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विश्वगुरू के रूप में भारत

वेदों में निर्दिष्ट नागरिकों के मौलिक राष्ट्रीय कर्तव्य

प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक ● Vedas hint national duties of citizens ● ● वयं राष्ट्रे जागृताम पुरोहिताः । – यजुर्वेद : 9.23 अर्थ : हम राष्ट्र के बुद्धिमान् नागरिक अपने राष्ट्र में सर्वहितकारी होकर अपनी सद्प्रवृत्तियों के द्वारा निरन्तर आलस्य छोड़कर जागरूक रहें । ———————————- ऋग्वेद आदि चार मूल वेद संहिताएं संसार के […]

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उगता भारत न्यूज़

हिंदुओं , ब्राह्मणों प्राचीन इतिहास की घृणा से सनी है “विश्व बुक्स” की किताबें

हिन्दुओं, ब्राह्मणों, प्राचीन इतिहास की घृणा से सनी हैं ‘विश्व बुक्स’ की किताबें हमारे देश में कई ऐसी पुस्तकें लिखी जाती हैं, जिनमें हमारी अपनी ही विरासत का मखौल उड़ाया जाता है। इनमें से एक ‘विश्व बुक्स’ प्रकाशन संस्थान भी है, जिसकी किताबें हिंदुत्व का मजाक बनाने के लिए ही लिखी जाती हैं। ‘विश्व बुक्स’ […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक धर्म के प्रचार में बाधक अविद्यायुक्त बातें और संगठन

ओ३म् ============== वैदिक धर्म सत्य ज्ञान ‘चार-वेदों’ पर आधारित मानव धर्म है। वैदिक धर्म का आरम्भ ईश्वर से प्राप्त चार वेदों की शिक्षाओं के जन-जन में प्रचार से हुआ था। हमारे वेदों के ज्ञानी ऋषि व आचार्य ही हमारे धर्म के प्रचारक व उसके संवाहक होते थे। सद्ज्ञान से युक्त ऋषियों व विद्वानों के होते […]

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इतिहास के पन्नों से

हमारा इतिहास आज भी गुलाम है

  आज स्वतंत्र भारत होते हुए भी भारतीय इतिहासकार मूलत विदेशी इतिहासकारों और मुग़लों के वेतनभोगी इतिहास लेखकों का अनुसरण करते दीखते हैं। इसी कड़ी में अपनी स्वामी भक्ति का परिचय देते हुए बाजीराव मस्तानी फ़िल्म के माध्यम से मराठा शक्ति के उद्भव और बाजीराव की वीरता से चिढ़ कर अपनी दकियानूसी मानसिकता का परिचय […]

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भारतीय संस्कृति

छह शत्रुओं और वाणी के दोषों से अपनी रक्षा करें : वेद

…………………………………………………… उलूकयातुं शुशुलूकयातुं जहि श्वयातुमुत कोकयातुम् । सुपर्णयातुमुत गृध्रयातुं दृषदेव प्र मृण रक्ष इन्द्र ।। अथर्ववेद- 8/4/22 भावार्थ:- योगीजन काम क्रोध आदि विकारों की तुलना पशु पक्षियों के स्वभाव से करते हैं। यहां छ: अवगुणों का संबंध पशु पक्षियों से किया गया है । उल्लू अंधकार अथवा मोह से प्रसन्न रहता है। मोह मानव का […]

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आज का चिंतन

दिल्ली के पहले अनिवासी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पड़ोसी राज्यों को थी कुछ आस…

संतोष पाठक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का पहला अनिवासी मुख्यमंत्री भी कहा जाता है। 2013 के विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित को हरा कर वो दिल्ली के विधायक और मुख्यमंत्री तो बने लेकिन उस समय तक वो दिल्ली में निवास नहीं करते थे। दिल्ली में विधानसभा के पुनर्गठन के बाद 1993 में हुए विधानसभा चुनाव […]

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देश विदेश

मैं सांस नहीं ले पा रहा हूँ’– यही वे अंतिम शब्द हैं जॉर्ज फ्लॉयड के….

डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त शरीर का रंग उसके स्वभाव का परिचायक कभी नहीं बन सकता। काला होना कोई श्राप नहीं है। क्या काला रंग वाकई इतना बुरा होता है जितना हम उसे मानते हैं या यह महज हमारे दिमाग के नजरिये का मामला है कि हमने काले रंग को गलत चीजों के साथ जोड़ […]

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मुद्दा

अनुच्छेद 30 से बहुसंख्यकों के साथ होता है भेदभाव

प्रवीण गुगनानी भारतीय संविधान का यह अनुच्छेद अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रचार और धर्म शिक्षा की इजाजत देता है, जो दूसरे धर्म के लोगों को हासिल नहीं है। जब हमारा देश धर्मनिरपेक्षता का हिमायती है तो इस आर्टिकल 30 की क्या जरूरत है? हाल ही मे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संविधान के अनुच्छेद […]

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भारतीय संस्कृति

ईश्वर हमसे दूर होकर भी हमारे निकट है

जो बंदगी करे वह बंदा होता है । गुरु के दरबार में बैठकर जो लोग उस प्यारे प्रभु का यजन और भजन करते हैं उन्हें गुरु ने प्यार से नाम दिया – बंदा। बाद में यह शब्द रूढ़ हो गया और सब लोगों के लिए ही ये बंदे लोग अर्थात भक्त लोग बंदा कहकर बुलाने […]

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इतिहास के पन्नों से

महाराणा प्रताप और हाकीम खान सूरी

लाभेश जैन (कांसवा) बंगलौर 9844402727 हाकीम खान सूरी का जन्म 1538 ई. में हुआ | ये अफगान बादशाह शेरशाह सूरी के वंशज थे | *साम्प्रदायिक सौहार्द्र व आत्म स्वाभिमान के लिए महाराणा प्रताप की सेना में शामिल हुए।* महाराणा प्रताप का साथ देने के लिए ये बिहार से मेवाड़ आए व अपने 800 से 1000 […]

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