वाराणसी – ‘कोरोना महामारी का प्रकोप समाप्त होने पर जीवन तुरंत पूर्ववत होगा’, इस भ्रम में न रहकर जनता को वास्तविकता का सामना करना होगा । आज विकसित अमेरिका सहित अनेक राष्ट्र मंदी की गर्त में हैं । अनेक विशेषज्ञों ने आनेवाले समय में आर्थिक मंदी और बेरोजगारी की संभावना व्यक्त की है । चीन […]
महीना: जुलाई 2020
किसी भी देश की राजनीति को सुचारू रूप से संचालित करने में राजनयिकों का बहुत बड़ा योगदान होता है । राजनयिक लोग जितने अधिक सुलझे हुए गंभीर और अनावश्यक प्रचार प्रसार की भावना से अपने आपको बचाकर रखने वाले होते हैं उतने ही वह देश के लिए अधिक उपयोगी हो पाते हैं । सफल राजनय […]
__________ माना कि भारत का संविधान हर नागरिक को मौलिक अधिकारों के तहत देश में कहीं भी घूमने फिरने पर्यटन की आजादी देता है लेकिन संसार के पुस्तकालय की सबसे प्राचीन पुस्तक सृष्टि का सविधान वेद कहता है…….. *उपह्वरे च गिरीणां संगमे च नदीनां* | *धिया विप्रो अजायत* || *ऋग्वेद* 8 |6 |28 “पहाड़ों की […]
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” जिक्र जब हस्तिनापुर का आता है तो महाभारत काल की छवि उभर कर आती है| हस्तिनापुर, आर्यव्रत की संस्कृति का सामरिक व सांस्कृतिक केंद्र रहा… काशी और कौशल भी हस्तिनापुर के पराक्रम के सामने कांपते थे| हस्तिनापुर ऐतिहासिक सांस्कृतिक तौर पर ही नहीं प्राकृतिक जैव विविधता सौंदर्य के मामले में भी समृद्ध रहा है| […]
_🌺यजुर्वेद- ईश्वर *माता पिता भाई* है 🌺 🍁 स नो बन्धुर्- जनिता स विधाता धामानि वेद भुवनानि विश्वा । यत्र देवा अमृतम आनशाना स्तृतीय धामन्न- ध्यैरयन्त ।।.32/10. 🌻व्याख्या:(स) वह परमात्मा (न) हमारा (बन्धु) भ्राता की तरह सुखदायक (जनिता) हमारी सब की जननी माता और पालक पिता और (विधाता) और कर्मफलों का विधान करने वाला ,(विश्वा) […]
प्रस्तुति आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक ============================== वेदों से प्रमाण =========== यथे॒मां वाचं॑ कल्या॒णीमा॒वदा॑नि॒ जने॑भ्यः। ब्र॒ह्म॒रा॒ज॒न्या᳖भ्यां शूद्राय॒ चार्या॑य च॒ स्वाय॒ चार॑णाय च। प्रि॒यो दे॒वानां॒ दक्षि॑णायै दा॒तुरि॒ह भू॑यासम॒यं मे॒ कामः॒ समृ॑ध्यता॒मुप॑ मा॒दो न॑मतु ॥ (शुक्लयजुर्वेदः – २६/२) ऋषि :– लौगाक्षिः ।। देवता — ईश्वरः ।। छन्दः — विराडत्यष्टिः ।। स्वरः — गान्धारः ।। पदार्थान्वयभाषाः- हे मनुष्यो ! […]
डॉक्टर अर्जुन पांडे बिना युद्ध किए भी युद्ध जीते जाते हैं। लेह जा कर नरेंद्र मोदी ने आज यह सिद्ध किया है। बस दिक़्क़त यह है कि चीन से ज़्यादा , कांग्रेस खुद को पराजित महसूस कर रही है। चीन से ज़्यादा पंगा कांग्रेस ले रही है और अपनी राजनीतिक विरासत के पंख निरंतर नोचती […]
जब-जब धर्म की हानि हुई है तब तक भारत भूमि पर कोई न कोई ऐसा महामानव अवतरित हुआ है जिसने पथभ्रष्ट और धर्मभ्रष्ट मानव समाज को सही रास्ता दिखाया है ।आज समाज में जो परिस्थितियां पुनः निर्मित हो रही हैं उनमें पुनः एक चुनौती की झंकार है, एक ललकार है ,एक पुकार है हमें विश्वास […]
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार कुछ समय से ‘द वायर’ और ‘द हिन्दू’ जैसे मीडिया हाउस हिन्दू घृणा का जहर फैला कर अपने आपको धर्म-निरपेक्ष सिद्ध कर अपनी छाती चौड़ी किए घूम रहे हैं, भूल रहे हैं, कि जिस दिन किसी अन्य धर्म की इस तरह आलोचना शुरू करते ही, मुसीबतों का ऐसा पहाड़ टूटेगा, कहीं छुपने […]
ओ३म् =================== लेखक-डा. जयदत्त उप्रेती, स्वस्त्ययन, अल्मोड़ा-263601, उत्तराखण्ड। =================== भारत की प्राचीन काल से चली आ रही विश्वविख्यात संस्कृति के आधारभूत तीन मूल आधार हैं- ऋग्वेदादि चारों वेद, वाल्मीकि रामायण और महर्षि कृष्णद्वैपायन व्यास रचित महाभारत। इनमें वेदों को तो देवकाव्य या अपौरुषेय काव्य भी कहा जाता है। स्वयं वेद में कहा गया है, सनातन […]