निरंजन मार्जनी इजराइल का विरोध करने के साथ ही इन देशों में इस्लामिक जगत का नेतृत्व करने की होड़ शुरू हो गयी है। इसीलिए यह देखना ज़रूरी है कि इन देशों के दावों में कितना दम है। तुर्की और ईरान ये दोनों देश सऊदी अरब और यूएई के विरोधी माने जाते हैं। हाल ही में […]
महीना: अगस्त 2020
डॉ. वेदप्रताप वैदिक पाकिस्तान ने अपनी नीति को भारत की नीति बता दिया। भारत सीमा-पार आतंकवाद क्यों फैलाएगा। चौथा, 1267 प्रस्ताव की प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची में भारतीयों के नाम भी हैं, यह सरासर झूठ है। उसमें एक भी भारतीय का नाम नहीं है। संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम ने एक […]
★ राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रचार प्रसार में रचनात्मक योगदान पर मिली उपलब्धि ★ देश के अन्य चार वरिष्ठ साहित्यकारों का भी हुआ सम्मान, देश के वरिष्ठ गणमान्यो ने दी बधाई ……………………………………………… नई दिल्ली ( अजय आर्य) विश्व हिन्दी रचनाकार मंच” द्वारा महाकवि गोपाल दास “नीरज” की पुण्य स्मृति में संचालित “रचनाकार प्रोत्साहन योजना” के अंतर्गत […]
डॉ अवधेश कुमार अवध संत कबीर की उक्ति “दु:ख में सुमिरन सब करै….” आज भी प्रयोजन युक्त है। दुखिया है कौन! कबीर बाबा बताते हैं कि, “…….दुखिया दास कबीर है…..”। अर्थात् जो समाज के बारे में सोचेगा, वह सामाजिक अवमूल्यन देखकर दुखी अवश्य होगा और एक सामाजिक प्राणी के नाते मनुष्य होने की यह निर्विवाद […]
ललित गर्ग भारत में एक नई आर्थिक सभ्यता और एक नई जीवन संस्कृति करवट ले रही है, तब उसके निर्माण में प्रभावी एवं सशक्त भूमिका के लिये जिम्मेदार इलैक्ट्रोनिक एवं प्रिंट मीडिया शायद दिशाहीन है। एक सौ तीस करोड़ की आबादी का यह देश- कोरोना एवं अन्य जटिल समस्याओं से जूझ रहा है, इन समस्याओं […]
इतिहास अमृत होता है। सतत विकासशील। जय-पराजय में समभाव। तथ्य-सत्य को ही अंगीकृत करता है। वह किसी के प्रभाव में नहीं आता, लेकिन सबको प्रभावित करता है। कालगति का तटस्थ दर्शक होता है, इसलिए इतिहासकारों को भी निष्पक्ष रहना चाहिए, लेकिन भारतीय इतिहास लेखन में अधिकांश इतिहासकारों ने स्वार्थवश मनमानी की है। कई महत्वपूर्ण घटनाओं […]
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दारा शिकोह के चरित्र में क्या खोजा की उसकी कब्र की तलाश हो रही है। कहते हैं, हीरे की कदर जौहरी ही कर सकता है। दारा शिकोह अन्य मुगलों से एकदम अलग विचारों वाला मुग़ल बादशाह था, जिसकी महानता को पाखंडी, छद्दम धर्म-निरपेक्षों, कुर्सी के भूखे और […]
फतेहसिंह जोरावरसिंह का बलिदान इसी प्रकार जोरावरसिंह व फतेहसिंह का बलिदान भी पंजाब की बलिदानी भूमि की एक पवित्र धरोहर है। अपने दोनों पुत्रों की शहादत के समय गुरु गोविन्द सिंह ने एक पौधे को उखाड़ते हुए कहा था कि जैसे यह पौधा जड़ से उखड़ आया है वैसे ही एक दिन हिन्दुस्तान से तुर्की […]
* मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के जीवन चरित्र और कार्यप्रणाली पर एक विशेष लेख माला* _____________________________ रामायणकालीन पर्यावरण वृक्ष जैव विविधता के प्रति उच्च संरक्षण आदर भाव का बहुत आदर्श गर्वीला अनुपम उदाहरण हमें वाल्मीकि रामायण के अयोध्या कांड के एक प्रसंग में मिलता है| भरत जब अपनी ननिहाल से वापस आते हैं उन्हें […]
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन चरित्र और कार्यप्रणाली पर विशेष लेखमाला _____________________________ महर्षि वाल्मीकि जो न केवल आदिकवि ,आदि इतिहासकार भी हैं उनके द्वारा प्रणीत रामायण महाकाव्य भारतवर्ष ही नहीं संसार के महाकाव्यों में सर्वोच्च स्थान रखता है| रामायण आर्य सभ्यता और संस्कृति का दर्पण है| वाल्मीकि रामायण के अध्ययन से हम रामायण कालीन ज्ञान […]