ओ३म् ============ मनुष्य के अनेक कर्तव्य होते हैं। जो मनुष्य अपने सभी आवश्यक कर्तव्यों का पालन करता है वह समाज में प्रतिष्ठित एवं प्रशंसित होता है। जो नहीं करता वह निन्दा का पात्र बनता है। मनुष्य का प्रथम कर्तव्य स्वयं को तथा परमात्मा को जानना होता है। हम स्वयं को व परमात्मा को कैसे जान […]
महीना: जून 2020
श्याम सुंदर भाटिया श्याम सुंदर भाटिया तोप, गोला और बारूद की जंग का जवाब जंग ही नहीं हो सकता। हम गाँधी के देश के हैं। हम भगवान महावीर की धरती से हैं। हमारा अहिंसा में अटूट विश्वास है। बापू ने तो अहिंसा की पगडंडी पर चल कर देश को गौरों के चंगुल के बचाने […]
प्रस्तुति : आचार्य ज्ञान प्रकाश वैदिक भारत में हिंदुओं की चिंता करने वाले को आमतौर पर ‘दक्षिणपंथी’ कहा जाता है। लेकिन यहां की हिंदू-चिंताएं अमेरिका या अफ़्रीका के मूल निवासियों की चिंताओं से अलग नहीं हैं। पश्चिमी सांस्कृतिक, व्यापारिक, धार्मिक दबावों के खिलाफ़ हिंदुओं का विरोध उसी तरह का है, जो अमेरिका में रेड-इंडियन या […]
-स्वराज्य की कलम से अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक वीडियो संदेश में बॉलीवुड हस्तियों की चयनात्मक धर्मनिरपेक्षता और एजेंडे की आलोचना की। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सरपंच अजय पंडिता की हत्या की भी निंदा की। कंगना रनौत ने कहा, “कई बॉलीवुड हस्तियों और स्वघोषित बुद्धजीवियों को राष्ट्रीयता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न […]
_____________________________ अधिकांश पशुपालक ,गौपालन प्रेमी की यह स्वभाविक हार्दिक इच्छा होती है उसका गोवंश बीमार ना पड़े कम खाकर अधिक तथा लंबे समय तक दूध दे| प्रत्येक मौसम जलवायु परीक्षेत्र के अनुकूल हो | दूध की गुणवत्ता भी बेहतरीन हो… विदेशी गोवंश एचएफ जर्सी नस्ल की गाय तो सात जन्मों में भी इस शर्त को […]
‘तबकाते अकबरी’ के लेखक का मानना है कि महाराणा प्रताप ने 1572 ई. में जब मेवाड़ का राज्यभार संभाला था तो अकबर ने उन्हें समझा-बुझाकर अपने दरबार में बुलाने का प्रयास किया था। अकबर ने महाराणा को समझाने – बुझाने के लिए चार बार अपने दूत भेजे थे। इन दूतों में पहला व्यक्ति अकबर का […]
देश के नाम पर नई बहस: सांस्कृतिक बोध और मूल्य की दृष्टि से प्रो. निरंजन कुमार बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई कि देश का नाम इंडिया के बजाय केवल भारत किया जाना चाहिए। अदालत ने इस पर कोई फैसला तो नहीं सुनाया, लेकिन याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस मामले में […]
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””” गन्ना मूल वनस्पतिक तौर पर एक घास ही है, जिस की खेती ने मानव सभ्यता को नई दिशा दी है | अंग्रेजी में इसको सुगरकेन, संस्कृत में इक्षु कहते हैं | गन्ने के रस से निश्चित तापमान में उसे पकाकर विविध उत्पाद तैयार किए जाते हैं जिनमें गुड़ शक्कर खांड मिश्री बुरा चीनी शीरा […]
भारत में ही नहीं सारे विश्व में भी इस्लाम को मानने वाले लुटेरे बादशाह , सुल्तान या आक्रमणकारी जहाँ जहाँ भी गए , वहाँ – वहाँ ही उन्होंने स्थानीय लोगों के धार्मिक स्थलों का विध्वंस करना अपनी प्राथमिकता में सम्मिलित किया । इसका कारण केवल एक ही था कि इस्लाम को मानने वाले लोग पहले […]
*कोरोना को जाने* अनिल वैद्य विश्वविद्यालय से जनहित में सभी सम्मानित अधिवक्ताओं हेतु जारी *प्रश्न (1) :- क्या कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है* *उत्तर:-* नहीं! कोरोना वायरस एक निर्जीव कण है जिस पर *चर्बी की सुरक्षा-परत* चढ़ी हुई होती है। *यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे मारा नहीं जा सकता* […]