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विविधा

5 अगस्त की तैयारी – शहर हो या गांव घर-घर, दीपोत्सव मनाया जाएगा

अजय कुमार पांच सौ वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद जब मंदिर के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम होने जा रहा है तो इस मौके पर उन साधु-संतों, विश्व हिन्दू परिषद के लोगों और राजनीतिज्ञों को कैसे भुलाया जा सकता है जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए लम्बा संघर्ष किया था। पांच अगस्त को दोपहर सवा 12 […]

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संपादकीय

राजनीति को ‘गुलाम चला रहे हैं या राजनीति गुलामों को हांक रही है ?

देश में पंजीकृत और अपंजीकृत हजारों राजनीतिक दल इस समय कार्यरत हैं। यद्यपि कुछ लोग देश में त्रिदलीय राजनीतिक व्यवस्था की बात करते हैं, परंतु राजनीतिक दलों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है । निश्चय ही राजनीतिक दलों की संख्या में हो रही यह वृद्धि हम सब के लिए चिंता और चिंतन का […]

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आर्थिकी/व्यापार

देश की अर्थव्यवस्था में तेज़ी अल्पकालीन नहीं होकर लंबे समय तक आगे जाने को तैयार

प्रह्लाद सबनानी भारत में विभिन्न बैंकों द्वारा व्यापारियों, उद्योगपतियों एवं नागरिकों को वित्तीय सहायता आसानी से उपलब्ध कराने हेतु खाका तैयार किया जा चुका है। अब तो केवल इन व्यापारियों, उद्योगपतियों एवं व्यक्तियों को ही आगे आने की ज़रूरत है। कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन के बाद, अनलॉक के दूसरे चरण को प्रारम्भ हुए […]

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भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा स्वर्णिम इतिहास

भारतीय क्षात्र धर्म और अहिंसा ( है बलिदानी इतिहास हमारा ) अध्याय –3

भारतीय राजधर्म और अहिंसा देश की वर्तमान परिस्थितियों पर यदि चिंतन किया जाए तो पता चलता है कि देश का नेतृत्व और विशेष रूप से अभी तक की कांग्रेस की सरकारें इस दुर्दशा के लिए उत्तरदायी हैं । किसी कवि ने ठीक ही तो कहा है :– न बिजली की अनाइतों से न बादे फसले […]

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इसलाम और शाकाहार पर्व – त्यौहार

कोरोना के चलते बकरीद पर कितने सावधान हैं मुसलमान ?

  आगामी 1 अगस्त को मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार ईद आ रहा है। इस पर अनेकों पशुओं की बलि दी जाएगी । जिससे पर्यावरण संतुलन की पहले से ही बिगड़ी हालत में और इजाफा हो जाएगा। सारे पर्यावरणविद और पशुओं की रक्षा का ठेका लेने वाले सभी संगठन अब पूरी तरह मौन हैं। अब […]

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पर्यावरण

मौसम अध्ययन की भारतीय परंपरा

  समय की अनोखी धारणा है। सर्दी, गर्मी और बारिश को महसूस करते हुए ही मानव ने जाना था कि ऋतु और उसका चक्र क्या है? महिलाओं ने पौधों के फलन और फूलन से नक्षत्रों को जाना और जिसके लिए जैसा जाना, वैसा ही कहा जो दिवस, पक्ष, मास और संवत्सर के फल के लिए […]

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राजनीति

राम जन्मभूमि शिलान्यास : मजहब भूल धर्म याद आया अरविंद केजरीवाल को

मजहब देख सियासत करने वाले केजरीवाल  समय का पहिया बहुत तेजी से बदलता है। आज एक बार फिर यही कुछ होता दिख रहा है। कभी रथ यात्रा रोक कर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को जेल भेजने वाले लालू प्रसाद यादव आज खुद जेल मे बंद हैं, वहीं आडवाणी भूमि-पूजन में शामिल होने […]

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भारतीय संस्कृति

वेद सम्मत गृहस्थ आश्रम का सम्यक निर्वाह ही गृहस्थी जीवन की सफलता है

ओ३म् ============= युवक व युवतियों के वैदिक विधि से विवाह होने से पति व पत्नी गृहस्थी कहलाते हैं। विवाह के बाद का जीवन गृहस्थ जीवन तथा इसे ही गृहाश्रम भी कहते हैं। गृहस्थाश्रम पर लोगों के तरह तरह के विचार हैं। कोई गृहाश्रम को अच्छा मानता है और ऐसे भी लोग हैं जो इस आश्रम […]

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भारतीय संस्कृति

सूर्यपुत्र न होकर कर्ण था एक महान ऋषि की संतान

अब मैं आपको एक अन्य विचित्र घटना से अवगत कराने जा रहा हूं। जो कुंती और कर्ण और श्वेत मुनि के संबंध में ही है। श्रंग ऋषि द्वारा दिनांक 15 मार्च 1986 को बरनावा लाक्षागृह में 51 वें पुष्प के रूप में हमको अर्पित की गई है। वह निम्न प्रकार है :- “इसी प्रकार’ अप्रतम […]

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देश विदेश

दलाई लामा के नाम से क्यों इतना चिढ़ता है चीन?

अभिनय आकश तिब्बत को लेकर चीन हमेशा से ही काफी चौकस रहता है। इसकी असली वजह यह है कि तिब्बत उसका धोखे से कब्जाया हुआ क्षेत्र है। राजनीतिक दृष्टि से तिब्बत कभी चीन का अंग नहीं रहा। दलाई लामा ने 1959 में निर्वासन में शुरू हुए एक बिखरे हुए आंदोलन को अकेले दम पर दुनिया […]

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