राजा मेहताब सिंह के नेतृत्व में जिस सेना ने राम मन्दिर की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था उसके बारे में इतिहासकार कनिंघम ने कहा है कि :-” जन्मभूमि का मन्दिर गिराए जाने के समय हिन्दुओं ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी और 173000 हिन्दुओं के शव गिरने के पश्चात ही मीर […]
Month: August 2020
दिनांक : 20.08.2020 प्रति, मा. केंद्रीय गृहमंत्री, भारत सरकार विषय : हिन्दू धर्म को जानबूझकर बदनाम करनेवाली ‘आश्रम’ वेब सीरीज पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में … प्रकाश झा द्वारा निर्देशित ‘आश्रम’ ‘वेब सीरीज’ २८ अगस्त को ‘एम् एक्स प्लेयर’ नामक ‘ओटीटी प्लैटफॉर्म’ पर प्रदर्शित होनेवाली है । इस ‘वेबसीरीज’ का आधिकारिक ‘ट्रेलर’ प्रसारित हो […]
जैन धर्म का महापर्व पर्यूषण
*पर्युषण यह जैन धर्म का महापर्व होता है।* पर्युषण का आखरी दिन संवत्सरी महापर्व कहलाता है। संवत्सरी महापर्व को क्षमापना दिवस भी कहा जाता है। एकमात्र जैन धर्म ही ऐसा है जिसमें क्षमा का सूक्ष्म विचार किया गया है। यह क्षमा सिर्फ मनुष्य मात्र से ही नही, बल्कि सभी जीव जैसे आंखों से न दिखनेवाले […]
ओ३म् ========== हमारा यह संसार अनादि काल से बना हुआ है जिसे इसके कर्ता ‘सृष्टिकर्ता’ अर्थात् सर्वशक्तिमान ईश्वर ने बनाया है। संसार का यह स्वाभाविक नियम है कि कोई भी पदार्थ कर्ता के द्वारा ही बनाया जाता है। कर्ता द्वारा ही किसी पदार्थ का स्वरूप परिवर्तन भी किया जाता है जिसे भी निर्माण की संज्ञा […]
*श्री जी के नाम से मशहूर अरविंद सिंह मेवाड़* लाभेश जैन ( कासवा ) मौजूदा समय में सिटी पैलेस अरविंद सिंह मेवाड़ का मिनी साम्राज्य है। अरविंद सिंह को लोग प्यार से *श्रीजी* के नाम से बुलाते हैं। 18 अप्रैल 1948 को जिस समय अरविंद सिंह महज चार साल के थे, उस समय उनके *दादा […]
डॉ राकेश कुमार आर्य लोकतंत्र मतभिन्नता की अनुमति इसलिए देता है कि अंत में सब पक्षों में मतैक्यता हो जाये। किसी भी विषय में गुणावगुण पर सब पक्ष खुलकर बहस करें और फिर किसी एक सर्वमान्य निष्कर्ष पर पहुंच कर एक मत हो जाएं। भारतवर्ष के संविधान ने लोगों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता […]
लघुता पाय प्रभुता पाई
डॉ॰ राकेश कुमार आर्य गोस्वामी तुलसीदासजी ने ‘रामचरित मानस’ में जिस प्रसंग में यह कहा है कि ‘लघुता पाय प्रभुता पाई’-उसका वहां अर्थ है कि विनम्रता से अर्थात लघुता से मनुष्य बड़प्पन प्राप्त कर लेता है, महानता की प्राप्ति करता है। गोस्वामीजी ने जहां भी जैसे भी जो भी कुछ कहा है उसका विशेष और […]
– मुरली मनोहर श्रीवास्तव • 21 अगस्त से पहले ही मिट गई उस्ताद की आखिरी निशानी • 21 मार्च 1916 को जन्मे उस्ताद, 21 अगस्त 2006 को हुआ निधन • पांच समय के नमाजी बिस्मिल्लाह मंदिरों में करते थे शहनाई वादन • डुमरांव जन्मभूमि तो वाराणसी को बनाया कर्मभूमि ….कल चमन था आज एक उजड़ा […]
डा. अशोक आर्य हम सब जानते हैं कि महान् आचार्य चाणक्य के प्रताप से सम्राट् चन्द्रगुप्त ने जिस राज्य गद्दी को पाया था| उनका पोता सम्राट अशोक इस राज्य का अत्यधिक शूरवीर और प्रतापी सम्राट था| देश धर्म के कार्यों में उसकी क्रूरता का भी परिचय मिलता है| इस अवसर पर वह क्रूर ही नहीं […]
ललित गर्ग शान्ति निकेतन के अधिकारियों के फैसले को लेकर इस विश्वविद्यालय के करीब रहने वाले लोगों में रोष फैला। तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक श्री नरेश बावरी के नेतृत्व में नयी बन रही दीवार और नये बने दरवाजे को तोड़ डाला गया। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय यानि शान्ति निकेतन इन […]