता और महाभारत की धरती माने जाने वाले हरियाणा के जनमानस में श्रीकृष्ण से ज्यादा श्रीराम रचे-बसे हैं। हरियाणवियों में रामफल, रामभज, रामप्यारी, रामभतेरी जैसे कितने ही नाम सुनने को मिल […]

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संपादकीय

व्यक्ति विरोध भी हो सकता है – ‘राष्ट्र विरोध’

जब कांग्रेस के नेता या कांग्रेस समर्थक लोग प्रधानमंत्री श्री मोदी पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाते हैं कि किसी व्यक्ति विशेष का विरोध करना राष्ट्र का विरोध नहीं है तो कुछ अजीब सा लगता है । सचमुच किसी व्यक्ति का विरोध राष्ट्र का विरोध नहीं हो सकता ,परंतु जितना यह सच है उतना […]

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राजनीति

तहलका द्वारा लिए गए उस इंटरव्यू में ही राहुल गांधी की पिक्चर बहुत कुछ हो गई थी साफ

“मुझे एक सम्पूर्ण राजनीतिज्ञ बनना है। इसके लिए मुझे एकाध चुनाव हारने पड़ेंगे। अगर मैं चुनाव नहीं हारता हूँ तो मैं एक अच्छा नेता नहीं बन पाऊँगा। मैं हार से डरता नहीं हूँ। ये मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है।“- ये पंक्तियाँ पहली बार सांसद बने एक ऐसे व्यक्ति की है, जो इसके 12 साल बाद […]

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कहानी

प्रतिभा की बलि

आख़िर वजह क्या होती है जो प्रतिभा (टैलेंट) की बलि चढ़ा दी जाती है? अगर सूक्ष्म दृष्टि से देखें तो इसकी शुरुआत जीवन में कुछ कृतघ्न रिश्तेदार और तथाकथित हमारे समाज से ही हो जाती है। जहां एक ओर माँ -बाप अपनी संतान को जन्म देते हैं ये सोच कर कि हमारा बच्चा योग्य ,प्रतिभाशाली […]

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